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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के भरतपुर में विदेशी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर अरबों रुपए की ठगी करने का मामला पुलिस की पकड़ में आया है। गिरोह के लोगों ने तीन लाख लोगों को अच्छी इनकम होने का झांसा देकर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करवाया और फिर रकम डकार गए। करीब तीन लाख से अधिक लोगों की राशि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करवा रखी थी।
अब तक पांच गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक, करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि गिरोह के लोगों ने हड़प ली है। बताया जा रहा है कि विदेशी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर प्रदेश में यह सबसे बड़ी ठगी बताई जा रही है। भरतपुर पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास चालीस लाख रुपए नकद, चालीस लाख की क्रिप्टोकरेंसी और पांच वाहन भी जब्त किए हैं।
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भारी मुनाफे का झांसा
भरतपुर पुलिस ने 3 लाख से अधिक निवेशकों से 3500 करोड़ रुपए से ज्यादा हड़पने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के सदस्य फर्जी निवेश वेबसाइट और उससे जुड़े नेटवर्क के जरिए ठगी कर रहे थे। भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कैलाश चंद्र बिश्नोई और जिला पुलिस अधीक्षक दिगत आनंद के निर्देशन में सीओ (सिटी) पंकज के नेतृत्व में गिरोह का पर्दाफाश किया गया।
12 नवंबर को मुकदमा दर्ज
पुलिस के मुताबिक, 12 नवंबर को थाना मथुरागेट में एक मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि एक वेबसाइट और मोबाइल ऐप विदेशी क्रिप्टोकरेंसी और फॉरेक्स मार्केट में भारी मुनाफे का दावा कर लोगों को निवेश के लिए उकसा रही थी। प्लेटफॉर्म निवेश पर उच्च लाभ, बोनस और ज्यादा लोगों को जोडऩे पर अतिरिक्त प्रलोभन देता था।
रूस की कंपनी, जयपुर से संचालित
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह की ओर से संचालित कंपनी किसी भी अधिकृत भारतीय एजेंसी से पंजीकृत नहीं है। जिस वेबसाइट को 2016 से रूस में संचालित होना दिखाया गया, वह वास्तव में नवंबर, 2022 में जयपुर से शुरू की गई। वेबसाइट के निर्माण और संचालन में संदीप और रजत शर्मा की मुख्य भूमिका सामने आई।
फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म
पुलिस जांच में सामने आया कि फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म शुरुआत से ही खुद को इंटरनेशनल स्तर पर संचालित कंपनी बताती रही। वेबसाइट दावा करती थी कि उसके पास 47 लाख से अधिक निवेशक हैं। वह 4.3 बिलियन डॉलर के फंड को देख रही है। कंपनी 2016 से रूस में संचालित है। इससे लोग पुरानी और विदेशी कंपनी मानकर निवेश करते रहे।
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हर दावा निकला झूठा
कंपनी के प्लेटफॉर्म के वास्तविक उपयोगकर्ताओं की संख्या करीब 4.7 लाख है, जबकि इन्होंने 47 लाख होना बता रखा था। फंड मैनेजमेंट का आंकड़ा झूठा पाया गया। 4.3 बिलियन डॉलर की जगह वास्तविक जमा राशि मात्र 350 मिलियन डॉलर यानी लगभग 3100 करोड़ रुपए ही मिली। दूसरी वेबसाइट से भी 9000 उपयोगकर्ताओं से 58 मिलियन डॉलर (लगभग 500 करोड़ रुपए) की ठगी का खुलासा हुआ है।
जयपुर के निकले गिरोह के सदस्य
पुलिस ने पांच लोगों को अरेस्ट किया है। ये सभी फर्जी निवेश नेटवर्क की संचालन टीम से जुड़े हुए हैं। इनमें से दो सगे भाई हैं। अतुल कुमार और मुकुल कुमार पुत्र देवेंद्र कुमार निवासी सांगानेर, जयपुर शामिल हैं। कृष्ण कुमार पुत्र मुकेश चंद निवासी शिवदासपुरा, जयपुर को भी हिरासत में लिया है। नेटवर्क में सहयोगी के तौर पर भूमिका निभाने वाले राकेश शर्मा निवासी भुसावर, भरतपुर और उमरावमल मानसरोवर, जयपुर को भी गिरफ्तार किया है।
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रिकवरी के लिए टीम एक्टिव
पुलिस जांच में साढ़े तीन हजार करोड़ की राशि हड़पने का मामला सामने आया है। पुलिस इससे भी अधिक ठगी से इनकार नहीं कर रही है। पूछताछ में ठगी की रकम बढ़ सकती है। उधर, पुलिस ने आरोपियों के साथ पूछताछ कर रही है। इस नेटवर्क से जुड़े लोगों के बारे में पता लगा रही है। साथ ही निवेशक से हड़पी रकम के बारे में पड़ताल कर रही है। पुलिस टीम रकम की रिकवरी में लगी हुई है।
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