जयपुर में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुआ बुजुर्ग, सीबीआई अफसर बन 37.52 लाख की ठगी

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक बार फिर बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगी का शिकार बनाया गया है। 74 वर्षीय बुजुर्ग से ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर 37.52 लाख की ठगी की। पुलिस ने शिकायत के बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान के जयपुर में एक 74 वर्षीय बुजुर्ग को सीबीआई अधिकारी बनकर ठगने की शर्मनाक घटना सामने आई है। साइबर अपराधियों ने बुजुर्ग को धमकाया और 37.52 लाख रुपए की साइबर ठगी कर दी। 

इन अपराधियों ने बुजुर्ग को यह कहकर डराया कि उनके आधार कार्ड से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा एक संदिग्ध बैंक ट्रांजेक्शन किया गया है। इसके बाद उन्हें और उनकी पत्नी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार करने की धमकी दी गई।

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सिम कार्ड से संदिग्ध ट्रांजेक्शन का डर

साइबर ठगों ने 9 अक्टूबर से अलग-अलग नंबरों से बुजुर्ग को कॉल करना शुरू किया। इन कॉल्स में ठगों ने कहा कि उनके आधार कार्ड से एक सिम कार्ड जारी हुआ था, जिससे दो करोड़ रुपए का फर्जी ट्रांजेक्शन हुआ है। ठगों ने उन्हें इस मामले से बचने के लिए पैसे देने की मांग की और धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो बुजुर्ग और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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ठगी के बाद बुजुर्ग का खुलासा

साइबर ठगों की धमकी पर बुजुर्ग ने उन्हें कुल 37 लाख 52 हजार 500 रुपए अलग-अलग खातों में जमा कर दिए। जब उन्हें पता चला कि वह डिजिटल अरेस्ट हो चुके थे और ठगी का शिकार हुए थे, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। इस मामले की रिपोर्ट उन्होंने करणी विहार थाने में दी, जहां पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की।

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पुलिस की जांच और कार्रवाई

पुलिस ने ठगी की शिकायत दर्ज करने के बाद जांच शुरू की। करणी विहार थाने के थानाधिकारी हवासिंह ने बताया कि इस मामले में बीएनएस की धारा 316 (2), 318 (4), 308 (2) और आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

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सावधान रहने की जरूरत

राजस्थान में लगातार बढ़ रही साइबर ठगी की घटनाओं के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय की साइबर क्राइम विंग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। पुलिस ने अपनी एडवाइजरी में यह चेतावनी दी है कि अगर कोई जांच एजेंसी के नाम पर अनजान कॉल करता है और रुपए की मांग करता है, तो यह साइबर ठगों की चाल हो सकती है। खासकर बुजुर्गों को इन ठगी के मामलों में निशाना बनाया जाता है।

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साइबर अपराध से बचाव के लिए क्या करें?

सावधानी बरतें : यदि कोई भी व्यक्ति आपके पास साइबर अपराध से जुड़ा मामला लेकर आता है, तो पहले उसकी सत्यता की जांच करें।
कभी भी पैसों की मांग नहीं करती : कोई भी सरकारी एजेंसी या जांच एजेंसी फोन करके पैसे की मांग नहीं करती।
सतर्क रहें : साइबर ठग अक्सर बुजुर्गों को अपना शिकार बनाते हैं, इसलिए उन्हें इस तरह की धोखाधड़ी से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।

इन उपायों को भी अपनाएं

अज्ञात कॉल से बचें : किसी भी अनजान कॉल से सावधान रहें, खासकर जब किसी एजेंसी का नाम हो।
सोशल मीडिया पर सतर्कता : सोशल मीडिया पर किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले जांच करें।
सामाजिक सलाह : अपने परिवार और दोस्तों से इस प्रकार के धोखाधड़ी के बारे में बात करें।

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