उदयपुर फाइल्स पर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक, केंद्र सरकार 7 दिन में लेगी फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म "उदयपुर फाइल्स" की रिलीज पर रोक लगाई, याचिकाकर्ता को दो दिन में केंद्र सरकार के पास आवेदन दर्ज करने का आदेश दिया। इस फिल्म को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद सहित कई अन्य ने रोक के लिए याचिकाएं लगाई है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक अहम आदेश जारी करते हुए फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज पर रोक लगा दी। यह फिल्म उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड पर आधारित है।
जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बैंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी सहित अन्य याचिकाओं पर विचार किया।
याचिकाकर्ताओं ने यह दावा किया था कि इस फिल्म के जरिए देश के मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है, और यह फिल्म साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का कारण बन सकती है।
साम्प्रदायिक तनाव का कारण बन सकती है फिल्म
फिल्म रिलीज के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने इस फिल्म से साम्प्रदायिक तनाव फैलने की आशंकाएं जताई हैं। अदालत ने इन याचिकाओं पर गंभीरता से विचार करने के बाद फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया है।
अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को दो दिन के अंदर अपनी आपत्ति केंद्र सरकार के पास दायर करनी होगी, और सरकार को एक सप्ताह के भीतर इस पर निर्णय लेना होगा। जब तक केंद्र सरकार निर्णय नहीं लेती, तब तक फिल्म की रिलीज पर रोक जारी रहेगी।
निर्णय से पहले अदालत ने फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, जिसमें याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा को फिल्म और इसके ट्रेलर की स्क्रीनिंग में शामिल किया गया। कपिल सिब्बल ने फिल्म देखने के बाद कहा, “जो मैंने देखा वह बेहद भयावह था। पूरी फिल्म एक समुदाय के खिलाफ है। यह देख कर विश्वास करना मुश्किल था।”
वहीं एएसजी चेतन शर्मा ने इसे एक क्राइम बेस्ड फिल्म बताया और कहा कि यह किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि एक विशिष्ट अपराध पर आधारित है। उन्होंने उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि इसे प्रमाणित करने वाले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के निर्णय के खिलाफ कोई कदम न उठाया जाए, क्योंकि यह फिल्म पहले ही विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित की जा चुकी है।
केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को लेना है निर्णय
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को फिल्म की दोबारा समीक्षा करने व इसे अनुमति देन या न देने का निर्णय लेने के निर्देश दिए है। इसके लिए उच्च न्यायालय द्वारा दोनों को सात दिनों का समय दिया हैे। इस समयावधि में सरकार और बोर्ड यदि फिल्म को पास करती है तो इसकी रिलीज होने की संभावनाएं बढ़ जाएगी।
फिल्म निर्माता कर रहे सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
फिल्म उदयपुर फाइल्स के निर्माता अमित जानी के अनुसार वे इस फिल्म पर लगी रोक के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रहे है। उन्होंने बताया कि इस फिल्म को विपक्षी वकील कपिल सिब्बल को दिखाया था, लेकिन उनका विरोध कायम है, जिसके चलते वे अब देश की सबसे बडी अदालत में अपील करेंगे। वे केंद्र सरकार से भी फिल्म को लेकर चर्चा करने की बात कहते है।
क्या है कन्हैयालाल हत्याकांड?
यह फिल्म वर्ष 2022 में राजस्थान के उदयपुर निवासी एक टेलर के हत्याकांड पर आधारित है। उदयपुर निवासी कन्हैयालाल द्वारा सोशल मीडिया पर तत्कालीन भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पक्ष में एक पोस्ट की थी, जिसे लेकर एक समुदाय विशेष द्वारा आपत्ति लेते हुए कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी।
फिल्म की सामग्री: फिल्म का कहानी उदयपुर के कन्हैयालाल टेलर हत्याकांड पर आधारित है,
याचिकाओं का आधार: याचिकाकर्ताओं का कहना है कि फिल्म से समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का रुख: फिल्म प्रमाणन से जुड़े मामलों में सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि यह अधिकार विशेषज्ञों का है।
कानूनी प्रक्रिया: उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार से संपर्क करने का निर्देश दिया है और एक सप्ताह का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट जाऐंगे निर्माता : फिल्म पर लगी रोक के विरोध में फिल्म निर्माता अमित जानी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की घोषणा कर चुके है।