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Photograph: (the sootr)
Jaipur. आज से देव जाग जाएंगे। साथ ही देवउठनी एकादशी से शुभ कार्य भी प्रारंभ होंगे। देवउठनी एकादशी पर एक नवम्बर को जयपुर समेत राजस्थान में हजारों शादियां होंगी। देवउठनी एकादशी अबूझ सावा माना जाता है, जिसमें शादी-विवाह और दूसरे शुभ कार्यों के लिए किसी भी तरह के मुहूर्त की जरूरत नहीं मानी जाती है। देवउठनी एकादशी से दिसम्बर तक शादियों की बहार रहेगी।
देवउठनी एकादशी अबूझ सावा
ज्योतिष और पंडितों के मुताबिक, देवउठनी एकादशी अबूझ सावा है। हर कोई अपने बेटे-बेटियों का विवाह इस दिन करने को उतावला रहता है। यही कारण है कि देवउठनी पर हजारों शादियां होती हैं। सामूहिक विवाह में बड़ी संख्या में जोड़े विवाह बंधन में बंधते हैं। पुराणों के मुताबिक, भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा के बाद देवउठनी एकादशी पर नींद से जागते हैं। इसे देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं।
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पचास हजार शादियों का अनुमान
पंडित मोनू महाराज का कहना है कि देवउठनी एकादशी अबूझ मुहूर्त है। देव सोने के चलते चार महीने तक कोई विवाह नहीं होते हैं। देवउठनी पर ही पहला विवाह मुहूर्त शुरू होता है। राजस्थान में पचास हजार शादियां होने का अनुमान है। जयपुर जिले में ही पांच हजार शादियां होगी।
हर समाज के बड़े सामूहिक विवाह सम्मेलन भी होंगे। इस दिन बिना मुहूर्त भी शादी कर सकते हैं। इस दिन तुलसी और भगवान शा​लिग्राम का विवाह हुआ था। इस दिन से ही शादी का सीजन प्रारंभ होता है। साथ ही गृह प्रवेश, व्यापार-प्रतिष्ठान का शुभारंभ जैसे मांगलिक कार्य भी इसी दिन से प्रारंभ होते हैं।
17 शुभ मुहूर्त हैं विवाह के
देवउठनी एकादशी से अगले महीने 6 दिसम्बर, 2025 तक सत्रह मुहूर्त शादी-विवाह समारोह के हैं। आज से ही शादियों की शुरुआत हो गई है। विवाह का आखिरी मुहूर्त 6 दिसंबर रहेगा। फिर शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा। इसके बाद दिसंबर में ज्यादा मुहूर्त नहीं होंगे। आमतौर पर 15 दिसंबर तक तो शादियों के मुहूर्त रहते ही हैं। इसके बाद धनुर्मास शुरू हो जाता है, जिसमें शादियां नहीं होतीं। नवम्बर और छह दिसम्बर के बीच सत्रह शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें हजारों शादियां होंगी।
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अगले साल भी खूब मुहूर्त
15 जनवरी को धनुर्मास खत्म होते ही फिर से शादियों का दौर शुरू हो जाएगा। अगले साल करीब साठ मुहूर्त शादी के हैं। इनमें हजारों-लाखों युवक-युवतियां परिणय बंंधन में बंधेंगे। शुक्र ग्रह अस्त होने के बाद एक भी मुहूर्त शादी का नहीं होगा।
वसंत पंचमी पर अबूझ मुहूर्त के चलते शादियां होती हैं। 2026 का पहला विवाह मुहूर्त 5 फरवरी को रहेगा। साल का आखिरी मुहूर्त 6 दिसंबर को होगा। सालभर में 60 विवाह मुहूर्त रहेंगे। साथ ही अबूझ सावे अलग से हैं।
बाजार में भी रहेगी धूम
शादियों का सीजन शुरू होते ही बाजार में भी रौनक रहेगी। खाने-पीने से लेकर जेवर की दुकानों पर खरीदारी की रौनक है। शादी-समारोह में कपड़े, सौंदर्य प्रसाधन, वाहन, आतिशबाजी, बैंड-बाजा सभी के व्यापार फलने-फूलने लगते हैं।
शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक शादी-समारोह की धूम रहती है। ऐसे में हर शहर, गांव-ढाणी के व्यापार को पंख लगते हैं। लोग भी शादी-समारोह में खूब खर्च करते हैं। बताया जाता है कि शादी समारोह के सीजन में पांच से सात लाख करोड़ रुपए का व्यापार पूरे देश में होता है।
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