डूंगरी बांध के विरोध में जुटी विशाल महापंचायत, ग्रामीणों ने कहा-जान दे देंगे, लेकिन बांध नहीं बनने देंगे

राजस्थान के सवाई माधोपुर के चकेरी गांव में डूंगरी बांध के विरोध में महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें हजारों ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी हाल में डूंगरी बांध नहीं बनने दिया जाएगा।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के तहत प्रस्तावित डूंगरी बांध के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। सवाई माधोपुर जिले के चकेरी गांव में आयोजित एक विशाल महापंचायत में सवाई माधोपुर और करौली जिलों के हजारों लोग शामिल हुए। इस महापंचायत में सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि डूंगरी बांध किसी भी हालत में नहीं बनने दिया जाएगा।

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ग्रामीणों ने किया विरोध

महापंचायत में हर गांव से आए वक्ताओं ने अपनी-अपनी बातें रखीं। सभी ने कहा कि अगर डूंगरी बांध बनता है, तो उनकी जमीन, जंगल और घर उजड़ जाएंगे। वर्तमान में लगभग 76 गांव डूब क्षेत्र में आ रहे हैं, लेकिन भविष्य में यह संख्या बढ़कर लगभग 300 तक पहुंच सकती है। ग्रामीणों ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी कि वे किसी भी सूरत में अपनी जमीन और पहचान नहीं छोड़ेंगे।

ग्रामीण बोले-सरकार गुमराह कर रही

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकार विकास के नाम पर उन्हें गुमराह कर रही है। उनका कहना है कि डूंगरी बांध का पानी स्थानीय जरूरतों के बजाय औद्योगिक परियोजनाओं को दिया जाएगा। उन्होंने इसे ग्रामीणों की आजीविका और अस्तित्व पर हमला बताया तथा मांग की कि इस परियोजना को रद्द किया जाए। वहीं स्थानीय संसाधनों का उपयोग पहले स्थानीय लोगों की जरूरतों के लिए किया जाए।

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महापंचायत में पूर्व विधायक गुढ़ा भी गरजे

महापंचायत में पूर्व विधायक राजेंद्र गुढ़ा भी पहुंचे। उन्होंने मंच से कहा कि योजनाएं जनता के लिए बनती हैं, लेकिन वर्तमान सरकार अनुभवहीन होने के कारण ऐसी योजनाएं बना रही है, जिनसे जनता को नुकसान हो रहा है। गुढ़ा ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि वे हर स्तर पर उनकी लड़ाई में साथ खड़े रहेंगे।

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जनता सरकार गिराने में सक्षम

गुढ़ा ने कहा कि जनता ही सरकार बनाती है और जनता ही उसे गिरा सकती है। उन्होंने ग्रामीणों से एकजुट रहने की अपील की और कहा कि उनकी मजबूती के आगे सरकार और अन्य नेता झुकने को मजबूर होंगे। महापंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रही, जिन्होंने डूंगरी बांध के खिलाफ आवाज बुलंद की।

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महापंचायत में मुख्य बिंदु

डूंगरी बांध का विरोध
ग्रामीणों की एकजुटता
महापंचायत में महिलाओं की भागीदारी
राजेंद्र गुढ़ा का बयान
स्थानीय संसाधनों का उपयोग

FAQ

1. डूंगरी बांध का विरोध क्यों हो रहा है?
डूंगरी बांध का विरोध इस कारण हो रहा है क्योंकि इससे ग्रामीणों की ज़मीन, जंगल, और घर प्रभावित होंगे, और अनुमान है कि लगभग 76 गाँव डूब क्षेत्र में आ सकते हैं।
2. क्या पूर्व विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने महापंचायत में क्या कहा था?
राजेंद्र गुढ़ा ने महापंचायत में कहा था कि जनता (Public) ही सरकार बनाती है और गिरा सकती है। उन्होंने ग्रामीणों को एकजुट रहने की अपील की और कहा कि सरकार को झुकने को मजबूर किया जा सकता है।
3. क्या सरकार का कहना है कि डूंगरी बांध के लिए पानी किसे दिया जाएगा?
सरकार का कहना है कि डूंगरी बांध का पानी स्थानीय ज़रूरतों (Local Needs) के बजाय औद्योगिक परियोजनाओं को दिया जाएगा, जो ग्रामीणों के लिए चिंता का कारण है।

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