डूंगरी बांध विवाद : नरेश मीणा की एंट्री, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को दे डाली यह चुनौती

नरेश मीणा ने डूंगरी बांध के विरोध में अपने बयान में कहा कि वह किसी भी हाल में बांध के निर्माण को रोकने के लिए तैयार हैं। भाजपा और सरकार पर भी कड़े आरोप लगाए।

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Nitin Kumar Bhal
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राजस्थान में एसडीएम थप्पड़ कांड (SDM Slap Incident) के बाद सुर्खियों में आए नरेश मीणा (Naresh Meena) ने सवाई माधोपुर जिले में दौरे के दौरान डूंगरी बांध के निर्माण के खिलाफ आंदोलन कर रहे स्थानीय लोगों से मुलाकात की। नरेश मीणा ने इस मुद्दे पर खुलकर अपने विचार रखे और कहा कि वह डूंगरी बांध का विरोध करेंगे, भले ही इसके लिए उन्हें किसी भी स्तर पर संघर्ष करना पड़े।

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डूंगरी बांध पर नरेश मीणा का कड़ा रुख

नरेश मीणा ने डूंगरी बांध के विरोध में बोलते हुए कहा, "अगर आप मुझे बुलाएंगे, तो मैं जरूर आऊंगा। राज्य सरकार डूंगरी बांध बनाना चाहती है, और आप लोग चाहते हैं कि यह बांध न बने, तो सबसे पहले आप राज्य की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों से मिलें और अपनी बात रखें। अगर फिर भी आपकी समस्या का समाधान नहीं होता, तो मुझे बताइए। मैं जरूर आऊंगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि डूंगरी बांध के विरोध में यदि उन्हें पुलिस की गोली भी खानी पड़ी, तो वह इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वह किसी भी सूरत में डूंगरी बांध के लिए एक ईंट तक नहीं लगने देंगे। उनका यह बयान उस समय आया, जब डूंगरी बांध के निर्माण को लेकर स्थानीय जनता में काफी नाराजगी थी और यह मुद्दा राजनीतिक हलकों में भी तूल पकड़ने लगा था।

नरेश मीणा का कहना था, "यह समय है जब हम सभी एकजुट होकर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं और यह साबित करें कि हम अपनी जमीन, अपने संसाधनों और अपने अधिकारों के लिए खड़े हैं।"

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पर कड़ा हमला

नरेश मीणा ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और PM नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर भी कड़े शब्दों में हमला किया। उनका कहना था, "कोई भी ताकत किसी भी सूरत में डूंगरी बांध को नहीं बना पाएगी। चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े, मैं पीछे नहीं हटूंगा।"

यह बयान नरेश मीणा के लिए एक सख्त चेतावनी के रूप में देखा गया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर डूंगरी बांध के निर्माण के खिलाफ खड़े रहेंगे।

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डूंगरी बांध विवाद क्या है?

  • डूंगरी बांध विवाद का पृष्ठभूमि

    • श्रीराम जल सेतु लिंक परियोजना के तहत बनास नदी पर प्रस्तावित डूंगरी बांध, करौली, सवाई माधोपुर और धौलपुर जिलों के 76 गांवों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है।

    • इस बांध का उद्देश्य 13 जिलों को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध कराना है, लेकिन इसके डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों के विस्थापन को लेकर स्थानीय ग्रामीण विरोध कर रहे हैं।

  • विरोध और प्रदर्शन

    • करौली-धौलपुर के सांसद भजनलाल जाटव ने इस मुद्दे को संसद में उठाया और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से मुलाकात कर बांध को निरस्त करने की मांग की।

    • 76 गांवों के ग्रामीणों ने कई महापंचायतें और प्रदर्शन आयोजित किए हैं, जैसे 6 जुलाई 2025 को डूंगरी गांव में, 22 जून 2025 को भूरीपहाड़ी में, और 13 जुलाई 2025 को सपोटरा में जिला स्तरीय महापंचायतें आयोजित की गईं।

    • 27 जुलाई 2025 को मकसूदनपुरा-चौहानपुरा में एक विशाल महापंचायत हुई, जिसमें हजारों ग्रामीणों ने भाग लिया।

  • ग्रामीणों के आरोप और चिंता

    • ग्रामीणों का कहना है कि बांध बनने से उनकी उपजाऊ कृषि भूमि, प्राकृतिक जल स्रोत, और सांस्कृतिक धरोहर नष्ट हो जाएगी।

    • रणथम्भौर टाइगर रिजर्व और कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य का 22-37 वर्ग किलोमीटर हिस्सा भी डूब क्षेत्र में आ सकता है, जिससे पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो सकता है।

  • विस्थापन का खतरा

    • पहले चरण में 76 गांवों के लगभग 50,000 दलित, आदिवासी और किसान परिवारों के विस्थापन का खतरा है।

    • ग्रामीणों का कहना है कि यह बांध उनकी सात पीढ़ियों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को नष्ट कर देगा।

भाजपा सरकार पर दलित अत्याचार के आरोप

नरेश मीणा ने भाजपा सरकार (BJP Government) पर भी निशाना साधते हुए कहा कि दलितों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह आरोप लगाया कि भाजपा के शासन में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। मीणा ने मलारना चोड़, तारनपुर, दुब्बी सहित कई गांवों में स्वागत के बाद बनोटा गांव (Banota Village) में रामदेवजी महाराज के मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी भाग लिया और वहाँ भी अपनी आलोचनाओं को तेज किया। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की सरकार दलितों और कमजोर वर्गों के खिलाफ अपनी नीतियों को लागू कर रही है, जो समाज में असंतोष पैदा कर रही है।

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डूंगरी बांध की गाजा की तुलना

डूंगरी बांध के विरोध में बोलते हुए, नरेश मीणा ने इसे गाजा में फिलिस्तीनी लोगों पर हुए अत्याचारों से जोड़ा। उनका कहना था कि "अगर डूंगरी बांध बनता है, तो सैकड़ों गांवों को उसी तरह उजाड़ दिया जाएगा, जैसे गाजा से फिलिस्तीनियों को उजाड़ा गया है।" उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह बांध न केवल स्थानीय लोगों के लिए खतरे का कारण बनेगा, बल्कि यह राज्य के कृषि, जलवायु और पर्यावरण पर भी नकारात्मक असर डालेगा।

नरेश मीणा ने अपने विरोध में स्थानीय लोगों को भी यह भरोसा दिलाया कि जब तक वह हैं, डूंगरी बांध का निर्माण नहीं होने पाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें लोगों के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी, और वह स्थानीय आंदोलनकारियों से समर्थन की अपील कर रहे हैं।

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नरेश मीणा एसडीएम थप्पड़कांड क्या है?

नरेश मीणा बारां जिले के रहने वाले हैं और छात्र राजनीति से अपना सफर शुरू किया। वे राजस्थान यूनिवर्सिटी में महासचिव रहे हैं। नरेश, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने कई बार कांग्रेस से टिकट की मांग की लेकिन असफल रहे। पिछले साल देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए उन्होंने 44,000 वोट हासिल किए थे। नवंबर-2024 में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता (टोंक) गांव के लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। नरेश मीणा पोलिंग बूथ पर आए और उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।

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डूंगरी बांध को लेकर 21 सितंबर को महापंचायत

नरेश मीणा ने इस दौरान यह भी घोषणा की कि वह 21 सितंबर 2025 को चकेरी गांव (Chakeri Village) में होने वाली महापंचायत में हिस्सा लेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि अधिक से अधिक संख्या में इस महापंचायत में शामिल हों और सरकार को सीधे चुनौती दें। यह महापंचायत राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन बनने की संभावना रखती है। 

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FAQ

1. नरेश मीणा ने डूंगरी बांध के विरोध में क्या कहा?
नरेश मीणा ने कहा कि वह किसी भी हाल में डूंगरी बांध के निर्माण को नहीं होने देंगे, भले ही इसके लिए उन्हें संघर्ष करना पड़े।
2. नरेश मीणा ने डूंगरी बांध को किससे जोड़ा?
नरेश मीणा ने डूंगरी बांध के विरोध में गाजा में फिलिस्तीनी लोगों के उजाड़े जाने की घटना से इसे जोड़ा।
3. नरेश मीणा ने किसको चुनौती दी है?
नरेश मीणा ने 21 सितंबर 2025 को चकेरी गांव में महापंचायत में भाग लेकर सरकार को चुनौती देने का आह्वान किया है।
4. नरेश मीणा का भाजपा सरकार के बारे में क्या कहना था?
नरेश मीणा ने भाजपा सरकार पर दलितों के खिलाफ अत्याचार और कानून व्यवस्था में गिरावट का आरोप लगाया।
5. क्या नरेश मीणा डूंगरी बांध मुद्दे पर राजनीतिक रूप से सक्रिय होंगे?
जी हां, नरेश मीणा ने डूंगरी बांध के विरोध में राजनीतिक रूप से सक्रिय होने का ऐलान किया है और यह मुद्दा राज्य की राजनीति का अहम हिस्सा बन गया है।

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