पेंशन में भी घोटाला : मृतकों के नाम पर जारी रहा पेंशन का भुगतान, सरकार को लगी 352 करोड़ की चपत

राजस्थान में मृतकों के नाम पर करोड़ों रुपए की पेंशन का फर्जीवाड़ा। 352 करोड़ की वसूली का लक्ष्य। सरकार ने डिजिटल पोर्टल की शुरुआत की। नए पोर्टल से पेंशन के दुरुपयोग पर रोक लगाई जाएगी। वहीं वसूली की प्रक्रिया तेज होगी।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें मृतकों के नाम पर पेंशन का भुगतान जारी रहा। कई मामलों में मृतकों और विधवाओं के पुनर्विवाह के बावजूद पेंशन का भुगतान महीनों तक किया गया। कुल मिलाकर 3.50 लाख से ज्यादा ऐसे मामलों में अब तक 352 करोड़ 22 लाख रुपए का फर्जी भुगतान किया गया है। इससे सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान हुआ है।

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कितनी हुई वसूली?

2022 से 2024 तक पेंशनधारकों से 352 करोड़ रुपए की वसूली का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक केवल 35 करोड़ 15 लाख रुपए की वसूली की जा सकी है। अभी भी 317 करोड़ रुपए की वसूली बाकी है। विभाग अब इन फर्जी मामलों की जांच और वसूली के लिए सख्त कदम उठा रहा है।

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फर्जीवाड़े का तरीका

पेंशन का वार्षिक वेरिफिकेशन होने के बावजूद कई मामलों में मृतकों और अपात्र पेंशनधारकों की जानकारी समय पर विभाग तक नहीं पहुंचती। नतीजतन, पेंशन महीनों तक खाते में जमा होती रहती है, जिससे राज्य को वित्तीय नुकसान होता है। खासकर जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके बाद भी पेंशन जारी रहती है, क्योंकि विभाग को इसकी जानकारी देर से मिलती है।

नए डिजिटल पोर्टल से होगी कार्रवाई

इस फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए विभाग एक नया डिजिटल पोर्टल शुरू कर रहा है। इस पोर्टल के तहत, पंचायत स्तर पर ग्राम सेवक और पटवारी को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे मृतक की जानकारी तुरंत ऑनलाइन विभाग को भेजें, ताकि पेंशन तुरंत रोकी जा सके। इसके अलावा, फिजिकल वेरिफिकेशन और गिव अप अभियान के माध्यम से इस फर्जीवाड़े को और भी कम करने की योजना बनाई गई है।

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कहां हुई सबसे ज्यादा वसूली?

जयपुर जिले में सबसे ज्यादा रिकवरी हुई है। यहां 22,691 पेंशनधारकों से 24.28 करोड़ रुपए की वसूली योग्य पाई गई है। इसके अलावा सीकर, झुंझुनूं, भीलवाड़ा और आदिवासी जिलों में भी कई मामलों में वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि विभाग को वसूली के मामले में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है।

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वर्ष 2025 में पेंशन निरस्तीकरण

1 अप्रैल, 2025 से 19 दिसंबर, 2025 तक 3,07,802 पेंशनरों की पेंशन निरस्त की गई। इन मामलों में मृत्यु के बाद भी पेंशन जारी रहना, डुप्लीकेट पेंशन, फर्जीवाड़ा और अन्य अपात्रताएं शामिल थीं। झालावाड़, टोंक और पाली जैसे जिलों में सबसे ज्यादा पेंशन निरस्तीकरण की कार्रवाई की गई।

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खास बातें

  • पेंशनधारकों की मृत्यु या पुनर्विवाह के बाद भी उनकी पेंशन जारी रहती है, क्योंकि विभाग को समय पर सूचना नहीं मिल पाती। परिणामस्वरूप खजाने को नुकसान होता है।
  • राजस्थान में 2025 में 3,07,802 पेंशनरों की पेंशन निरस्त की गई है। इन मामलों में कई कारणों से पेंशन जारी रहती थी, जैसे मृतकों के नाम पर जारी रहा पेंशन का भुगतान।
  • सरकार ने एक नया डिजिटल पोर्टल शुरू किया है, जिसके तहत ग्राम सेवक और पटवारी को मृतकों की जानकारी तुरंत विभाग को देने का आदेश दिया गया है।
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