फास्ट फूड से पहुंच रहे अस्पताल : प्रदेश में युवा भी हो रहे शिकार, पाचन संबंधी समस्याएं सबसे ज्यादा

राजस्थान सहित देश भर में फास्ट फूड के सेवन से युवा पाचन संबंधी परेशानियों का सामना कर रहे हैं, जिससे बवासीर, फिशर और फिस्टूला जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। इनसे बचना बहुत जरूरी है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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आजकल फास्ट फूड का सेवन युवाओं में आम हो गया है। पिज्जा, बर्गर, मोमोज और अन्य स्नैक्स युवाओं के रोजमर्रा के आहार का हिस्सा बन गए हैं। हालांकि इनका अधिक सेवन पाचन तंत्र पर बुरा असर डाल रहा है। राजस्थान के अस्पतालों में सप्ताह में तीन से पांच दिन फास्ट फूड खाने वाले युवा को पाचन संबंधी समस्याओं के कारण इलाज के लिए भर्ती हो रहे हैं।

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फास्ट फूड से मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं

फास्ट फूड खाने से शरीर पर कई गंभीर असर पड़ सकते हैं, जिनमें बवासीर (Hemorrhoids), फिशर (Fissures) और फिस्टुला (Fistula) जैसी समस्याएं शामिल हैं। ये बीमारियां पहले उम्र के बड़े वर्ग में पाई जाती थीं, लेकिन अब ये 20 से 25 साल के युवाओं में भी देखी जा रही हैं। कोरोना के बाद पिछले पांच वर्षों में इन रोगियों की संख्या तीन गुना बढ़ चुकी है।

क्या है इन बीमारियों का कारण?

पिज्जा, मोमोज और अन्य फास्ट फूड में ज्यादा मात्रा में मैदा (Refined Flour) और तीखे मसाले (Spicy Ingredients) होते हैं। इनका ज्यादा सेवन कब्ज (Constipation) का कारण बन सकता है, जिससे आंतों में इन्फ्लेमेशन और अन्य पाचन समस्याएं उत्पन्न होती हैं। खासकर मोमोज और अन्य मैदा से बने उत्पादों का अधिक सेवन करने से यह समस्या बढ़ रही है।

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कम पानी पीने का भी है असर

पानी का कम सेवन भी पाचन समस्याओं को बढ़ावा देता है। 18 से 30 साल के युवा, जो दिनभर कोचिंग, जॉब या अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं, वे अधिकतर फास्ट फूड खाते हैं और पर्याप्त पानी नहीं पीते। यह आदत लंबे समय तक रहने से पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें कब्ज, गैस और पेट दर्द शामिल हैं।

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फास्ट फूड से जुड़ी बीमारियों के लक्षण

बवासीर (Hemorrhoids) : गुदा या मलाशय की नसों में सूजन और गांठें बन जाती हैं, जिससे मलत्याग के दौरान खून आना शुरू हो जाता है।
फिशर (Fissures) : गुदा में दरारें आ जाती हैं, जिसके कारण मल त्याग के दौरान तेज जलन और दर्द होता है।
फिस्टुला (Fistula) : गुदा और त्वचा के बीच एक खड्डा बन जाता है, जिससे सूजन, मवाद और दर्द की स्थिति बनी रहती है।

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फाइबर और इसके लाभ

स्वस्थ पाचन के लिए फाइबर का सेवन अत्यंत महत्वपूर्ण है। वयस्कों को प्रतिदिन लगभग 28 ग्राम फाइबर (Fiber) का सेवन करना चाहिए। फाइबर की कमी से कब्ज, पेट फूलना, अस्थिर रक्त शर्करा का स्तर और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नियमित रूप से फाइबर की मात्रा बढ़ाने से इन समस्याओं में कमी आती है और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है।

फास्ट फूड से बचने के लिए क्या करें?

फाइबर का सेवन बढ़ाएं : ज्यादा फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालें खाएं।
पानी का सेवन बढ़ाएं : हर दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
स्वस्थ विकल्प चुनें : फास्ट फूड के बजाय घर का बना हुआ भोजन खाएं, जो पोषक तत्वों से भरपूर हो।

FAQ

Q1: क्या फास्ट फूड खाना सेहत के लिए हानिकारक है?
हां, फास्ट फूड का अधिक सेवन पाचन संबंधी समस्याओं जैसे बवासीर, फिशर और फिस्टुला का कारण बन सकता है। इसके अलावा, यह वजन बढ़ाने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देता है।
Q2: क्या फास्ट फूड से कब्ज (Constipation) की समस्या हो सकती है?
जी हां, फास्ट फूड में अधिक मात्रा में मैदा और मसाले होते हैं, जो आंतों में जमा होकर कब्ज का कारण बन सकते हैं। यह समस्या अधिकतर 20-30 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं में देखने को मिल रही है।
Q3: स्वस्थ पाचन के लिए क्या आहार लिया जाना चाहिए?
स्वस्थ पाचन के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, फाइबर (Fiber) से भरपूर आहार लेना और ताजे फल और सब्जियां खाना महत्वपूर्ण है। साथ ही, फास्ट फूड और प्रोसेस्ड आहार से बचना चाहिए।

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