चुनाव आयोग ने छह सालों से निष्क्रिय राजस्थान से राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी की पार्टी भारत वाहिनी को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस का जबाव देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। चुनाव आयोग ने यह कदम इसलिए उठाया है कि इस पार्टी ने बीते छह वर्षो में किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है। चुनाव आयोग ने लंबे समय से निष्क्रिय चल देशभर की ऐसी नौ अन्य पार्टियों को भी नोटिस जारी कर जबाव तलब किया है।
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इन 9 राजनीतिक दलों को थमाएं नोटिस
चुनाव आयोग ने भारत वाहिनी पार्टी सहित कुल 9 राजनीतिक दलों को नोटिस जारी किया है। इन दलों को 15 दिन के भीतर आयोग के सामने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना है। यदि इन पार्टियों का कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो चुनाव आयोग इन्हें पंजीकृत दलों की सूची से बाहर कर सकता है। आयोग के द्वारा जारी किए गए अन्य दलों में राजस्थान जनता पार्टी, राष्ट्रीय जन सागर पार्टी, खुशाल किसान पार्टी, भारतीय जन हितकारी पार्टी, नेशनल जनसत्ता पार्टी, नेशनलिस्ट पीपुल्स फ्रंट, स्वच्छ भारत पार्टी, महाराणा क्रांति पार्टी जैसी राजनीतिक पार्टियाँ शामिल हैं।
15 दिन में देना है जबाव
मुख्य चुनाव आयुक्त की ओर से जारी इस नोटिस में इन सभी पार्टी के अध्यक्ष या महासचिव या दल प्रमुख को आयोग के समक्ष पेश होकर अपना स्पष्टीकरण रखने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 15 दिन का समय दिया है। इसके बाद आयोग स्पष्टीकरण से संतुष्ट न होने पर इन पार्टियों को पंजीकृत दलों की सूची से बाहर करेगा।
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खत्म हो सकती है पार्टी की मान्यता
भारत वाहिनी पार्टी और अन्य दलों को नोटिस जारी होने का चुनावी राजनीति पर असर पड़ेगा। इन पार्टियों के खिलाफ चुनाव आयोग का कदम, उनका राजनीतिक भविष्य सवालों के घेरे में डाल सकता है। चुनाव आयोग द्वारा उठाया गया यह कदम उन दलों के लिए एक चेतावनी हो सकता है जो चुनावी गतिविधियों से दूर रहते हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन दलों को जनता से चुनावी समर्थन मिलने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि वे एक वैध पार्टी के रूप में अपनी पहचान खो सकते हैं।
नेता जी और पार्टी का इतिहास
राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से मतभेदों के बाद पहले कांग्रेस का दामन था, लेकिन यहां विचारधारा मेल न खाने पर उन्होंने स्वयं की पार्टी बनाई थी।भाजपा से अलग होकर 2018 में भारत वाहिनी पार्टी का गठन किया था। उन्होंने इस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में अपने बेटे अखिलेश तिवाड़ी को चुना। पार्टी ने 2018 में सांगानेर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन इसके बाद से पार्टी ने किसी भी राज्य या राष्ट्रीय चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। घनश्याम तिवाड़ी की पार्टी के राजनीतिक सफर और भविष्य पर चुनाव आयोग का नोटिस यह एक बड़ा प्रभाव डालने जा रहा है।
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