खाद्य सुरक्षा योजना से 52.62 लाख लोग बाहर, 25 लाख अपात्र तो 27.62 लाख ने नहीं कराई ई-केवाईसी
राजस्थान सरकार की खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र लोगों के जुड़ जाने के कारण पात्र लोगों को लाभ मिलना हुआ मुश्किल, सरकार की नए अभियान से स्थिति बदलने की कवायद।
राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना से 52.62 लाख लोग बाहर हो गए हैं। इस योजना में बड़ी संख्या में अपात्र लोग जुड़ गए थे। इन्हें बाहर करने के लिए सरकार ने अभियान चला रखा है। सूत्रों ने बताया कि बाहर होने वाले लोगों में 25 लाख अपात्र लोगों ने स्वेच्छा से योजना से अपना नाम कटवा लिया। वहीं 27.62 लाख लोग ऐसे थे, जिन्होंने ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की थी, जिसके कारण उनका नाम खाद्य सुरक्षा सूची से स्वतः हट गया।
इसके बाद योजना में 54 लाख लोग नए लाभार्थी के रूप में जुड़ गए हैं यानी कि 52.62 लाख लोग बाहर होने के बाद नए 54 लाख लोगों को मौका मिला है। योजना के तहत सरकार ने कुल 4.46 करोड़ लाभार्थियों का लक्ष्य तय किया था। इसमें लक्ष्य पूरा होने के बाद नए पात्र लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल रहा था, क्योंकि कई अपात्र लोग योजना से जुड़ गए थे। ऐसे में सरकार ने अपात्र लोगों को स्वेच्छा से बाहर निकालने के लिए गिव अप अभियान शुरू किया। इसमें 25 लाख लोग स्वेच्छा से बाहर हो गए।
कुल 52.62 लाख लोग हुए बाहर
सरकार ने उन 27.62 लाख लोगों को भी योजना से बाहर कर दिया, जिन्होंने ई-केवाईसी नहीं करवाई गई। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने इन लोगों को भी अपात्र लाभार्थियों की सूची में जोड़ दिया। इस तरह से कुल 52.62 लाख लोग बाहर हो गए हैं।
54 लाख नए लाभार्थियों को मिली खाद्य सुरक्षा
खाद्य सुरक्षा पोर्टल को पुनः प्रारंभ करने के बाद अब तक 54 लाख से अधिक पात्र लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है। यह योजना अब उन परिवारों को प्राथमिकता दे रही है, जो अब तक खाद्य सुरक्षा से वंचित थे।
गिव अप अभियान में राज्यों की स्थिति
इस अभियान को राजस्थान के विभिन्न जिलों में सफलता मिली है। जयपुर जिले में 2 लाख 6 हजार 596, सीकर में 95 हजार 582, उदयपुर में 92 हजार 428, बीकानेर में 88 हजार 787 और बांसवाड़ा में 86 हजार 530 लोगों ने स्वेच्छा से अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाया है।
राज्य सरकार ने 2025-26 के बजट में 10 लाख नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ने की योजना बनाई थी, जिसे बजट सत्र के दौरान ही पूरा कर लिया गया। खाद्य सुरक्षा के तहत पात्र लाभार्थियों को मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना के तहत 450 रुपए में 12 गैस सिलेंडर, मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना के तहत 5 लाख रुपए का सुरक्षा बीमा और मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।
क्या योजना अपने उद्देश्य में सफल हो पाएगी?
राजस्थान सरकार के नेतृत्व में चलाया जा रहा गिव अप अभियान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा के निर्देशन में 1 नवंबर, 2023 से शुरू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य खाद्य सुरक्षा योजना से उन सक्षम व्यक्तियों को स्वेच्छा से नाम हटवाने के लिए प्रेरित करना था, जो इसका लाभ लेने के हकदार नहीं थे। सवाल यह है कि क्या योजना अपने उद्देश्य में सफल हो पाएगी?
FAQ
1. 'गिव अप अभियान' का उद्देश्य क्या था?
'गिव अप अभियान' का मुख्य उद्देश्य उन सक्षम व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा योजना से स्वेच्छा से अपना नाम हटवाने के लिए प्रेरित करना था, ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिल सके।
2. राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कितने नए लाभार्थी जोड़े गए हैं?
राजस्थान में 54 लाख से अधिक नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा गया है, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
3. क्या सरकार ने आगामी बजट में खाद्य सुरक्षा योजना के लिए कोई नया लक्ष्य तय किया है?
हां, राज्य सरकार ने आगामी बजट 2025-26 में 10 लाख नए लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बजट सत्र के दौरान पूरा किया गया।