राजस्थान सरकार का अजीबाेगरीब फैसला, अब भेड़ों की निगरानी करेंगे सरकारी शिक्षक

राजस्थान के शिक्षकों को अब भेड़ों पर नजर रखने के लिए ड्यूटी पर लगाया गया है। वहीं प्रशासन के इस निर्णय से शिक्षकों में नाराजगी है। शिक्षक संगठनों ने अब इस निर्णय का विरोध प्रारंभ कर दिया है।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान सरकार के तहत सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों से जुड़ा एक नया विवाद सामने आया है। उदयपुर जिले के प्रशासन ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने का आदेश जारी किया है, जिसमें भेड़ों की निगरानी कार्य शामिल है।

यह आदेश वायरल होने के बाद, शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध प्रारंभ कर दिया है और शिक्षा मंत्री से इसे रद्द करने की मांग की है। यह घटना शिक्षा व्यवस्था और शिक्षक वर्ग के कामकाजी दायित्वों पर सवाल उठाती है। 

अपने क्षेत्र की भेड़ों पर नजर रखेंगे सरकारी टीचर

उदयपुर जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश के अनुसार बारिश के मौसम में राज्य के भेड़ पालक अपने-अपने क्षेत्रों में लौट आते है, इस दौरान इनकी गिनती, इनके आवागमन पर नजर रखने का काम सरकारी शिक्षकों के भरोसे दिया गया है।

उदयपुर जिले में भेड़ पालन बडे़ पैमाने पर किया जाता है, जिसके चलते सरकारी स्कूल के शिक्षकों को अपने स्कूल के आसपास के क्षेत्र में भेड़ पालक किसानों से संपर्क करने व भेड़ों की निगरानी के आदेश दिए गए है।  

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शिक्षकों पर काम का बोझ, पढ़ाई होगी प्रभावित

जुलाई माह की शुरुआत के साथ ही, राजस्थान के स्कूलों में शिक्षकों पर पहले से ही कई गैर शैक्षणिक कार्यों का दबाव है। पौधरोपण से लेकर किताबों का वितरण जैसे काम शिक्षक कर रहे है। अब भेड़ों की निगरानी तक जैसा काम भी शिक्षकों के कंधों पर डाल दिया गया है। हालांकि, स्कूलों में शिक्षा का कार्य भी चालू है, काम के बोझ के चलते शिक्षक अपने मूक काम बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे है। 

IN SHORT में समझिए शिक्षक और भेड़ों से जुड़ा यह मामला  

उदयपुर प्रशासन का आदेश: उदयपुर जिला प्रशासन ने शिक्षकों को भेड़ों की निगरानी जैसे गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने का आदेश जारी किया है।

शिक्षकों पर कार्यभार बढ़ा: जुलाई माह में शिक्षकों को पहले से ही पौधरोपण, किताबों का वितरण, और अन्य प्रशासनिक कार्यों का दबाव था। अब भेड़ों की निगरानी जैसे कार्य भी उनके कंधों पर डाल दिए गए हैं।

शिक्षक संगठनों का विरोध: शिक्षक संगठनों ने इस आदेश का विरोध किया है और इसे शिक्षकों के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। 

शिक्षकों की कार्यक्षमता पर प्रभाव: संगठन का कहना है कि गैर शैक्षणिक कार्यों का बोझ शिक्षकों की कार्यक्षमता को प्रभावित करेगा, जिससे शिक्षा के स्तर में गिरावट हो सकती है।

शिक्षा मंत्री से अपील: शिक्षक संगठनों ने शिक्षा मंत्री से अपील की है कि वे इस आदेश को निरस्त करें, ताकि शिक्षकों को उनके मुख्य शैक्षिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का समय मिल सके।

शिक्षक संगठनों ने किया विरोध

शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह कदम उनके अधिकारों का उल्लंघन है। उनका मानना है कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षकों को शैक्षिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने दिया जाना चाहिए, न कि उन्हें गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त किया जाए। संगठन ने इस आदेश के खिलाफ प्रदर्शन किया और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है।  

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संगठन ने शिक्षा मंत्री से की अपील

शिक्षक संगठनों का कहना है कि सरकार के जरिए शिक्षकों पर इस प्रकार के अतिरिक्त कार्यों का बोझ डालना उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित करेगा। उनका तर्क है कि यदि यह स्थिति बनी रही, तो यह शिक्षा के स्तर को गिराने का कारण बनेगा। संगठन ने शिक्षा मंत्री से अपील की है कि वे इस आदेश को निरस्त करें ताकि शिक्षकों को उनके मूल कार्य करने का समय मिल सके।

शिक्षकों का अतिरिक्त कार्यभार

जिला प्रशासन का कहना है कि इस आदेश का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में सहायता प्रदान करना है, लेकिन शिक्षक संगठनों का कहना है कि इससे स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। वे यह भी कहते हैं कि वे पहले ही स्कूलों में प्रवेशोत्सव जैसे कार्यक्रमों में व्यस्त हैं।  

राजस्थान में भेड़ पालन का महत्व 

आर्थिक योगदान
राजस्थान में भेड़ पालन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करता है। भेड़ों से मिलने वाली ऊन, मांस, और दूध विभिन्न उद्योगों में उपयोगी होते हैं। राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में भेड़ पालन से हजारों परिवारों को आय का एक अच्छा स्रोत मिलता है। राज्य में प्रमुख भेड़ पालन जिलों में चित्तौड़गढ़,उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, और सिरोही शामिल हैं।

ऊनी उद्योग (Wool Industry)
राजस्थान में भेड़ों से प्राप्त ऊन का इस्तेमाल पूरे भारत में किया जाता है, खासकर ऊनी वस्त्र और गलीचे बनाने में। राजस्थान की भेड़ों की ऊन की गुणवत्ता भी बहुत अच्छी मानी जाती है, जो भारतीय ऊनी उद्योग में योगदान देती है।

मांस और अन्य उत्पाद (Meat and Other Products)
इसके अलावा, भेड़ पालन का एक अन्य प्रमुख पहलू मांस उत्पादन है। राजस्थान में विभिन्न प्रकार के मांस उत्पादों का बाजार है, जो अन्य राज्य और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात किए जाते हैं।

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राजस्थान शिक्षक | भेड़ निगरानी करेंगे शिक्षक

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