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Photograph: (the sootr)
Bharatpur. नववर्ष के आगमन से पहले गोवर्धन एक बार फिर आस्था और भक्ति के रंग में रंग गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के परिवार ने यहां सप्तकोसीय दंडवत (पट्या) परिक्रमा शुरू कर दी है। इस परिक्रमा में मुख्यमंत्री की पत्नी गीता देवी, पुत्र आशीष और उनके साले श्याम कटारा हिस्सा ले रहे हैं। यह परिक्रमा उनके धार्मिक विश्वास और भक्ति का प्रतीक बन चुकी है।
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सीएम करेंगे श्रीनाथजी के दर्शन
हर साल की तरह इस वर्ष भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नववर्ष के अवसर पर गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में स्थित श्रीनाथजी के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। उनका 31 दिसंबर को गोवर्धन जाने का प्रस्तावित दौरा है, जहां वे श्रीनाथजी के दर्शन कर धर्म लाभ प्राप्त करेंगे।
सीएम परिवार की 20 साल पुरानी परंपरा
मुख्यमंत्री बनने के बाद से भजनलाल शर्मा और उनके परिवार ने गोवर्धन में नियमित रूप से दंडवत परिक्रमा करने की परंपरा को कायम रखा है। यह परंपरा पिछले करीब 20 सालों से जारी है। मुख्यमंत्री के परिवार का हर सदस्य इस धार्मिक यात्रा का हिस्सा बनता रहा है। उनका यह धार्मिक रिवाज न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज में भी भक्ति और श्रद्धा की भावना को बढ़ावा देता है।
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सप्तकोसीय दंडवत परिक्रमा का महत्व
गोवर्धन की सप्तकोसीय दंडवत परिक्रमा को श्रद्धा, संयम और आत्मिक साधना का प्रतीक माना जाता है। यह परिक्रमा न केवल शारीरिक थकान को दूर करती है, बल्कि मन की शांति और शुद्धता की दिशा में भी मदद करती है। यह परिक्रमा गोवर्धन पर्वत के चारों ओर की जाती है और इसका महत्व धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक है।
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गोवर्धन में धार्मिक गतिविधियों की रौनक
नववर्ष के आगमन से पहले गोवर्धन में धार्मिक गतिविधियों की रौनक बढ़ गई है। श्रद्धालु और भक्त यहां इकट्ठा हो रहे हैं और इस पावन अवसर का लाभ उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का प्रस्तावित दौरा भी इन गतिविधियों को और बढ़ावा देगा। प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं, ताकि इस महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा को व्यवस्थित रूप से आयोजित किया जा सके।
मुख्य बातें
- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पत्नी-बेटे ने की गोवर्धन की सप्तकोसीय दंडवत परिक्रमा। मुख्यमंत्री का गोवर्धन परिक्रमा में हिस्सा लेना धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक है।
- यह परंपरा उनके परिवार के लिए पिछले 20 वर्षों से चल रही है और इससे सामाजिक और धार्मिक एकता को बढ़ावा मिलता है।
- सप्तकोसीय दंडवत परिक्रमा श्रद्धा, संयम और आत्मिक साधना का प्रतीक मानी जाती है। यह परिक्रमा गोवर्धन पर्वत के चारों ओर की जाती है।
- दंडवत परिक्रमा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि इसे आत्मा की शुद्धि और भक्ति का माध्यम माना जाता है।
- मुख्यमंत्री के गोवर्धन दौरे के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज की गई हैं। आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों द्वारा सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।
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