पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया फिर विवादों में, महाराणा प्रताप पर विवादित बयान देकर घिरे

राजस्थान के वरिष्ठ भाजपा नेता और पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया फिर विवादों में घिरे। महाराणा प्रताप पर विवादित बयान और अन्य कई बयान, पूर्व में माफी भी मांगी। अब एक बार फिर कटारिया के विवादित बयान से सियासी बवाल मचा।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Udaipur. राजस्थान के मेवाड़ में भाजपा के कद्दावर नेता रहे और वर्तमान में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उनका विवादित बयान प्रात: स्मरणीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप से जुड़ा है। कटारिया ने महाराणा प्रताप के बारे में ऐसा बयान दिया है, जिससे एक नया सियासी बवाल खड़ा हो गया।

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क्या कहा था कटारिया ने?

कटारिया ने अपने बयान में कहा कि पहली बार विधायक भूरा भाई बनकर आए थे और पहली विधानसभा में सरकार बनाई थी। क्या हमने विकास के पैसे गोगुंदा में भेजे थे? क्या अब हल्दीघाटी, पोखरगढ़ और चावंड जैसे स्थल भी जाने जाते हैं? उनका यह बयान महाराणा प्रताप से जुड़ा था, जिसे लेकर सियासी हलकों में काफी विवाद हुआ।

बयान पर सियासी प्रतिक्रिया

राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के बयान के बाद राजनीतिक हलकों में जबर्दस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली। विशेष रूप से क्षत्रिय करणी सेना के संस्थापक डॉ. राज शेखावत ने कटारिया को सोशल मीडिया पर धमकी दी। इस धमकी के बाद एसपी योगेश गोयल के निर्देश पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

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कटारिया के पहले विवादित बयान

यह पहली बार नहीं है, जब कटारिया विवादों में आए हैं। 2020 में जब वे नेता प्रतिपक्ष थे, उन्होंने महाराणा प्रताप को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि क्या महाराणा प्रताप को पागल कुत्ते ने काटा था, जो अपनी राजधानी छोड़कर रोता फिरता था। इस बयान पर पूरे प्रदेश में विरोध हुआ, जिसके बाद कटारिया को माफी मांगनी पड़ी।

वाल्मीकि समाज पर विवादित शब्द

2023 में राज्यपाल कटारिया ने मां पन्नाधाय की मूर्ति के अनावरण समारोह के दौरान वाल्मीकि समाज के लिए असंवैधानिक शब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद वाल्मीकि समाज में विरोध हुआ और कटारिया को माफी मांगनी पड़ी।

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2020 में पार्टी ने प्रचार से हटाया

2020 में कटारिया के विवादित बयान के बाद भाजपा की परेशानी बढ़ गई। प्रदेश आलाकमान ने कटारिया को सियासी क्वारंटाइन में डाल दिया और प्रचार से दूर कर दिया। इसके बाद भाजपा के उम्मीदवारों ने भी कटारिया को अपने होर्डिंग्स और पोस्टर्स से हटा दिया था।

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राज्यपाल बनने के बाद सक्रियता

कटारिया को 2023 में असम का राज्यपाल नियुक्त किया गया था और 2024 में उन्हें पंजाब का राज्यपाल बना दिया गया। हालांकि कटारिया का दखल मेवाड़ की सियासत में अभी भी कायम है। वे अब भी यहां छोटे-बड़े विकास कार्यों के उद्घाटन और शिलान्यास के लिए आते रहते हैं। कई बार तो वे एक माह में 10 दिन तक उदयपुर में प्रवास करते हैं और वहां सक्रिय रहते हैं।

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खास बातें

  • गुलाबचंद कटारिया ने कहा था कि क्या महाराणा प्रताप को पागल कुत्ते ने काटा था? इसके बाद उनके इस बयान को लेकर सियासी बवाल मच गया था।
  • 2020 में कटारिया ने महाराणा प्रताप पर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद प्रदेशभर में विरोध हुआ। उन्होंने 15 दिन में तीन बार माफी मांगी थी। 
  • साल 2023 में भी वाल्मीकि समाज के लिए विवादित शब्दों का उपयोग करने पर माफी मांगनी पड़ी थी। उनका विवादित बयानों का एक लंबा सफर रहा है।
  • कटारिया की सियासी सक्रियता अब भी जारी है। वे पंजाब के राज्यपाल बनने के बाद भी मेवाड़ के छोटे-बड़े विकास कार्यों के उद्घाटन और शिलान्यास में शामिल होते रहते हैं।
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