राजस्थान में भारी बारिश से फसलें हुईं बर्बाद, किसानों की चिंता बढ़ी

राजस्थान में भारी बारिश से खरीफ फसलों में 50 लाख हैक्टेयर का नुकसान हुआ है। दाल और मूंगफली महंगी हो सकती हैं। कृषि बीमा का 16% अधिक कवरेज जारी।

author-image
Gyan Chand Patni
New Update
rain
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

जयपुर। राजस्थान में इस साल मानसून ने जहां किसानों को उम्मीद दी थी, वहीं अब यह उनके लिए चिंता का कारण बन गया है। भारी बारिश के चलते राज्य के कई इलाकों में खरीफ फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, 22 जिलों में अतिवृष्टि ने फसलें खराब कर दी हैं। इस नुकसान का सबसे ज्यादा असर कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, सवाईमाधोपुर, भरतपुर और उदयपुर संभाग में हुआ है। इस वर्ष कई गांवों में 90% तक फसलें खराब हो चुकी हैं।

अतिवृष्टि से 50 लाख हैक्टेयर फसलें बर्बाद

राजस्थान में इस वर्ष खरीफ फसलें 157.76 लाख हैक्टेयर में बोई गई थीं, जिसमें से 50 लाख हैक्टेयर में फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गईं। मूंग, मूंगफली, बाजरा, मक्का जैसी प्रमुख फसलें इस नुकसान में शामिल हैं। यह नुकसान किसानों के लिए बड़ा संकट बन गया है।

राजस्थान पुलिस में नया बवाल, बाड़मेर में हेडकांस्टेबल को डीएसपी ने मार दिया थप्पड़!

राजस्थान मानसून अलर्ट : रातों में होने लगी गुलाबी ठंडक, अगले सप्ताह फिर से बारिश

कृषि विभाग और राजस्व विभाग की रिपोर्टिंग

 राजस्थान में बारिश से फसलें बर्बाद हो गई हैं। राज्य सरकार ने इस नुकसान के आकलन के लिए राजस्व विभाग को गांव-गांव गिरदावरी करवाने का निर्देश दिया है। कृषि विभाग भी फसलों की रिपोर्ट एकत्र कर रहा है, ताकि नुकसान का सही अनुमान लगाया जा सके। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, 15 जिलों में 50% से अधिक नुकसान हुआ है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह आंकड़ा 90% तक पहुंच चुका है।

आर्थिक सहायता का आश्वासन

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भारी बारिश से फसल खराब होने पर तत्काल आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी क्षेत्र में फसल का नुकसान 33% या उससे अधिक हुआ है, तो सरकार जल्द ही किसानों को राहत प्रदान करेगी। हालांकि, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक टीसी गुप्ता के अनुसार, वास्तविक नुकसान की जानकारी राजस्व गिरदावरी की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही पूरी तरह से पता चलेगी।

बढ़ सकती हैं कीमतें

राज्य में दालों और मूंगफली की फसल पर भी भारी असर पड़ा है। मूंग, मोठ, उड़द, चौला और अरहर जैसी दालों की 3652 लाख हैक्टेयर में बुआई हुई थी, जिनमें से मूंगफली में 30% तक का नुकसान हुआ है। इसके अलावा, मूंग, बाजरा, ग्वार, सोयाबीन और ज्वार जैसी फसलों को भी नुकसान हुआ है। इन फसलों के महंगे होने की संभावना है, जिससे उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।

राजस्थान विधानसभा : गहलोत—वसुंधरा समेत सात सदस्यों ने नहीं लिया कार्यवाही में भाग, सवा सौ को नहीं मिला बोलने का मौका

बीजेपी के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने लगाई फटकार, राजस्थान के नेताओं से चल रहे नाराज

फसल बीमा योजना का बढ़ा कवरेज

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस वर्ष 31 जुलाई 2025 तक खरीफ फसलों के लिए 19 लाख 79 हजार 199 बीमा पॉलिसी जारी की गई हैं। पिछले वर्ष इस आंकड़े से 16% अधिक पॉलिसियां जारी की गईं। इस वर्ष राजस्थान ने देश में सबसे अधिक खरीफ फसल बीमा पॉलिसियां जारी करने के मामले में पहला स्थान प्राप्त किया है।  अब यह सवाल उठता है कि क्या सरकार अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों के किसानों को उचित मुआवजा देने में सफल होगी? 

FAQ

1. राजस्थान में भारी बारिश से फसलों को कितना नुकसान हुआ है?
राजस्थान में 22 जिलों में अतिवृष्टि के कारण 50 लाख हैक्टेयर में खरीफ फसलें नष्ट हो गई हैं। मूंग, मूंगफली, बाजरा और मक्का जैसी फसलों पर सबसे अधिक असर पड़ा है।
2. मुख्यमंत्री ने फसल खराबे पर किसानों को क्या सहायता देने का आश्वासन दिया है?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने फसल के 33% या उससे अधिक खराबे पर तुरंत आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। कृषि विभाग भी किसानों को राहत देने के लिए काम कर रहा है।
3. क्या फसल बीमा योजना से किसानों को मदद मिलेगी?
 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत इस साल 16% अधिक बीमा पॉलिसियां जारी की गई हैं। इससे किसानों को मदद मिलने की उम्मीद है।

राजस्थान में बारिश से फसलें बर्बाद खरीफ फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राजस्थान में भारी बारिश राजस्थान
Advertisment