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Photograph: (the sootr)
Sirohi. फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद हेमा मालिनी की कहानी राजस्थान के सिरोही जिले के विक्रम वाघेला और उनके परिवार से जुड़ी हुई है, जो मानवता की मिसाल प्रस्तुत करती है। विक्रम वाघेला के घर पर एक समय ऐसा आया, जब दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
उनके मासूम बेटे पृथ्वीराज को ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी ने घेर लिया था। परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत खराब थी। कोरोना महामारी के कारण इलाज कराना बड़ी चुनौती बन गया था।
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एक संदेश और उम्मीद की किरण
विक्रम वाघेला का हौसला जब टूटने लगा, तब उन्हें एक पुरानी टेलीफोन डायरी मिली जिसमें हेमा मालिनी का व्हाट्सएप नंबर था। विक्रम ने डर और संकोच के बावजूद एक छोटा सा संदेश भेजा, मेरे बेटे की जान बचा लीजिए। अगले ही दिन हेमा मालिनी ने खुद फोन किया और पूरी स्थिति जानी।
इसके बाद उन्होंने बिना कोई औपचारिकता किए मुंबई के जाने-माने कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अनुपम जोशी से संपर्क कराया और पृथ्वीराज के इलाज का पूरा खर्च उठाने का निर्णय लिया।
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पृथ्वीराज की जंग और स्वस्थ जीवन
हेमा मालिनी के समय पर किए गए प्रयासों से पृथ्वीराज को सही इलाज मिला और उसने कैंसर को मात दी। आज पृथ्वीराज पूरी तरह से स्वस्थ है और अपने जीवन को फिर से शुरू कर चुका है। यह एक अद्भुत कहानी है, जिसमें एक अभिनेत्री ने अपनी प्रसिद्धि और संसाधनों का सही उपयोग करते हुए एक परिवार की जीवन शैली को बदल दिया।
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मदद दिखावे के लिए नहीं
हेमा मालिनी की मदद यहां तक सीमित नहीं रही। जब विक्रम वाघेला की बेटी केतन की शादी तय हुई, तो हेमा मालिनी ने फिर परिवार का साथ दिया। उनके प्रतिनिधि डॉ. शैतान सिंह भूतेल सिरोही पहुंचे और उन्होंने केतन की शादी के लिए जरूरी सामान जैसे तिजोरी, बेड, फ्रिज, सिलाई मशीन और टीवी भेंट किया। हेमा मालिनी का यह कदम सिर्फ एक प्रतीक था कि मदद केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि जरूरत के वक्त होनी चाहिए।
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मानवता-संवेदनशीलता की मिसाल
हेमा मालिनी ने जो किया वह सिर्फ एक दान नहीं था, बल्कि यह एक जीवित उदाहरण है कि किस तरह एक व्यक्ति अपने संसाधनों और संवेदनाओं का उपयोग करके दूसरों की मदद कर सकता है। उनके द्वारा की गई यह मदद न केवल विक्रम वाघेला के परिवार के लिए एक जीवनदान साबित हुई, बल्कि समाज में उनके मानवतावादी दृष्टिकोण को भी मजबूत किया।
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मुख्य बिंदु
- हेमा मालिनी ने विक्रम वाघेला के बेटे पृथ्वीराज के कैंसर इलाज का खर्च उठाया और उसकी जान बचाने के लिए मदद की। इसके बाद उन्होंने विक्रम वाघेला की बेटी की शादी के लिए भी उपहार भेजे।
- हेमा मालिनी मानती हैं कि मदद दिखावे के लिए नहीं, बल्कि जरूरत के वक्त होनी चाहिए। उन्होंने विक्रम वाघेला के परिवार को अपने संसाधनों से मदद की और इसे किसी प्रचार का माध्यम नहीं बनाया।
- विक्रम वाघेला का परिवार अपने बेटे पृथ्वीराज के कैंसर से जूझ रहा था और आर्थिक तंगी के कारण उन्हें इलाज में बहुत कठिनाइयां आ रही थीं। हेमा मालिनी ने मदद की और उनका इलाज संभव बनाया।
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