सुप्रीम कोर्ट सख्त : बंगाली भाषी मजदूरों की हिरासत पर राजस्थान सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने बंगाली भाषी मजदूरों को हिरासत में लेने पर सख्त रुख अपनाया और राजस्थान सरकार से जवाब मांगा। इसे लेकर एक ठोस समाधान ढूंढने की आवश्यकता बताई।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम याचिका पर सुनवाई की, जिसमें बंगाली बोलने वाले प्रवासी मजदूरों को बांग्लादेशी नागरिक मानकर हिरासत में लेने की घटना को लेकर केंद्र सरकार और नौ राज्यों से जवाब तलब किया है।

यह मामला देश के कई हिस्सों में सुनाई दे रहा है, जिसमें राजस्थान भी शामिल है। कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कहा कि असली नागरिकों को इस तरह परेशान नहीं किया जा सकता और इसके लिए उचित ठोस उपाय ढूंढने की आवश्यकता है।

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राजस्थान में मजदूरों को हो रही परेशानियां

राज्य में विशेषकर उन इलाकों में जहां प्रवासी मजदूरों की संख्या अधिक है, बंगाली बोलने वाले लोगों को यह समस्या झेलनी पड़ रही है। इन मजदूरों के पास बंगाली में लिखे पहचान पत्र या अन्य दस्तावेज होते हैं, जिसके चलते उन्हें संदेह का पात्र बना दिया जाता है। यह समस्या केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि राजस्थान सहित कई राज्यों में ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं।

उचित प्रक्रिया की आवश्यकता

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमल्य बागची की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि राज्यों को यह जानने का अधिकार है कि मजदूर कहां से आए हैं, लेकिन जब तक उनकी नागरिकता की जांच चल रही है, तब तक उन्हें परेशान नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि असली नागरिकों को परेशान किए बिना पहचान की जांच की जाए।

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मजदूरों की पहचान के मुद्दे पर सख्त निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि यदि कोर्ट बिना पूरी जानकारी के कोई आदेश देता है, तो इसका गलत फायदा उठाया जा सकता है। इसका फायदा वे लोग उठा सकते हैं, जो अवैध तरीके से देश में प्रवेश कर चुके हैं। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया कि असली नागरिकों को परेशान नहीं किया जाए और इसके लिए केंद्र और राज्यों को ठोस कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है।

FAQ

1: क्या सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से जवाब मांगा है?
हाँ, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार सहित अन्य नौ राज्यों से जवाब मांगा है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि असली नागरिकों को बिना वजह परेशान नहीं किया जा सकता।
2: क्या सिर्फ बंगाली बोलने पर मजदूरों को हिरासत में लिया जा रहा है?
हाँ, बंगाली बोलने या बंगाली भाषा के दस्तावेज होने के कारण मजदूरों को बांग्लादेशी नागरिक मानकर हिरासत में लिया जा रहा है।
3: सुप्रीम कोर्ट का क्या आदेश था?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि असली नागरिकों को परेशानी नहीं हो और नागरिकता की जांच एक ठोस और प्रभावी तरीके से की जाए।

पहचान की जाएगी।

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