जयपुर में गर्भवती महिला को गलत ब्लड चढ़ाया, बिगड़ी हालत: अस्पताल पर गंभीर आरोप

राजस्थान की राजधानी जयपुर में प्रेग्नेंट महिला को गलत ब्लड चढ़ाने की घटना, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप, जानें इससे होने वाले खतरे और ऐसे ही पुराने मामलों के बारे में। 

author-image
Gyan Chand Patni
New Update
safe blood
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान में मरीजों को गलत ब्लड चढ़ाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे अस्पतालों की व्यवस्था और मरीजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 

ताजा मामला जयपुर जिले के चाकसू कस्बे में सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला को गलत ब्लड चढ़ा दिया गया। यह मामला शनिवार दोपहर का है, महिला को एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया। गलत ब्लड चढ़ाने के मामले में अस्पताल की लापरवाही सामने आई।अस्पताल प्रबंधन ने गलती छुपाने के प्रयास किए गए।

कैसे हुई गलती

रामजीलाल यादव ने बताया कि  छोटे भाई नमोनारायण यादव की पत्नी मोहिनी देवी (30) सात महीने की गर्भवती थीं, उसको ब्लड की कमी के कारण इलाज के लिए लाइफ केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

 मोहिनी का रक्त समूह 'बी पॉजिटिव' था, जो सही तरीके से फॉर्म में भरा गया था। इसके बावजूद नर्सिंग स्टाफ ने उसे 'ए पॉजिटिव' रक्त चढ़ा दिया। यह बड़ी गलती थी, क्योंकि एक व्यक्ति को उसके रक्त समूह के अनुरूप ही रक्त दिया जाना चाहिए।

ये खबरें भी पढ़ें

राजस्थान सरकार का प्रवासी राजस्थानियों पर ध्यान : निवेश जुटाने के लिए होंगे रोड शो

राजस्थान में इस साल नहीं हो पाएंगे निकाय चुनाव, मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने दी नई तारीख की जानकारी

गलती को छिपाने का प्रयास

जब मोहिनी की तबीयत बिगड़ी और गलत रक्त चढ़ाने का पता चला, तो अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत उस रक्त पैकेट को नाले में फेंक दिया। यह कदम उठाया गया ताकि गलती को छुपाया जा सके और किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने यह घटना छुपाने के लिए उन्हें अकेले में मामला निपटाने का प्रस्ताव भी दिया था।

अस्पताल का बचाव

अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. इरफान खान ने इस घटना को मानते हुए कहा कि मोहिनी की हालत गंभीर थी, और उसका हीमोग्लोबिन 4.1 था, जबकि प्लेटलेट्स 44000 थीं। उसका ब्लड ट्रांसफ्यूजन blood transfusion किया जाना था।

उसके ब्लड ग्रुप के हिसाब से उसे 'बी पॉजिटिव' ब्लड दिया जाना चाहिए था। लेकिन एक नर्स ने गलती से  दूसरी मरीज महिला का ब्लड चढ़ा दिया। मात्र 1 एमएल रक्त ही चढ़ाया गया, लेकिन मरीज को हल्की घबराहट महसूस हुई। गलती का पता चलते ही प्रक्रिया को रोक दिया गया और महिला को एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया।

क्यों जरूरी है सही रक्त 

उपजिला अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र नारोलिया ने बताया कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रक्रिया में डॉक्टर की मौजूदगी अत्यंत जरूरी है। यदि गलत रक्त चढ़ाया जाए, तो इससे मां और गर्भस्थ शिशु दोनों की जान को खतरा हो सकता है। गलत रक्त चढ़ाने से शरीर में गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं, जिससे किडनी, लिवर और इम्यून सिस्टम पर असर पड़ सकता है।

अन्य अस्पतालों में भी हुईं गलतियां

जयपुर में गर्भवती महिला के गलत ब्लड चढ़ाया। यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में इस प्रकार की घटना घटी है। मई 2025 में सवाई मानसिंह हॉस्पिटल जयपुर में गलत रक्त चढ़ाने से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी। 

महिला का असली रक्त समूह 'बी पॉजिटिव' था, लेकिन ब्लड बैंक ने बिना जांच के 'ए पॉजिटिव' रक्त दिया था। इसके परिणामस्वरूप महिला की मौत हो गई।

इसी तरह, 2024 में जेके लोन अस्पताल में भी एक 10 वर्षीय लड़के को गलत रक्त चढ़ाया गया था।  

ये खबरें भी पढ़ें

राजस्थान में दिल की बीमारी से बढ़ती मौतें: कोविड के बाद बढ़े मामले

Rajasthan monsoon update : मानसून की विदाई की शुरुआत, राजस्थान में मौसम का बदलता मिजाज

गलत ब्लड चढ़ाने से होने वाली समस्याएं

गलत रक्त चढ़ाने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जिनमें इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। बुखार, अधिक ब्लीडिंग, किडनी और दिल पर बुरा असर हो सकता है। शरीर में संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।

 गलत रक्त के कारण रक्तसंचार में रुकावट आ सकती है। शरीर में पीलिया जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।

मरीजों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है?

गलत रक्त ट्रांसफ्यूजन से बचने के लिए, अस्पतालों में इस प्रक्रिया की निगरानी और कर्मचारियों की प्रशिक्षण व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए। रक्त चढ़ाने से पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि मरीज का रक्त समूह सही तरीके से चेक किया गया है।

साथ ही, मरीज की स्थिति की लगातार निगरानी की जानी चाहिए और ब्लड चढ़ाने की प्रक्रिया के दौरान डॉक्टरों की मौजूदगी अनिवार्य होनी चाहिए।

FAQ

1. क्या गलत ब्लड चढ़ाने से मरीज की स्थिति खराब हो सकती है?
हां, गलत रक्त चढ़ाने से मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है, जिससे इम्यून सिस्टम, किडनी और लिवर पर बुरा असर पड़ सकता है।
2. क्या अस्पतालों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रक्रिया सुरक्षित है?
अगर अस्पताल में उचित निगरानी और चिकित्सक की मौजूदगी में ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाता है, तो यह सुरक्षित है। हालांकि, गलत रक्त चढ़ाने के कारण जोखिम बढ़ सकते हैं।
3. गलत रक्त चढ़ाने से होने वाले लक्षण क्या हैं?
गलत रक्त चढ़ाने से बुखार, अधिक ब्लीडिंग, शरीर में संक्रमण, किडनी और दिल पर असर के साथ पीलिया जैसी समस्या हो सकती है।

गलत ब्लड चढ़ाने के मामले में अस्पताल की लापरवाही सामने आई जयपुर में गर्भवती महिला के गलत ब्लड चढ़ाया जेके लोन अस्पताल सवाई मानसिंह हॉस्पिटल जयपुर ब्लड ग्रुप blood transfusion
Advertisment