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Photograph: (the sootr)
Jhunjhunu. राजस्थान के झुंझुनूं में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में अपने पैतृक गांव किठाना का दौरा किया। यह उनका इस्तीफा देने के बाद पहला दौरा था और उनकी यात्रा परिवार की एक दुखद घटना से जुड़ी हुई है। हालांकि, इस यात्रा के दौरान उनका सहज और मिलनसार व्यवहार सभी का ध्यान आकर्षित करने वाला रहा। स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ने के बाद वे सार्वजनिक जीवन में कम ही नजर आ रहे थे। जिससे उनके दौरे को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं जोरों पर हैं।
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चाची के अंतिम संस्कार में हुए शामिल
जगदीप धनखड़ पैतृक गांव किठाना पहुंचते ही सबसे पहले अपनी चाची शांति देवी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने अपने छोटे भाई रणदीप धनखड़ के साथ मिलकर उनकी अर्थी को कंधा दिया। रणदीप आरटीडीसी (राजस्थान पर्यटन विकास निगम) के पूर्व चेयरमैन हैं। यह नजारा परिवार की एकजुटता को दर्शाता है और गांव में मौजूद लोगों ने उनकी संवेदनशीलता की सराहना की। इसके बाद धनखड़ ने शोक व्यक्त करने के लिए गांववालों से मुलाकात की और उन्हें गर्मजोशी से अपना समर्थन दिया।
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पुराने घर पहुंचे पूर्व उपराष्ट्रपति
अंतिम संस्कार के बाद जगदीप धनखड़ अपने पुराने घर गए और वहां मौजूद ग्रामीणों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने छत पर चढ़कर पूरे गांव का दृश्य देखा। इस पल में उनके अपने गांव से गहरे जुड़ाव की झलक मिली। साथ आए अधिकारियों को उन्होंने गांव की विशेषताओं के बारे में बताया। यह पल उनके गांव और अपनी जड़ों से जुड़ने का था। जो उनके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा है।
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गांव में विकास कार्यों को बढ़ावा
पैतृक गांव में अपने दौरे के दौरान जगदीप धनखड़ ने गांव में बन रहे आयुर्वेद औषधालय का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से निर्माण कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी ली और इसे शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। यह कदम उनके द्वारा ग्रामीणों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने की सोच को दर्शाता है। ग्रामीणों ने उनकी इस पहल की सराहना की और इस विकास कार्य को लेकर उनका आभार व्यक्त किया।
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मीडिया के सवालों पर साधी चुप्पी
हालांकि दौरे के दौरान मीडिया ने उनसे इस्तीफे और राजनीतिक मुद्दों पर कई सवाल किए। लेकिन जगदीप धनखड़ ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने बिना कुछ बोले वहां से जाने का निर्णय लिया। फिर भी उन्होंने अधिकारियों और गांव वालों से सहजता से बातचीत की और उनका मिलनसार व्यवहार देखने को मिला।
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मुख्य बिंदु
पहली बार पहुंचे गांव: जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव किठाना का दौरा किया। इस दौरान वे अपनी चाची के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए।
गांव का किया निरीक्षण: उन्होंने गांव में बन रहे आयुर्वेद औषधालय का निरीक्षण किया और अधिकारियों को इसे जल्द पूरा करने के लिए सख्त निर्देश दिए।
मीडिया से रखी दूरी: दौरे के दौरान मीडिया ने उनसे इस्तीफे और राजनीतिक मुद्दों पर सवाल किए, लेकिन धनखड़ ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और चुपचाप लौट गए।
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