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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रमेश कुमार, जो पिछले 50 सालों से चलने-फिरने में असमर्थ हैं और उनकी 75 वर्षीय मां केसर देवी ने प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग की है। इन दोनों की स्थिति बहुत ही गंभीर है और उनका कहना है कि वे अब किसी तरह के जीवन जीने की स्थिति में नहीं हैं। उनका आरोप है कि उनके घर और खेत का रास्ता उनके पड़ोसियों ने बंद कर दिया है और प्रशासन उनकी मदद करने में नाकाम रहा है।
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रास्ता बंद करने की शिकायत
रमेश कुमार और उनकी मां का आरोप है कि उनका घर और खेत जो उनकी पुश्तैनी संपत्ति है, अब तक एक पुरानी सड़क के जरिए जुड़ा हुआ था। अब उनके पड़ोसी चूनाराम, पूर्णाराम और हनुमानाराम ने इस रास्ते को बंद कर दिया है। इससे दोनों को न केवल अपने खेतों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है, बल्कि उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी दिक्कत हो रही है। रमेश का कहना है कि प्रशासन से बार-बार शिकायत करने के बावजूद तहसीलदार और पटवारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिससे वे निराश हैं।
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इच्छा मृत्यु की मांग के कारण
रमेश कुमार और उनकी मां का कहना है कि यदि रास्ता नहीं खोला जा सकता, तो वे और उनकी मां अब जीवन जीने की स्थिति में नहीं हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन उनकी मदद नहीं कर सकता, तो उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए। यह कदम उन्होंने इस वजह से उठाया है, क्योंकि उनके पास अब कोई और रास्ता नहीं है और वे एक ऐसी स्थिति में हैं, जहां वे खुद को कैद महसूस कर रहे हैं।
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कलेक्टर ने दिया आदेश
रमेश कुमार के इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर डॉ. अरूण गर्ग ने स्थिति का गंभीरता से संज्ञान लिया। उन्होंने तहसीलदार को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करें और दो दिन के भीतर इसे सुलझाने के लिए रिकॉर्ड को दुरुस्त करें। हालांकि यह मामला अभी भी अधिकारियों के बीच विचाराधीन है और पड़ोसी खातेदारों द्वारा अपील किए जाने के कारण मामला कोर्ट तक भी जा सकता है।
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क्या प्रशासन न्याय दिला पाएगा?
रमेश कुमार और उनकी मां की स्थिति बहुत गंभीर है और इस मामले में प्रशासन की तत्परता और ईमानदारी से कदम उठाना आवश्यक है। इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही और जमीनी स्तर पर सही कार्रवाई न होने के मुद्दों को उजागर किया है। यदि यह मामला शीघ्र हल नहीं होता, तो इस तरह के मामलों में सामाजिक और कानूनी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
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