झुंझुनूं के दिव्यांग युवक ने मां के साथ मांगी इच्छा मृत्यु, पड़ोसियों द्वारा घर-खेत का रास्ता बंद करने से परेशान

राजस्थान के झुंझुनूं में दिव्यांग युवक ने पड़ोसियों द्वारा घर और खेत का रास्ता बंद करने पर इच्छा मृत्यु की मांग की है। वह अपनी मां के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचा और प्रशासन से कार्रवाई की अपील की।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
jhunjhunu

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रमेश कुमार, जो पिछले 50 सालों से चलने-फिरने में असमर्थ हैं और उनकी 75 वर्षीय मां केसर देवी ने प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग की है। इन दोनों की स्थिति बहुत ही गंभीर है और उनका कहना है कि वे अब किसी तरह के जीवन जीने की स्थिति में नहीं हैं। उनका आरोप है कि उनके घर और खेत का रास्ता उनके पड़ोसियों ने बंद कर दिया है और प्रशासन उनकी मदद करने में नाकाम रहा है।

Cyber fraud झुंझुनूं में 70 करोड़ रुपए की साइबर ठगी, 4000 खातों का हुआ इस्तेमाल

रास्ता बंद करने की शिकायत

रमेश कुमार और उनकी मां का आरोप है कि उनका घर और खेत जो उनकी पुश्तैनी संपत्ति है, अब तक एक पुरानी सड़क के जरिए जुड़ा हुआ था। अब उनके पड़ोसी चूनाराम, पूर्णाराम और हनुमानाराम ने इस रास्ते को बंद कर दिया है। इससे दोनों को न केवल अपने खेतों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है, बल्कि उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी दिक्कत हो रही है। रमेश का कहना है कि प्रशासन से बार-बार शिकायत करने के बावजूद तहसीलदार और पटवारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिससे वे निराश हैं।

झुंझुनूं कलेक्टर-एसपी का सख्त आदेश : सड़क पर शव रखकर किया प्रदर्शन, तो होगा लीगल एक्शन

इच्छा मृत्यु की मांग के कारण

रमेश कुमार और उनकी मां का कहना है कि यदि रास्ता नहीं खोला जा सकता, तो वे और उनकी मां अब जीवन जीने की स्थिति में नहीं हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन उनकी मदद नहीं कर सकता, तो उन्हें इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए। यह कदम उन्होंने इस वजह से उठाया है, क्योंकि उनके पास अब कोई और रास्ता नहीं है और वे एक ऐसी स्थिति में हैं, जहां वे खुद को कैद महसूस कर रहे हैं।

झुंझुनूं में कुत्तों की हत्या के मामले में जमानत पर बाहर आए आरोपी का स्वागत, लड्डू भी बांटे गए

कलेक्टर ने दिया आदेश

रमेश कुमार के इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर डॉ. अरूण गर्ग ने स्थिति का गंभीरता से संज्ञान लिया। उन्होंने तहसीलदार को निर्देश दिए हैं कि वे इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करें और दो दिन के भीतर इसे सुलझाने के लिए रिकॉर्ड को दुरुस्त करें। हालांकि यह मामला अभी भी अधिकारियों के बीच विचाराधीन है और पड़ोसी खातेदारों द्वारा अपील किए जाने के कारण मामला कोर्ट तक भी जा सकता है।

झुंझुनूं की शहीद पत्नी ने मांगी इच्छा मृत्यु, कहा-अब मेरी न्याय की उम्मीद पूरी तरह टूट चुकी

क्या प्रशासन न्याय दिला पाएगा?

रमेश कुमार और उनकी मां की स्थिति बहुत गंभीर है और इस मामले में प्रशासन की तत्परता और ईमानदारी से कदम उठाना आवश्यक है। इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही और जमीनी स्तर पर सही कार्रवाई न होने के मुद्दों को उजागर किया है। यदि यह मामला शीघ्र हल नहीं होता, तो इस तरह के मामलों में सामाजिक और कानूनी समस्याएं और बढ़ सकती हैं। 

FAQ

1. रमेश कुमार और उनकी मां ने इच्छामृत्यु की मांग क्यों की?
रमेश कुमार और उनकी मां का कहना है कि उनका घर और खेत का रास्ता पड़ोसियों द्वारा बंद कर दिया गया है, और प्रशासन उनकी मदद नहीं कर रहा है, जिससे वे अपनी जिंदगी को जीने की स्थिति में नहीं हैं।
2. कलेक्टर ने इस मामले में क्या कदम उठाए हैं?
कलेक्टर डॉ. अरूण गर्ग ने तहसीलदार को इस मामले पर शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया है और रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के लिए दो दिन का समय दिया है।
3. क्या यह मामला अदालत तक जा सकता है?
हां, पड़ोसी खातेदारों ने इस मामले में अपील की है और यह मामला अदालत तक जा सकता है, जिससे मामला और जटिल हो सकता है।

कोर्ट कलेक्टर प्रशासन इच्छा मृत्यु झुंझुनूं राजस्थान
Advertisment