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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान के उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने एक महत्वपूर्ण योजना तैयार की है, जिसके तहत पचपदरा रिफाइनरी को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इस योजना की तकनीकी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी हैं और अब इस पर काम तेजी से शुरू होने वाला है। जोधपुर के मंडल रेल प्रबंधक (DRM) अनुराग त्रिपाठी ने ‘अमृत संवाद’ कार्यक्रम के दौरान इस योजना की जानकारी दी। यह पहल रेलवे के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी, जो न केवल माल ढुलाई के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, बल्कि इससे क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
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रेलवे और रिफाइनरी कनेक्शन के फायदे
रेलवे नेटवर्क से पचपदरा रिफाइनरी को जोड़ने से माल ढुलाई में वृद्धि होगी, जिससे रेलवे की आमदनी में भी इज़ाफा होगा। यह न केवल रेलवे के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के आर्थिक विकास के लिए भी फायदेमंद होगा। जैसे-जैसे रिफाइनरी से माल का परिवहन बढ़ेगा, वैसे-वैसे क्षेत्रीय विकास को भी नया बल मिलेगा। इस परियोजना से रेलवे को नए आय के स्रोत मिलेंगे और स्थानीय उद्योगों के लिए भी यह एक नई दिशा प्रदान करेगा।
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पचपदरा रिफाइनरी से जुड़ी आवश्यकताएं
मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि इस कनेक्शन के लिए रेलवे की ओर से सभी आवश्यक साइडिंग और कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे। इस संबंध में संबंधित कंपनी को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इसके अलावा, रिफाइनरी से जुड़े पावर टर्मिनल के पट्टे, किराए और अन्य दायित्वों पर भी चर्चा की गई है। रेलवे प्रशासन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि इस परियोजना के दौरान कोई भी तकनीकी या कानूनी अड़चन न आए।
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उच्चतम तकनीकी सुविधाओं से लैस रेलवे नेटवर्क
रेलवे प्रशासन इस योजना के साथ-साथ अपने पूरे 5,500 किलोमीटर के नेटवर्क को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी मार्गों को एंटी-कोलिजन 'कवच' (Anti-collision system) से लैस किया जा रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाएगी और यात्रा को और सुरक्षित बनाया जा सकेगा।
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कवच प्रणाली का महत्व
कवच एक अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली है, जिसे रेलवे ट्रेनों के बीच टक्कर से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है। वर्तमान में जोधपुर-जयपुर रेल मार्ग पर इस सिस्टम का कार्य चल रहा है और जल्द ही यह बीकानेर और अजमेर मंडलों में भी लागू होगा। इससे यात्रीगण की सुरक्षा में काफी वृद्धि होगी और दुर्घटनाओं के जोखिम को कम किया जा सकेगा।
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पचपदरा रिफाइनरी क्या है?
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नागौर जिले में हाई-स्पीड रेलवे ट्रैक
नागौर जिले में देश की पहली हाई-स्पीड रेलवे टेस्टिंग ट्रैक पर तेजी से काम चल रहा है। यह ट्रैक 64 किलोमीटर लंबा होगा और इसका मुख्य उद्देश्य हाई-स्पीड, सेमी हाई-स्पीड और मेट्रो ट्रेनों की रफ्तार और स्थिरता की जांच करना है। इस परियोजना का पूरा होने के बाद भारत में हाई-स्पीड रेल यातायात के लिए एक नई दिशा मिल सकती है, जो न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि यात्रियों के लिए एक नई और आरामदायक यात्रा का अनुभव भी प्रदान करेगी।
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बुलेट ट्रेन के भविष्य की दिशा
भारत में जल्द ही बुलेट ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की संभावना है। यह परियोजना भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। उच्चतम गति और तकनीकी दक्षता के साथ बुलेट ट्रेनें भारतीय रेलवे के लिए एक नई पहचान बना सकती हैं। यह न केवल परिवहन क्षेत्र में सुधार लाएगा, बल्कि देश की आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगा।
‘अमृत संवाद’ कार्यक्रम की पहल
मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य रेल प्रशासन और नागरिकों के बीच सीधे संवाद की एक मजबूत कड़ी स्थापित करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से यात्रियों की समस्याएं, सुझाव और अपेक्षाएं सीधे अधिकारियों तक पहुंचती हैं, जिन पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक कार्रवाई की जाती है।