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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के दौसा में मिलावटी दूध से नकली घी-पनीर बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। यह फैक्ट्री दौसा के महवा में दाउजी मिल्क फूड प्रोसेसिंग प्लांट के नाम से है, जहां रोजाना 10 लाख लीटर तक दूध सप्लाई किया जा रहा था। दावा किया जा रहा है कि इसमें बड़ी मात्रा में मिलावटी दूध भी आ रहा था और उससे मिलावटी मिल्क फूड भी तैयार किए जा रहे थे।
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केमिकल सामग्री मिली
इस फैक्ट्री में नकली दूध, पनीर और घी बनाने के काम आने वाली केमिकल सामग्री भी मिली है। बड़ी मात्रा में घी-पनीर के पैक सामान भी पकड़ा है। देश और प्रदेश के नामी गिरामी घी के ब्रांड वाली कंपनियों के पैकिंग वाले टिन भी मिले हैं। साथ ही बड़ी संख्या में ब्रांड कंपनियों के रैपर्स भी पाए गए हैं, जिन्हें टिन पर चस्पा करके नकली घी बेचे जाने का अंदेशा है। फूड डिपार्टमेंट ने फैक्ट्री से घी, पनीर, दूध के नमूने लिए हैं। रिपोर्ट आने के बाद फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
कृषि मंत्री ने मारा था छापा
इस फैक्ट्री पर कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने छापा मारा था। छापे के दौरान मिलावटी दूध बनाने में प्रयुक्त सामग्री पाई गई। मिलावटी दूध के चलते पूरा परिसर सड़ांध मार रहा था। इस फैक्ट्री की सूचना रात को ही फूड डिपार्टमेंट और पुलिस विभाग को दी गई। मौके पर अधिकारी पहुंचे। सोमवार को आला अधिकारियों ने पहुंचकर नमूने लिए और घी-पनीर और दूध में प्रयुक्त होने वाली मिलावटी सामग्री को जब्त किया गया है। मंत्री के छापे के चलते हड़कंप मच गया था।
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मिलावटी दूध का अंदेशा
फैक्ट्री पर छापा मारने वाले फूड डिपार्टमेंट के अधिकारी व कर्मचारी भी मिलावटी सामग्री और बड़े ब्रांड के रेपर्स देखकर हैरान रह गए। मामले में दौसा सीएमएचओ डॉ. सीताराम मीणा ने बताया कि फैक्ट्री में मिलावटी दूध, पनीर और घी बनाने की सूचना मिली थी।
इस पर विभाग की टीम ने मौके पर जांच करके दूध, पनीर, घी समेत अन्य मिल्क प्रॉडक्ट के नमूने लिए हैं। जिन टैंकरों में मिलावटी दूध पाया गया है, उन्हें नष्ट करवाया गया। मिलावटी दूध, पनीर या घी दूसरे राज्यों में भी पहुंचाया जा रहा था। इस पूरे नेटवर्क की तहकीकात की जा रही है। जल्द ही खुलासे होंगे और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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बड़े संस्थानों में सप्लाई
छापे के दौरान पता चला है कि दाउजी मिल्क फूड प्रोसेसिंग प्लांट में रोज दस लाख लीटर दूध की सप्लाई हो रहा था, जिसमें बड़ी मात्रा मिलावटी दूध की थी। यहां से दूध और दूध से बने पनीर, घी व दूसरे प्रॉडक्ट की सप्लाई बड़े-बड़े संस्थान, मिष्ठान भण्डार और आर्मी स्कूल में भी हो रही थी। फैक्ट्री में अमूल, सरस जैसे ब्रांड के नकली रैपर्स और पैकेजिंग टिन भी मिले हैं।
बिहार से भी आ रहा था दूध
जांच में सामने आया है कि इस फैक्ट्री में रोजाना दस लाख लीटर दूध आ रहा था। दूध लाने-ले जाने के लिए पच्चीस टैंकर मिले। छापे के दौरान आठ टैंकर में दूध भरा था, जिनमें से दो टैंकर के दूध को खराब बताकर नष्ट किया गया है। दूध लाने वाले अन्य वाहन भी मौजूद थे। यह भी जानकारी सामने आई है कि बिहार से भी दूध आ रहा था, जिसके मिलावटी होने का अंदेशा है। छापेमारी में ऐसे टैंकर मिले जो मिलावटी दूध से भरे थे। ये टैंकर राजस्थान के अलावा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के साथ बिहार तक जाते हैं।
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यूरिया और कास्टिक सोडा के कट्टे मिले
किसानों को भले ही यूरिया लेने के लिए लाइनों में लगना पड़ा रहा है, जबकि फैक्ट्री में बड़ी संख्या में यूरिया के कट्टे मिले हैं। कास्टिक सोडा व दूसरी मिलावटी सामग्री भी मिली है। फैक्ट्री में मौजूद टैंकर में भरा दूध यूरिया और कास्टिक सोडा से मिलाकर बनाया गया था। ये सप्लाई को तैयार था। दूध के साथ नकली घी व पनीर भी बनता था। छापेमारी के दौरान दो लाख लीटर दूध टैंकरों में भरा था।
बड़ी कंपनियों के मिले रैपर
जांच टीम को फैक्ट्री में बड़ी कंपनियों और ब्रांड के रैपर मिले हैं। साथ ही इन कंपनियों के पैक टिन भी जब्त किए हैं। फैक्ट्री परिसर से ही सरस, अमूल, बनास, मदर डेयरी, देशरतन, सांवरिया और गोविंद समेत छोटे-बड़े 17 कंपनियों के रैपर मिले। बड़े पैमाने पर मिल्क प्रॉडक्ट बनाए जा रहे थे। उन्हें प्रोसेसिंग के बाद अलग कंपनियों के नाम से पैकेजिंग की जा रही थी और राजस्थान समेत दूसरे राज्यों में खपाया जाना था।
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शादियों में खपता मिलावटी सामान
देवउठनी एकादशी के साथ राजस्थान समेत उत्तर भारत में शादियों का सीजन शुरू हो गया है। शादी समारोह में दूध, पनीर और घी की मांग कई गुणा बढ़ जाती है। ऐसे में मांग की पूर्ति के लिए मिलावटी दूध, पनीर और घी बनाकर शादी समारोह में खपाया जाता है। सस्ता होने के कारण इन्हें आसानी से खपा भी दिया जाता है। इस गोरखधंधे में मिलावटी करने वालों के साथ व्यापारी व दूसरे लोग भी शामिल हैं।
यूरिया व पाम ऑयल से बना रहे हैं घी-दूध
फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में मिलावटी सामग्री मिली है, जिसमें यूरिया, कास्टिक सोडा, आलू, मैदा, पाम ऑयल व दूसरे केमिकल मिले हैं। इन सभी को मिलाकर मिलावटी दूध, पनीर और घी समेत दूसरे प्रॉडक्ट तैयार किए जा रहे हैं। बड़े ब्रांड व कंपनी के नाम से पैकेजिंग करके राजस्थान व दूसरे राज्यों में खपाया जा रहा था।
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