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Photograph: (the sootr)
देश के मशहूर कवि कुमार विश्वास की पत्नी और राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) सदस्य मंजू शर्मा ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह इस्तीफा सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक और इंटरव्यू फिक्सिंग के मामले में राजस्थान हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणियों के बाद आया है।
हाई कोर्ट ने इस मामले ने न केवल आरपीएससी की भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए, बल्कि आरपीएससी के चेयरमैन और उसके सदस्यों की करतूतों की परतों का खुलासा किया। हाई कोर्ट के आदेश के बाद आरपीएससी की वर्तमान सदस्य मंजू शर्मा और पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया था। इसमें कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा ने इस्तीफा दे दिया, जबकि संगीता आर्य के अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है।
आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा और संगीता आर्य संकट में, सरकार के अगले कदम का इंतजार!
मंजू शर्मा का इस्तीफा और उसकी वजह
मंजू शर्मा ने राज्यपाल को संबोधित अपने इस्तीफे में कहा कि उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल को ईमानदारी और पारदर्शिता से बिताया है, लेकिन एसआई भर्ती 2021 की परीक्षा में उत्पन्न विवाद के कारण उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा प्रभावित हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ किसी भी पुलिस एजेंसी या जांच संस्थान में कोई जांच लंबित नहीं है, और न ही उन्हें किसी मामले में अभियुक्त माना गया है। फिर भी सार्वजनिक जीवन में शुचिता की पक्षधर होने के नाते उन्होंने स्वेच्छा से पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणियां और पेपर लीक
राजस्थान हाई कोर्ट ने 2021 में आयोजित एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया था। इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और धांधली सामने आई थीं। कोर्ट ने कहा कि आरपीएससी के कुछ सदस्यों ने पेपर लीक में सक्रिय रूप से भाग लिया और माफियाओं ने इन लीक हुए पेपरों को सैकड़ों अभ्यर्थियों को बेच दिया। कोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह घोटाला न केवल भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करता है, बल्कि यह हजारों मेहनती अभ्यर्थियों के भविष्य के लिए भी एक बड़ा खतरा है।
हाई कोर्ट की टिप्पणी
- पेपर लीक में आरपीएससी के सदस्यों का हाथ
- डमी कैंडिडेट्स का परीक्षा में भागीदारी
- भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल
मंजू शर्मा का कार्यकाल और आरपीएससी की भूमिका
मंजू शर्मा को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आरपीएससी का सदस्य नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति उस समय चर्चा का विषय रही थी और अब पेपर लीक मामले में उनका नाम सामने आने के बाद उनकी नियुक्ति पर सवाल उठने लगे हैं। कोर्ट ने इस पूरे मामले में आरपीएससी के कार्यों पर भी गंभीर सवाल उठाए, खासकर परीक्षा केंद्रों के चयन और ड्यूटी अफसरों की नियुक्तियों को लेकर।
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आरपीएससी की भूमिका
- परीक्षा केंद्र और ड्यूटी अफसरों का चयन
- पेपर लीक और धांधली की घटनाओं की जांच
- कोर्ट की कड़ी टिप्पणियां और संज्ञान
हाई कोर्ट ने आरपीएससी के छह सदस्यों को लताड़ा
हाई कोर्ट ने आरपीएससी के छह सदस्यों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि घर के भेदियों ने ही लंका ढहा दी। यह टिप्पणी उन सदस्यों की ओर इशारा करती है, जिन्होंने कथित तौर पर पेपर लीक करने और धांधली में योगदान दिया। इन छह सदस्यों में मंजू शर्मा का नाम भी शामिल था। कोर्ट ने कहा कि आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और कुछ अन्य सदस्यों ने भर्ती प्रक्रिया में अनुचित प्रभाव डाला।
हाई कोर्ट ने रद्द की थी SI भर्ती 2021
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के समय हुई एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को हाई कोर्ट ने पिछले गुरुवार को रद्द कर दिया था। इस भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और धांधली सामने आई थीं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भर्ती का आयोजन करने वाली संस्था आरपीएससी के कुछ सदस्यों ने ही पेपर लीक करने में भूमिका निभाई। माफियाओं ने लीक हुए पेपर को सैकड़ों अभ्यर्थियों को बेचा। इसके कारण डमी अभ्यर्थियों की भी परीक्षा में भागीदारी हुई।
हाई कोर्ट ने बड़े चेहरों को ऐसे लिया कटघरे में
हाई कोर्ट ने पेपर लीक और नकल में आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन संजय श्रोत्रिय, उसके मेम्बर्स मंजू शर्मा, बाबूलाल कटारा, संगीता आर्य, रामूराम राईका और जसवंत राठी की सक्रिय भागीदारी मानी है। मंजू शर्मा कवि कुमार विश्वास की पत्नी हैं। वह और पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पत्नी संगीता आर्य अभी भी आरपीएससी में सदस्य के रूप में काम कर रही हैं। यह पहला मौका रहा, जब एसआई भर्ती 2021 में पूर्व चेयरमैन और सभी सदस्यों की मिलीभगत के नाम बाकायदा पुलिस चार्जशीट और हाईकोर्ट के आदेश में आए हैं।
सलेक्ट कराने के लिए ऐसे बिछाई बिसात
हाई कोर्ट के फैसले में पुलिस चार्जशीट के हवाले से साफ लिखा कि आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय और मेम्बर मंजू शर्मा, बाबूलाल कटारा, संगीता आर्य और जसवंत राठी ने मिलकर रामूराम राईका के बेटे-बेटी को इंटरव्यू में अच्छे नंबर देने के लिए योजना को अंजाम दिया। बाबूलाल कटारा तो परीक्षा से पहले ही रामूराम राईका को परीक्षा के पेपर दे चुका था। इसके बाद वह इंटरव्यू में भी उन्हें अच्छे नंबर दिलवाने के लिए अन्य सदस्यों के साथ सक्रिय रहा।
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