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Photograph: (the sootr)
हाल ही में राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल में अंकतालिकाओं में हुए फर्जीवाड़े के मामले ने हड़कंप मचा दिया है। इस मामले की गहन जांच के लिए शिक्षा विभाग ने एक विशेष समिति का गठन किया है।
यह समिति जल्द ही रिपोर्ट तैयार करके राजस्थान सरकार को सौंपेगी, जिसके बाद इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले, स्टेट ओपन स्कूल ने अपनी अंकतालिकाओं में संशोधन के लिए सुरक्षा उपायों को कड़ा करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।
राजस्थान में मार्कशीट फर्जीवाड़ा और कमेटी का गठन
हाल ही में सामने आए फर्जीवाड़े ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल की अंकतालिकाओं में गलत तरीके से बदलाव किए गए हैं। इससे पहले, यह ज्ञात हुआ था कि कुछ संविदा कर्मियों की पहचान का दुरुपयोग करके उनकी अंकतालिकाओं में संशोधन किए गए थे।
अब शिक्षा विभाग ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए एक जांच कमेटी का गठन किया है, जो इस मामले की तह तक जाएगी और सही तथ्यों की जांच करेगी।
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फर्जी मार्कशीट बनाने का खुलासा
इस मामले में 3 साल के दौरान 50 से ज्यादा फर्जी मार्कशीट तैयार की गई थीं। इसमें विद्यार्थियों की जानकारी में बदलाव कर नए नाम पर अंकतालिकाएं जारी की गईं। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि संविदाकर्मी राकेश कुमार शर्मा ने 2019-20 में अंकतालिकाओं में संशोधन कर फर्जी मार्कशीट तैयार की थीं।
फर्जीवाड़ा उजागर हुआ तो बदली व्यवस्था
इस मामले के बाद शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया में कई बदलाव किए हैं। अब कोई भी ID बिना OTP के नहीं खोली जा सकेगी। इससे पहले यह व्यवस्था नहीं थी, जिससे कई बार संविदाकर्मियों की ID का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया था।
अब से, हर कर्मचारी के लिए अपनी ID खोलने के लिए OTP का इस्तेमाल अनिवार्य होगा, ताकि किसी प्रकार का दुरुपयोग रोका जा सके।
राजस्थान में हुए मार्कशीट फर्जीवाडे़ को ऐसे समझेमार्कशीट फर्जीवाड़े की जांच: राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल में अंकतालिकाओं में हुए फर्जीवाड़े की जांच के लिए शिक्षा विभाग ने एक कमेटी का गठन किया है, जो इस मामले की गहराई से जांच करेगी और सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
फर्जी मार्कशीट का खुलासा: हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कुछ लोगों ने विद्यार्थियों की जानकारी में बदलाव कर फर्जी मार्कशीट जारी की थी। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। QR कोड से सुरक्षा: अंकतालिकाओं में अब QR कोड जोड़ा जाएगा, जिससे अंकतालिका में कोई बदलाव होने पर तुरंत पता चल सकेगा। इससे मार्कशीट की सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ेगी। अंकतालिका वितरण की प्रक्रिया शुरू: 19 जून को रोक दी गईं अंकतालिकाओं की प्रिंटिंग अब शुरू हो गई है। लगभग 1 लाख विद्यार्थियों की अंकतालिकाएं अब जल्द ही वितरित की जाएंगी। |
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अब क्यूआर कोड से मिलेगी अंकसूची की जानकारी
नए उपायों के अंतर्गत अब स्टेट ओपन स्कूल ने अंकतालिकाओं में बदलाव के बाद QR कोड लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस QR कोड को स्कैन करने से पूरी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी, जिससे यदि अंकतालिका में कोई बदलाव किया जाए तो उसका पता तुरंत चल जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि विद्यार्थियों की मार्कशीट में कोई भी अवैध संशोधन न हो।
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जल्द बांटी जाएगी एक लाख परीक्षार्थियों को अंकसूचियां
फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद, 19 जून को जारी रिजल्ट की अंकतालिकाएं(Marksheet) रोक दी गई थीं, जिनमें लगभग 1 लाख विद्यार्थियों के परिणाम शामिल थे। लेकिन अब कमेटी का गठन होते ही इन अंकतालिकाओं की प्रिंटिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह प्रिंटिंग राजस्थान राज्य ओपन स्कूल के कार्यालय में हो रही है और बाद में इन अंकतालिकाओं को वितरण केंद्रों पर भेजा जाएगा।
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