नागौर में मिला लिथियम का खजाना बनाएगा देश को आत्मनिर्भर, चीन पर निर्भरता से मिलेगी आजादी

राजस्थान के नागौर जिले में लिथियम का बड़ा भंडार मिलने से भारत की चीन पर निर्भरता खत्म होगी। अब भारत में मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियां बनाए जाने की संभावना है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Nagaur. राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना क्षेत्र में लिथियम का बड़ा भंडार मिलने से भारत की चीन पर बैटरी आयात करने की निर्भरता समाप्त हो जाएगी। व्हाइट गोल्ड के नाम से मशहूर लिथियम का यह भंडार अब देश को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। भारत में अब मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहनों और रिचार्जेबल बैटरियों का उत्पादन शुरू होने की संभावना है।

नागौर में मिला लिथियम का भंडार : आयात पर निर्भरता होगी कम

राजस्थान को मिलेगा फायदा

डेगाना क्षेत्र में लिथियम का यह बड़ा खजाना राजस्थान और देश के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। अनुमान है कि रेवंत पहाड़ियों में करीब 14 मिलियन टन लिथियम का भंडार है। यह लिथियम अब उद्योगों को मजबूती देगा और साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा। इससे राजस्थान का राजस्व भी बढ़ेगा, क्योंकि अब भारत में लिथियम का उत्पादन होने से चीन से आयात पर निर्भरता घटेगी

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खनन की नीलामी प्रक्रिया शुरू

राजस्थान में लिथियम भंडार की खोज के बाद केंद्रीय खनन मंत्रालय ने इसकी नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी है। नीलामी दस्तावेजों की अंतिम तिथि 1 दिसंबर, 2025 रखी गई है। इसके बाद खनन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे देश में लिथियम खनन में एक नई क्रांति आएगी।

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लिथियम का विशेष महत्व

लिथियम, जिसका प्रतीक Li है, एक हल्की धातु है जो चांदी जैसी सफेद और चमकदार होती है। यह अत्यंत प्रतिक्रियाशील है और वायु में ऑक्सीजन से संपर्क में आते ही आग पकड़ सकता है। यही कारण है कि इसे व्हाइट गोल्ड के नाम से जाना जाता है। लिथियम का प्रमुख उपयोग रिचार्जेबल बैटरियों में होता है, जो मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहनों में काम आती हैं।

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भविष्य के लिए बड़ी क्रांति

चीन से लिथियम का आयात भारत के लिए एक बड़ी चिंता रहा है, क्योंकि देश चीन पर 70-80 फीसदी लिथियम आयात करने के लिए निर्भर था, लेकिन अब नागौर में मिले इस खजाने से भारत आत्मनिर्भर बनेगा और इसकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। लिथियम का खनन और उत्पादन नई क्रांति ला सकता है, जिससे उद्योगों के विकास को पंख लगेंगे।

FAQ

1. लिथियम का क्या महत्व है और इसे 'व्हाइट गोल्ड' क्यों कहा जाता है?
लिथियम एक हल्की धातु है जिसे 'व्हाइट गोल्ड' कहा जाता है क्योंकि यह चांदी जैसी सफेद और चमकदार होती है। इसका उपयोग रिचार्जेबल बैटरियों में होता है, जो मोबाइल, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयोग होती हैं।
2. नागौर में लिथियम का भंडार क्यों महत्वपूर्ण है?
नागौर में लिथियम का बड़ा भंडार भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा और देश की चीन पर बैटरी आयात करने की निर्भरता को खत्म करेगा। इससे रोजगार के अवसर और प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा।
3. लिथियम के खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया कब शुरू हुई है?
लिथियम के खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया केंद्रीय खनन मंत्रालय ने शुरू की है। इसके लिए नीलामी दस्तावेजों की अंतिम तिथि 1 दिसंबर 2025 रखी गई है।

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