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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिजर्व के आसपास खनन को लेकर दौड़ रहे डंपर लोगों की मौत का सबब बने हुए हैं। अलवर जिले में प्रतापगढ़ थाना क्षेत्र के कबराला की ढाणी के पास एक डंपर ने बाइक पर सवार चार लोगों की जान ले ली। घटना के बाद ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर दिया। उनका आरोप है कि पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से इन डंपरों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यह क्षेत्र सरिस्का टाइगर रिजर्व के नजदीक है, जहां अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है। इन खानों से निकलने वाले पत्थरों को डंपरों से ले जाया जाता है। फिलहाल मौके पर हालात तनावपूर्ण है। बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
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जयपुर जा रहे थे सभी
डंपर प्रतापगढ़ से झिरी की तरफ जा रहा था। बाइक सवार झिरी की ओर से प्रतापगढ़ की ओर आ रहे थे। बाइक सवार चारों लोग थानागाजी के मेजोड़ गांव के रहने वाले थे। यह गांव घटना स्थल से 20 किलोमीटर दूर है। मृतकों में बाबूलाल (40), मोनू (5), अशोक (22) और नरसी (25) शामिल हैं। बाबूलाल, मोनू और अशोक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नरसी ने जयपुर ले जाते समय दम तोड़ दिया। बाबूलाल, मोनू के ताऊ थे। ये लोग मोनू को उसके बड़े भाई से मिलवाने जा रहे थे। मोनू का बड़ा भाई जयपुर के जमवारामगढ़ के निकट दंताला स्कूल के हॉस्टल में रहता है।
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सरिस्का क्या है?
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डंपरों ने छीना लोगों का चैन
अलवर सड़क दुर्घटना के बाद मेजोड़ गांव में कोहराम मच गया। परिजन प्रतापगढ़ अस्पताल पहुंचे। इस बीच, आसपास के ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। उनकी मांग है कि डंपरों के खिलाफ एक्शन हो और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।
ग्रामीणों का आरोप है कि खनन कार्य बंद होने के बाबजूद ये डंपर अवैध खनन से जुड़े हुए है। इन डंपरों से न केवल सड़कें खराब हो रही है, वहीं इनसे दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। सरिस्का टाइगर रिजर्व के कारण आसपास के क्षेत्रों में खनन कार्य बंद है। लेकिन, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन थम नहीं रहा है। लोगों का आरोप है कि अवैध खनन के वाहनों के कारण राजस्थान में सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
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