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Photograph: (the sootr)
Kota. राजस्थान के कोटा और बूंदी जिले के लाखों लोगों को अब स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल की सुविधा मिलने वाली है। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) के तहत तैयार नवनेरा बैराज अब क्षेत्र के लिए जीवनरेखा साबित होने जा रहा है।
यह परियोजना कोटा और बूंदी के 749 गांवों और 6 कस्बों में पानी की समस्या को सुलझाएगी, जिससे करीब 4.5 लाख लोग लाभान्वित होंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इसके लिए 1149 करोड़ रुपए के कार्यादेश जारी किए गए हैं।
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हर घर नल से जल बड़ा कदम
हर घर नल से जल की दिशा में यह परियोजना एक अहम कदम साबित होने वाली है। इस परियोजना के माध्यम से कोटा-बूंदी के गांवों में पहली बार घरों तक पानी पहुंचने का सुनिश्चित रास्ता बनेगा। बिरला ने कहा कि जलदाय विभाग ने सभी चार पैकेजों पर कार्य शुरू करने की तैयारियां पूरी कर ली हैं।
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ERCP परियोजना के चार पैकेज
ईआरसीपी के तहत परियोजना को चार मुख्य पैकेजों में बांटा गया है। यह चार पैकेजों के माध्यम से कोटा और बूंदी जिले में पेयजल सुविधा प्रदान की जाएगी:
पैकेज 1 : इंटेक वेल, राइजिंग मेन पाइपलाइन और तीन जल शोधन संयंत्र
पैकेज 2 : इटावा ब्लॉक के लिए ट्रांसमिशन मुख्य पाइपलाइन, पंप हाउस और वितरण व्यवस्था
पैकेज 3 : सुल्तानपुर और लाडपुरा ब्लॉक के लिए पाइपलाइन और पंप हाउस
पैकेज 4 : बूंदी जिले के 365 गांवों और नैनवा, तालेड़ा, केशवरायपाटन ब्लॉकों में पेयजल आपूर्ति
स्थायी पेयजल संकट का समाधान
इस परियोजना से कोटा और बूंदी के 749 गांवों और 6 कस्बों के लोग स्थायी रूप से पेयजल सुविधा का लाभ उठाएंगे। इससे क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से चल रही जल संकट की समस्या का समाधान होगा। 2022 और 2023 में इस परियोजना की निविदाएं अधिक दरों के कारण निरस्त हो गई थीं, लेकिन तीसरी बार चार पैकेजों में बांटकर सफल निविदाएं प्राप्त की गईं।
कड़ी समय सीमा और गुणवत्ता मानक
बिरला ने विभागीय इंजीनियरों को निर्देश दिया कि निर्माण की हर इकाई को निर्धारित मानकों के अनुसार और तय समय सीमा में पूरा किया जाए। उन्होंने परियोजना की पारदर्शिता और गुणवत्ता पर कोई समझौता न करने की बात की और सभी चरणों की नियमित मॉनिटरिंग करने के आदेश दिए।
परियोजना के प्रमुख निर्माण कार्य
परियोजना के तहत बनेंगे 3 जल शोधन संयंत्र। 210 उच्च जलाशय। 14 पंप हाउस। 4500 किमी से अधिक पाइपलाइन। 1.13 लाख घरेलू जल कनेक्शन। यह परियोजना कोटा-बूंदी क्षेत्र के लिए आने वाले वर्षों में पेयजल उपलब्धता का एक नया अध्याय खोलने वाली है।
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