साइबर ठगी : पुलिस ने शादी में बाराती बनकर पकड़ा फ्रॉड का मास्टरमाइंड, 160 करोड़ के रैकेट का खुलासा

राजस्थान की डूंगरपुर पुलिस ने 160 करोड़ की ऑनलाइन ठगी के बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया। 5 पुलिसकर्मियों ने शादी में बाराती बनकर आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस की कार्रवाई से अपराधियों के होश उड़ गए।

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Amit Baijnath Garg
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Dungarpur. राजस्थान के डूंगरपुर जिले में पुलिस ने 160 करोड़ रुपए की ऑनलाइन ठगी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया। आरोपियों में से एक कौशल कुम्हार, जिसे गुजरात के दाहोद से गिरफ्तार किया गया। वहीं दूसरे आरोपी इलेश पटेल को सागवाड़ा से पकड़ा गया। पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए शादी समारोह का सहारा लिया, जहां 5 पुलिसकर्मी बाराती बनकर पहुंचे थे। पुलिस ने शादी में बाराती बनकर पकड़ा फ्रॉड का मास्टरमाइंड।

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ठगी की मास्टरमाइंड योजना

कौशल कुम्हार और इलेश पटेल ने मिलकर 450 से अधिक फर्जी बैंक खाते खोले थे। ये खाते दुबई और जॉर्जिया में बैठे उनके साथियों के द्वारा चलाए जा रहे थे, जिन्होंने इन खातों का उपयोग करके 160 करोड़ की ठगी की। ठगों ने गरीबों, मजदूरों और छात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर फर्जी खाते खुलवाए थे।

गुजरात में हुई गिरफ्तारी

डूंगरपुर पुलिस को इस बात की सूचना मिली कि कौशल कुम्हार गुजरात के दाहोद में एक शादी समारोह में मौजूद है। पुलिस ने वहां जाकर उसे गिरफ्तार किया। शादी में बाराती का भेष अपनाकर 5 पुलिसकर्मियों ने उसकी गिरफ्तारी को सुनिश्चित किया। पुलिस की कार्रवाई से कौशल और उसके साथियों के होश उड़ गए।

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फर्जी खाते और धोखाधड़ी के तरीके

कौशल और इलेश ने उन फर्जी खातों का उपयोग करके भारी पैमाने पर धोखाधड़ी की। इन खातों को दुबई में बैठे चार शातिर ठगों को सौंपा गया था, जिनके द्वारा इन खातों के माध्यम से शेयर बाजार, क्रिप्टो करेंसी और ऑनलाइन जुआ (बेटिंग) ऐप्स का इस्तेमाल किया गया। ठगों ने इन तरीकों से लोगों से पैसे ठगे।

आरोपी का पेशेवर इतिहास

कौशल कुम्हार एक प्राइवेट बैंक में कर्मचारी था और इलेश पटेल भी इसी काम में संलिप्त था। वे दोनों फर्जी तरीके से बैंक खाते खुलवाते थे और उनकी चेकबुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते थे। पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन साइबर हंट के तहत यह खुलासा हुआ कि कैसे ठग शेयर बाजार, क्रिप्टो करेंसी और बेटिंग ऐप्स के जरिए ठगी कर रहे थे। 

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ऑपरेशन साइबर हंट से खुलासा

पुलिस ने दो मामलों के माध्यम से इस रैकेट का पर्दाफाश किया। पहला लालशंकर रोत का मामला था, जिसमें रोत की शिकायत पर विक्रम मालीवाड़ और उसके साथियों ने मुफ्त पैन कार्ड का झांसा देकर खाता खुलवाया और उसमें 81.69 लाख का संदिग्ध लेन-देन किया। दूसरा अशोक डांगी का मामला था, जिसमें डांगी ने शिकायत की थी कि निलेश कलाल ने उसे झांसा देकर खाता खुलवाया और उसमें 11.88 लाख का संदिग्ध लेन-देन किया।

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पुलिस की त्वरित कार्रवाई

पुलिस ने बाराती के रूप में घटनास्थल पर पहुंचकर आरोपी को पकड़ने के लिए अनोखी रणनीति अपनाई। यह पूरी कार्यवाही पुलिस की तीव्र और प्रभावी जांच प्रक्रिया का हिस्सा थी, जिसके कारण इस बड़ी ठगी के रैकेट का पर्दाफाश किया गया। पुलिस का दावा है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

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मुख्य बिंदु

  • डूंगरपुर पुलिस ने 160 करोड़ रुपए की साइबर ठगी के बड़े रैकेट का खुलासा किया और आरोपी को शादी में बाराती के भेष में गिरफ्तार किया।
  • दोनों आरोपियों ने मिलकर 450 से अधिक फर्जी बैंक खाते खोले और इन्हें विदेश में बैठे ठगों को दिए, जिन्होंने इन खातों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर ठगी की।
  • पुलिस ने आरोपी को शादी में बाराती के रूप में घुसकर गिरफ्तार किया। 5 पुलिसकर्मियों ने बारातियों का रूप धारण कर उसकी गिरफ्तारी को सुनिश्चित किया।
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