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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में शुक्रवार रात बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ। 48 आईएएस अधिकारियों के तबादले एवं पदस्थापन के आदेश हुए। कार्मिक विभाग द्वारा जारी इस आदेश में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की गई। खासकर उन अफसरों के विभाग बदले गए, जो लंबे समय से मंत्रियों के साथ मनमुटाव के चलते चर्चा में थे। वहीं कुछ ऐसे भी अफसर बदले गए हैं, जिनकी कामकाज की रिपोर्ट ठीक नहीं थी।
राजस्थान में देर रात 48 आईएएस अफसरों के तबादले, अखिल अरोड़ा होंगे सीएमओ में एसीएस
पंत से अनबन पड़ी भारी
पूर्व मुख्य सचिव IAS सुधांश पंत के साथ अनबन में रहे सीनियर आईएएस शिखर अग्रवाल को भी सीएमओ से हटा दिया गया है। शिखर को उधोग विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। उनके स्थान पर जलदाय विभाग में पदस्थापित अखिल अरोड़ा को एसीएस सीएमओ नियुक्त किया गया है। अरोड़ा अब सीएमओ के साथ पीएचईडी की भी जिम्मेदारी संभालेंगे।
मंत्रियों से अनबन वाले अफसर बदले
फेरबदल में उन अफसरों के विभाग बदले गए हैं, जिनकी अपनी मंत्रियों से पटरी बैठ नहीं पा रही थी। हेल्थ मिनिस्टर डिपार्टमेंट में पदस्थापित अम्बरीष कुमार की मंत्री गजेन्द्र सिंह के साथ खींचतान चल रही थी। उन्हें हटाकर खाद्य आपूर्ति विभाग में शासन सचिव लगाया है। राजस्व मंत्री हेमंत मीणा का प्रमुख सचिव दिनेश कुमार से टकराव रहा। उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग लगाया हैं।
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दिए गए हैं कमतर विभाग
आईएएस राजेश यादव को पर्यटन विभाग से हटाने के पीछे भी पर्यटन मंत्री दीया कुमारी से तालमेल नहीं बैठना बताया जा रहा है। आलोक गुप्ता सीएमओ से हटाए जाने के बाद से नाराज चल रहे हैं। वे उधोग विभाग में अच्छी जगह पर थे, लेकिन लगातार छुट्टियों पर चल रहे थे। इकबाल खान को भी निशक्तजन आयुक्त पद पर लगाया है। इन सभी अधिकारियों को कमतर विभाग दिए गए हैं।
नाराजगी भारी पड़ी
सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल सीएमओ में हुआ है। सीएमओ से शिखर अग्रवाल को हटाकर उधोग विभाग में लगाया है। इस तबादले के पीछे हाल ही दिल्ली पर प्रतिनियुक्ति पर गए पूर्व मुख्य सचिव सुधांश पंत की नाराजगी से देखा जा रहा है। सीएमओ में शिखर अग्रवाल की नियुक्ति के बाद से ब्यूरोक्रेसी दो शक्ति केंद्र में बदल गई थी। एक मुख्य सचिव तो दूसरा खेमा शिखर अग्रवाल का हो गया था। एक-दूसरे के कामों में अड़ंगा लगाना और फाइल नहीं भेजना आम बात होने लगी थीं।
और शिखर को भी जाना पड़ा
हालात इतने बिगड़ गए थे कि मुख्य सचिव को बायपास करके फाइल सीधे सीएमओ जाने लगी थी। जरूरी ट्रांसफर और पोस्टिंग के कामों में भी पंत से राय-मशविरा तक नहीं लिया जाना लगा। जब बात बढ़ी तो सुधांश ने पीएमओ में अपनी पीड़ा बयां करके मुख्य सचिव पद से निजात देने और दिल्ली में पदस्थापित करने का आग्रह किया। मुख्य सचिव के अचानक दिल्ली जाने से ब्यूरोक्रेसी और सरकार को तगड़ा झटका लगा। पीएमओ तक सरकार की किरकिरी हुई। नतीजा पंत के बाद शिखर को भी सीएमओ से जाना पड़ा।
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ये अधिकारी हुए मजबूत
फेरबदल में कई अधिकारी मजबूत हुए हैं। इसमें बड़ा नाम अर्चना सिंह का है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में लापरवाही के चलते एपीओ चल रही थीं। अर्चना को अब कार्मिक विभाग में नियुक्ति दी गई है।
एसीएस प्रवीण गुप्ता को भी अतिरिक्त जिम्मेदारी देते हुए पर्यटन विभाग की कमान सौंपी गई है। मंजू राजपाल को प्रमुख सचिव सहकारिता, डॉ. जोगाराम को सचिव राजस्व, उपनिवेशन, पंचायती राज, गायत्री राठौड़ को प्रमुख सचिव चिकित्सा, पुरुषोत्तम शर्मा आयुक्त रोडवेज, राजन विशाल सचिव वित्त विभाग में लगाया है।
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प्रमोटी आईएएस को नई जिम्मेदारी
आरएएस से आईएएस में प्रमोट हुए अधिकारियों को भी नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। नलिनी कठोतिया और अनिल अग्रवाल को क्रमशः भरतपुर व कोटा का संभागीय आयुक्त बनाया गया है। हरफूल यादव को आयुक्त कोटा विकास प्राधिकरण लगाया है। वहीं नवीन जैन को वित्त विभाग से हटाकर सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) में सचिव बनाया गया है।
गुटबाजी पर लगाम की कोशिश
राज्य की ब्यूरोक्रेसी में शीर्ष पदों पर बैठे नौकरशाहों के बीच लंबे समय से आपसी मतभेद और खींचतान की खबरें सामने आ रही थीं। इसी का नतीजा है कि इतना बड़ा बदलाव देखने को मिला। पंत और शिखर के बीच तनाव और विवाद की जानकारी दिल्ली तक पहुंच चुकी थी। इससे कामकाज में विपरीत प्रभाव पड़ रहा था। विभागों में समन्वय की कमी और जनता में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने की शिकायतें दिल्ली तक पहुंची।
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नए मुख्य सचिव की भी भूमिका
प्रशासनिक फेरबदल में नए मुख्य सचिव आईएएस वी. श्रीनिवास की भी भूमिका बताई जा रही है। अजमेर रेवेन्यू बोर्ड में कार्यक्रम को स्थगित करके वे शुक्रवार को फेरबदल में लग गए। वे भी अपनी टीम चाह रहे थे, ताकि सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू कर सकें। वहीं गुटबाजी खत्म करना भी जरूरी था। श्रीनिवास ब्यूरोक्रेसी में आपसी समन्वय बनाने की कोशिश भी कर रहे थे।
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