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Photograph: (the sootr)
सुनील जैन @ अलवर
राजस्थान के अलवर जिले में अरावली पर्वतमाला के संरक्षण के लिए एक बड़ा जन जागरण अभियान शुरू होने जा रहा है। विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली ने बताया कि 27 दिसंबर को इस अभियान की शुरुआत की जाएगी। इस आंदोलन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा, जितेंद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस नेता सचिन पायलट को आमंत्रित किया गया है।
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अरावली की रक्षा का संकल्प
जूली ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि अरावली पहाड़ियां संकट में हैं। उन्होंने बताया कि एक ओर जहां पहाड़ियों को संरक्षित करने की कोशिश हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर अवैध खनन भी जारी है। जूली ने कहा कि अरावली पहाड़ियों में अवैध खनन से न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि धार्मिक स्थलों पर भी संकट आ गया है।
केंद्रीय मंत्री के बयान पर सवाल
जूली ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के बयान पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अवैध खनन पर रोक लगाई गई है और नए खनन पट्टों पर भी रोक है। जूली ने इसे जनता में भ्रम पैदा करने वाला बयान बताते हुए कहा कि यह तब तक कोई असर नहीं डालता, जब तक सुप्रीम कोर्ट 20 नवंबर के अपने आदेश में सुधार करके अरावली की पूरी परिभाषा नहीं बदलता।
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अरावली की परिभाषा पर विवाद
जूली ने यह भी बताया कि अगर अरावली की परिभाषा बदली जाती है, तो इससे न केवल क्षेत्र की वन्यजीवों की जैव विविधता पर असर पड़ेगा, बल्कि कई धार्मिक स्थल भी संकट में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की कथनी और करनी में अंतर है और इस मामले पर पूरी स्थिति स्पष्ट करने की आवश्यकता है।
अरावली के लिए आंदोलन की जरूरत
जूली ने कहा कि अगर अरावली पहाड़ियों को बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में राजस्थान सहित अन्य राज्य मरुस्थलीकरण की ओर बढ़ सकते हैं। उन्होंने अपने आंदोलन को सही दिशा देने के लिए सभी स्थानीय जनप्रतिनिधियों, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और प्रकृति प्रेमियों से समर्थन की अपील की।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाल
जूली ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सवाल किया कि जब वे बार-बार अरावली को बचाने की बात करते हैं, तो उनकी सरकार इस मुद्दे पर सटीक दिशा क्यों नहीं बता रही है? उन्होंने कहा कि अरावली के बचाव के लिए एक मजबूत कानून बनाने की आवश्यकता है, ताकि अवैध खनन पर पूरी तरह से नियंत्रण किया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पर जोर
टीकाराम जूली ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट अरावली पहाड़ियों के खनन पर रोक लगाता है, तो वे अपना अरावली बचाओ आंदोलन खत्म कर देंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर केंद्र सरकार इस दिशा में और ठोस कदम उठाती है, तो वे अपना पूरा समर्थन देंगे।
खास बातें
- कांग्रेस नेता खोलेंगे सरकार के खिलाफ मोर्चा। 27 दिसंबर को अलवर में एक बड़ा जन जागरण अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
- केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा था कि अवैध खनन पर रोक लगाई गई है और नए खनन पट्टों पर रोक है, लेकिन इस पर जूली ने इसे भ्रमित करने वाला बयान बताया।
- अरावली की परिभाषा को बदलने से न केवल पर्यावरण पर असर पड़ेगा, बल्कि धार्मिक स्थलों पर भी संकट आ सकता है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर हैं।
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