राजस्थान मानसून अलर्ट : आज 12 जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट, अजमेर में स्कूलों की छुट्टी

राजस्थान में 6 सितंबर 2025 को वेलमार्क लो-प्रेशर सिस्टम के कारण भारी बारिश का दौर जारी है। राज्य में कई जिलों में रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए गए हैं।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (TheSootr)

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Rajasthan Weather Update : राजस्थान में इस समय एक बड़ा बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान की सीमा पर बने वेलमार्क लो-प्रेशर सिस्टम के कारण, राजस्थान के दक्षिणी जिलों में तेज और लगातार बारिश हो रही है। इस प्रणाली के प्रभाव से राज्य के कई हिस्सों में बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है, और मौसम विभाग ने कुछ क्षेत्रों के लिए अलर्ट भी जारी किए हैं।

मौसम विभाग ने 6 सितंबर 2025 को बांसवाड़ा जिले में रेड अलर्ट जारी किया है (राजस्थान मानसून अलर्ट)। राजस्थान मानसून पूर्वानुमान के मुताबिक चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर, कोटा, बारां, राजसमंद, झालावाड़, सिरोही, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर और भीलवाड़ा जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू और हनुमानगढ़ को छोड़कर राज्य के अन्य 24 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।

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मौसम विभाग की ओर से जारी 6 सितंबर 2025 का वर्षा अलर्ट। Photograph: (TheSootr)

जयपुर में हवेली गिरने से दो की मौत

जयपुर में 5 सितंबर की रात को एक और दिल दहला देने वाली घटना घटी। यहां की एक जर्जर हवेली जो बाल भारती स्कूल के पास स्थित थी, बारिश के कारण भरभरा कर गिर गई। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि सात लोग मलबे में दब गए थे। इनमें से पांच को बाहर निकाल लिया गया। यह हवेली अत्यधिक जर्जर स्थिति में थी, और यह पुराने चूने से बनी हुई थी। मकान में करीब 20 से अधिक लोग किराए पर रह रहे थे, और ये सभी लोग पश्चिम बंगाल से संबंधित थे।

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जयपुर में शुक्रवार रात हवेली गिरने से दबे लोगों को निकालती बचाव टीम। Photograph: (TheSootr)

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून ट्रफ वर्तमान में जैसलमेर से वेलमार्क लो-प्रेशर सिस्टम तक फैला हुआ है। इस सिस्टम के कारण, उदयपुर और जोधपुर संभाग के जिलों में 8 सितंबर तक तेज और कहीं-कहीं भारी से अतिभारी बारिश हो सकती है। इससे इन जिलों में जलभराव, सड़क दुर्घटनाएं और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

जयपुर में मौसम की स्थिति

राजधानी जयपुर में, 5 सितंबर की रात में रुक-रुककर तेज बारिश होती रही। इस बारिश ने शहर के कई इलाकों में जलभराव और अन्य समस्याओं को जन्म दिया। जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में जलभराव की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि कुछ सड़कें पानी में डूब गईं। साथ ही, राजधानी के कई निचले इलाकों में पानी की निकासी में समस्या आई।

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जयपुर में शुक्रवार रात हवेली गिरने के बाद राहत कार्य में जुटी बचाव टीम। Photograph: (TheSootr)

भीलवाड़ा में भारी बारिश से नदियां उफान पर

भीलवाड़ा जिले में भारी बारिश के बाद कई नदियों और नालों में पानी का स्तर बढ़ गया। इन नदियों का पानी सड़कों और इलाकों में फैल गया, जिससे जिला मुख्यालय से संपर्क टूटने की स्थिति बन गई। कुछ इलाकों में पानी घुसने से जनजीवन प्रभावित हुआ और राहत कार्यों के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया।

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अजमेर में बोराज तालाब की पाल टूटने के बाद आसपास के इलाकों में भरा पानी। Photograph: (TheSootr)

सीकर-उदयपुर और अन्य जिलों में बारिश

राजस्थान में मानसून के कारण सीकर और उदयपुर जैसे जिलों में भी भारी बारिश (Monsoon) हुई। दौसा जिले के लालसोट इलाके में मोरेल बांध से पानी निकलने की वजह से कांकरिया एनीकट की दीवार टूटने का खतरा बढ़ गया। यहां के लोगों में डर का माहौल बन गया है। वहीं, धौलपुर में चंबल नदी भी खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है, जिससे नदी के किनारे के इलाके में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

मानसून ट्रफ क्या है?

  • निम्न दबाव का क्षेत्र:

    • मानसून ट्रफ एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र होता है, जो पाकिस्तान से शुरू होकर बंगाल की खाड़ी तक फैला रहता है।

    • यह क्षेत्र हवाओं में नमी बनाए रखता है, जिससे मानसून सक्रिय होता है और वर्षा होती है।

  • नमी का प्रवाह:

    • यह ट्रफ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी खींचता है, जो बादल बनने और वर्षा होने के लिए ज़रूरी होता है।

  • अस्थिर स्थिति:

    • मानसून ट्रफ की धुरी स्थिर नहीं रहती। यह उत्तर या दक्षिण की ओर खिसकती रहती है, जिससे पूरे देश में वर्षा के पैटर्न और तीव्रता में बदलाव आता है।

  • वर्षा पर प्रभाव:

    • दक्षिण की ओर खिसकने पर:
      जब ट्रफ सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर खिसकता है, तो मध्य भारत और पश्चिमी तट पर अधिक वर्षा होती है और मानसून सक्रिय हो जाता है।

    • उत्तर की ओर खिसकने पर:
      जब ट्रफ उत्तर की ओर हिमालय की तलहटी की ओर खिसकता है, तो इसे "मानसून ब्रेक" कहा जाता है। इस स्थिति में अन्य हिस्सों में वर्षा कम हो जाती है, लेकिन हिमालय क्षेत्र में भारी बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

झालावाड़ और अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश

राजस्थान में मानसून की स्थिति को देखते 6 सितंबर 2025 तक की सुबह तक गुजरे 24 घंटों में झालावाड़ जिले के झालरापाटन में 78 मिमी, झालावाड़ शहर में 34 मिमी, खानपुर में 26 मिमी, अलवर के बानसूर में 57 मिमी, और करौली के श्रीमहावीरजी में 36 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा, झुंझुनूं, जयपुर, धौलपुर और भरतपुर के विभिन्न क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई।

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टोंक जिले के नया गांव जाटान के पास सहोदरा नदी में अचानक पानी आने से टापू पर सात लोग फंस गए। SDRF की टीम ने सभी को रेस्क्यू किया। Photograph: (TheSootr)

FAQ

1. राजस्थान में 6 सितंबर 2025 को किस तरह का मौसम रहेगा?
राजस्थान में 6 सितंबर 2025 को वेलमार्क लो-प्रेशर सिस्टम के कारण भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए हैं।
2. वेलमार्क लो-प्रेशर सिस्टम का प्रभाव राजस्थान के किन-किन जिलों में देखने को मिलेगा?
वेलमार्क लो-प्रेशर सिस्टम का प्रभाव राजस्थान के दक्षिणी जिलों जैसे बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, राजसमंद और उदयपुर पर अधिक रहेगा। इन जिलों में भारी बारिश की संभावना है।
3. जयपुर में मौसम के कारण क्या समस्याएं आ सकती हैं?
जयपुर में लगातार हो रही बारिश से जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है और निचले इलाकों में पानी भर सकता है।
4. क्या राजस्थान में बाढ़ का खतरा है?
धौलपुर जिले में चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो सकता है। साथ ही, कई नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे बाढ़ की संभावना बनी हुई है।
5. क्या जयपुर में हुई हवेली दुर्घटना से जुड़ी कोई जानकारी है?
जयपुर में एक पुरानी हवेली बारिश के कारण गिर गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। यह हवेली जर्जर अवस्था में थी और इसमें अधिकतर लोग पश्चिम बंगाल से थे।

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