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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित एक ऐसा हाईवे (Highway) है, जो लगातार सड़क हादसों (Road Accidents) का गवाह बन रहा है। एनएच-148 (NH-148) पर होने वाली दुर्घटनाओं ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया है। इस हाईवे पर हादसे इतने आम हो गए हैं कि प्रशासन हर हादसे के बाद सुरक्षा के इंतजामों पर चिंता जताता है, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। यह हाईवे लगातार तबाही का कारण बनता जा रहा है, और अब सवाल यह उठता है कि इस पर कब तक ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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एनएच-148 पर पिछले साढ़े चार साल में हुई सड़क दुर्घटनाएं
पिछले साढ़े चार सालों (4.5 Years) में एनएच 148 पर कुल 352 सड़क दुर्घटनाएं (Road Accidents) हुई हैं, जिनमें से 267 लोगों की जान चली गई है और 359 लोग घायल हुए हैं। यह आंकड़ा इस बात की ओर इशारा करता है कि इस हाईवे पर सुरक्षा के इंतजामों (Safety Measures) की स्थिति कितनी गंभीर है। प्रशासन ने इस विषय में चिंता जताई है, लेकिन हालात अब तक जस के तस बने हुए हैं। यह स्थिति प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती (Challenge) बन गई है, क्योंकि ऐसे हादसों के चलते लोगों की जान जा रही है और उनके परिवारों को अपूरणीय नुकसान हो रहा है।
एनएच 148 क्या है?
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एनएच-148 पर सुरक्षा इंतजामों का अभाव
इस सड़क पर सुरक्षा इंतजामों का अभाव है। हाईवे पर सुरक्षा के लिए आवश्यक संकेतक और चेतावनी बोर्ड की कमी साफ तौर पर महसूस हो रही है। साथ ही, दो लेन की बजाय चार लेन बनाने की योजना भी धीमी रफ्तार से चल रही है, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या और बढ़ सकती है। एक ओर समस्या यह है कि हाईवे पर डिवाइडर की भी कमी है, जिससे वाहन आपस में टकरा रहे हैं। इन कारणों से यह हाईवे हादसों का सबसे बड़ा कारण बन चुका है।
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प्रशासन की लापरवाही
हालांकि प्रशासन ने इन दुर्घटनाओं की जांच के बाद सुरक्षा इंतजामों में सुधार की बातें कही हैं, लेकिन ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। हाईवे पर सुरक्षा इंतजामों की कमी के कारण हर महीने नए एनएच 148 सड़क हादसा हो रहे हैं। यह सवाल उठता है कि आखिरकार कब तक ये राजस्थान में सड़क दुर्घटनाएं होती रहेंगी और प्रशासन कब ठोस कदम उठाएगा। राजस्थान के सड़क हादसों के कारण और समाधान पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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रायसर और सैंथल थाना क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित
रायसर थाना क्षेत्र
रायसर थाना क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी अधिक रही है। यहां पिछले कुछ सालों में 97 लोगों की जान जा चुकी है। 2021 से लेकर 2025 तक, इस क्षेत्र में सड़क हादसों की संख्या हर साल बढ़ती गई है। 2021 में जहां 21 मामले (Cases) दर्ज हुए थे, वहीं 2022 में यह संख्या बढ़कर 30 हो गई। 2023 में 25 हादसों में 16 लोगों की मौत हुई, जबकि 2024 और 2025 में भी यह आंकड़ा बढ़कर 24 और 27 तक पहुंच गया।
सैंथल थाना क्षेत्र
सैंथल थाना क्षेत्र में भी सड़क हादसों की संख्या काफी अधिक है। यहां 2021 में 17 सड़क हादसे (Accidents) हुए थे, जिनमें 13 लोगों की मौत हुई। 2022 में यहां 23 हादसे दर्ज किए गए, जिनमें से 17 में लोग मारे गए। 2023 और 2024 में भी यह आंकड़ा घटा नहीं, और 2025 में अब तक 16 नए हादसे हो चुके हैं। इस क्षेत्र में इस समय 22 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि सैंथल थाना क्षेत्र में भी सड़क सुरक्षा के उपायों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
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एनएच-148 पर सड़क हादसों के कारण क्या हैं?
तेज रफ्तार और खतरनाक मोड़
एनएच 148 (NH-148) पर तेज रफ्तार और खतरनाक मोड़ों की वजह से कई हादसे हो रहे हैं। यह हाईवे ढलान और मोड़ों से भरा हुआ है, जहां वाहन चालक बिना सतर्कता के चलते हैं। तेज रफ्तार से वाहन चलाना इन मोड़ों पर बहुत जोखिमपूर्ण होता है।
रोड इंजीनियरिंग की खामियां
हाईवे की डिजाइन और रोड इंजीनियरिंगमें भी खामियां हैं। रोड इंजीनियरिंग के मापदंडों का पालन न होना और खराब सड़क संरचना दुर्घटनाओं का कारण बन रही है। सड़क पर किसी भी प्रकार के सुधार की कमी है, जिसके कारण हादसों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
हाईवे पर चेतावनी बोर्ड की कमी
हाईवे पर चेतावनी बोर्ड और संकेतक की कमी भी एक बड़ा कारण है। अगर ड्राइवर को सही दिशा और मार्ग पर जानकारी मिलती रहे, तो हादसों की संख्या में कमी आ सकती है।
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