सांसद का आरोप, बाड़मेर-जैसलमेर में भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा, वहां के कलेक्टरों को हटाया जाए

राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर से कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने जैसलमेर कलेक्टर पर भ्रष्टाचार, राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं, उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
ummedaram beniwal

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

राजस्थान में बाड़मेर-जैसलमेर से कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने जैसलमेर जिला कलेक्टर प्रताप सिंह पर भ्रष्टाचार, सीलिंग एक्ट उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर आरोप लगाते हुए केंद्र और राज्य सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। 

उन्होंने शनिवार को प्रेस वार्ता में जैसलमेर कलेक्टर पर कॉर्पोरेट कंपनियों के हित में काम करने, रक्षा मंत्रालय की जमीनों का अवैध हस्तांतरण और प्रशासनिक अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाने जैसे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अगर इन मामलों में त्वरित सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह पाकिस्तान से सटे क्षेत्र की राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रशासनिक विश्वसनीयता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

सांसद बेनीवाल ने कहा कि जैसलमेर जैसे संवेदनशील सीमावर्ती जिले में कलेक्टर पर बार-बार प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं। पहले पोकरण के उपखंड अधिकारी प्रभजोत सिंह गिल और अब तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने कलेक्टर प्रताप सिंह पर भ्रष्टाचार, सीलिंग एक्ट उल्लंघन और रक्षा मंत्रालय की जमीन को निजी कंपनियों को सौंपने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बावजूद सरकार ने कलेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि इन आरोपों को उजागर करने वाले अधिकारियों को निलंबित या एपीओ कर दिया गया। 

दो तहसीलदार पकड़े जा चुके रिश्वत लेते

इससे पहले भी जैसलमेर जिले में भणियाणा व फतेहगढ़ के तहसीलदार रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन उस जांच में जैसलमेर कलेक्टर की भूमिका को लेकर भी कोई जांच नहीं हुई है। यह तीसरी बड़ी घटना है, जब पहले पोकरण उपखंड अधिकारी पर कलेक्टर ने अनैतिक दबाव बनाया और अब तहसीलदार पर। जब तहसीलदार कंपनियों के अवैध कब्जे को हटाने के लिए गए थे, तो जिला कलेक्टर सहित ऊपर के अधिकारी नाराज हो गए। कलेक्टर चाहते हैं कि वह जनता के हित में काम करने की बजाय खाली कंपनी के लिए काम करें। इस तरह का दबाव एक साल से अधिकारियों पर बनाया जा रहा था। उन्हें पहले 17 सीसी का नोटिस दिया उसके बाद एपीओ कर दिया गया।

भ्रष्टाचार से राष्ट्रीय सुरक्षा तक खतरा

सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने बताया कि कलेक्टर पर रक्षा मंत्रालय की जमीन की किस्म बदलने के लिए मातहत अधिकारियों पर दबाव डालने का आरोप है। इसके अलावा आगोर, गोचर भूमि, परंपरागत जलस्रोत, तालाब, आबादी और ओरण जैसी सरकारी जमीनों को कॉर्पोरेट कंपनियों को सौंपने के भी आरोप लगे हैं। सांसद ने कहा कि जैसलमेर कलेक्टर सरकार से ज्यादा कॉर्पोरेट कंपनियों के प्रतिनिधि की तरह काम कर रहे हैं। यह न केवल प्रशासनिक अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी है।

उन्होंने यह भी उजागर किया कि बाड़मेर और जैसलमेर में सोलर और विंड एनर्जी कंपनियों की गतिविधियों के कारण स्थानीय किसानों और ग्रामीणों को उचित मुआवजा नहीं मिल रहा। सांसद ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारी इन कंपनियों के मुनीम बनकर काम कर रहे हैं और सरकारी आदेशों की अवहेलना हैं।

बाड़मेर में भी हो रहा उल्लंघन

सांसद बेनीवाल ने बाड़मेर के गडरा रोड और रामसर क्षेत्र में कार्यरत पूर्व उपखंड अधिकारी अनिल जैन द्वारा सीलिंग एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के मामलों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बाहरी और संदिग्ध व्यक्तियों को जमीन बेचने के प्रकरण सामने आए हैं, जिनकी निष्पक्ष जांच अब तक नहीं हुई। सांसद ने इन सभी मामलों की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में ऐसी अनियमितताएं देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।

यह खबरें भी पढ़ें...

हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी, भ्रष्टाचार मामलों में अपील नहीं करना सरकार की परंपरा

भ्रष्टाचार से घिरे अफसर को हाई कोर्ट से मिली राहत, सरकार का सुप्रीम कोर्ट जाने से इनकार

अरपा-भैंसाझाड़ नहर परियोजना में भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों पर सरकार की मेहरबानी, दोषी 11 में से सिर्फ तीन पर ही कार्रवाई

आज से शुरू हो रहा एमपी विधानसभा का मानसून सत्र, भ्रष्टाचार और घोटालों पर होगा सियासी संग्राम

सरकार पर सवाल : मेहरबानी क्यों

सांसद बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि जैसलमेर और बाड़मेर में प्रशासनिक भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने सवाल उठाया, जब प्रशासन के भीतर से ही अधिकारी कलेक्टर पर सवाल उठा रहे हैं, तो सरकार की चुप्पी क्या दर्शाती है? क्या यह राजनीतिक संरक्षण का मामला है। 

पर्यावरण पर जताई चिंता

सांसद बेनीवाल ने सोलर और विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के नाम पर हो रही अनियंत्रित गतिविधियों पर भी सवाल उठाए। पर्यावरण की अनदेखी और ग्रामीणों के हितों की उपेक्षा से क्षेत्र का दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि सोलर प्लांट्स के लिए पर्यावरणीय मानकों का कड़ाई से पालन हो और प्रभावित ग्रामीणों को उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि सोलर प्लांट्स के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई से तापमान वृद्धि और पर्यावरणीय संकट का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने मांग की कि सोलर प्लांट्स के लिए 25% क्षेत्र ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित किया जाए और सरकार इस संबंध में नीति बनाए।

FAQ

1. सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने कलेक्टर पर क्या आरोप लगाए हैं?
सांसद ने कलेक्टर पर भ्रष्टाचार, सीलिंग एक्ट उल्लंघन, और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर कॉर्पोरेट कंपनियों के हित में काम कर रहे हैं।
2. क्या जैसलमेर में सोलर और विंड एनर्जी कंपनियों के कारण कोई समस्या हो रही है?
सांसद ने आरोप लगाया कि इन कंपनियों के कारण किसानों और ग्रामीणों को उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है और कुछ अधिकारी इन कंपनियों के पक्ष में काम कर रहे हैं।
3. सांसद ने पर्यावरणीय संकट को लेकर क्या कहा है?
सांसद ने सोलर प्लांट्स के लिए पेड़ों की कटाई और पर्यावरणीय संकट पर चिंता जताई है और सरकार से पर्यावरणीय मानकों के पालन की मांग की है।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

कांग्रेस राजस्थान भ्रष्टाचार सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल बाड़मेर-जैसलमेर