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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान सरकार ने आखिरकार 11 साल बाद ऊंटों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। यह निर्णय ऊंटों की घटती संख्या और उनके संरक्षण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। पूर्व में वसुंधरा सरकार के शासनकाल में ऊंट को राज्य पशु घोषित किया गया था, ताकि बलि और उसकी घटती जनसंख्या की समस्याओं पर काबू पाया जा सके। अब इस फैसले से ऊंट पालकों को बड़ी राहत मिली है और उनके लिए नए अवसर खुलेंगे।
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नए नियम-शर्तों के तहत निर्यात की अनुमति
राष्ट्रीय पशुपालन संघ के अध्यक्ष लालजी राईका ने बताया कि राज्य सरकार ने इस फैसले के बाद नियमों में कुछ संशोधन किए हैं। अब ऊंटों का परिवहन, अन्य राज्यों में निर्यात और पशु मेलों में ऊंटों का इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि इस नए आदेश में कुछ शर्तें भी जोड़ी गई हैं, जिनके तहत ऊंटों की बिक्री और परिवहन के लिए अनुमति ली जाएगी। इन संशोधनों से ऊंट पालकों के लिए व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे और आगामी पुष्कर मेले में ऊंटों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
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ऊंट बचाओ आंदोलन और पशुपालकों की मेहनत
ऊंट पालकों ने लंबे समय से ऊंटों के संरक्षण और उनके व्यापार के लिए कई आंदोलन किए थे। ऊंट बचाओ आंदोलन के तहत करीब 10 बड़े आंदोलनों का आयोजन किया गया, जिसमें जयपुर, उदयपुर और भारतमाला जैसे प्रमुख स्थानों पर सभाएं और प्रदर्शन हुए। इस आंदोलन का उद्देश्य ऊंटों की घटती संख्या को रोकना था और सरकार से उनकी स्थिति को सुधारने की मांग करना था। इस आंदोलन के बाद ही राज्य सरकार को इस मुद्दे पर विचार करना पड़ा और इस निर्णय को लागू किया गया।
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पुष्कर मेले पर असर और ऊंटों की बढ़ती कीमतें
इस निर्णय का सबसे बड़ा प्रभाव पुष्कर मेले पर पड़ेगा। जहां हर साल बड़ी संख्या में ऊंट आते हैं। वहीं इस फैसले से व्यापार में तेजी आएगी। व्यापारियों को अब ऊंटों को खरीदने में कोई बाधा नहीं आएगी, जिससे ऊंटों की मांग बढ़ेगी और कीमतें भी बढ़ सकती हैं। हालांकि अगर व्यापारियों पर कोई पाबंदी लगी तो कीमतों में गिरावट हो सकती है।
क्या ऊंट पालकों को परेशानी आएगी?
इस फैसले के बाद यह सवाल उठता है कि क्या ऊंट पालकों को इस फैसले के तहत अनुमति लेने में कोई दिक्कत होगी? अधिकारियों के अनुसार, अब ऊंटों के परिवहन और बिक्री के लिए सक्षम अधिकारी से परमिशन ली जाएगी, लेकिन यह देखना होगा कि यह प्रक्रिया सरल होगी या फिर ऊंट पालकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे।