11 साल बाद राजस्थान सरकार ने ऊंटों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाया, ऊंट पालकों को होगा फायदा

राजस्थान सरकार ने 11 साल बाद ऊंटों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। यह फैसला सरकार ने ऊंटों की घटती संख्या के मद्देनजर लिया है। इस कदम से ऊंट पालकों को राहत मिलेगी और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
oont

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jaipur. राजस्थान सरकार ने आखिरकार 11 साल बाद ऊंटों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। यह निर्णय ऊंटों की घटती संख्या और उनके संरक्षण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। पूर्व में वसुंधरा सरकार के शासनकाल में ऊंट को राज्य पशु घोषित किया गया था, ताकि बलि और उसकी घटती जनसंख्या की समस्याओं पर काबू पाया जा सके। अब इस फैसले से ऊंट पालकों को बड़ी राहत मिली है और उनके लिए नए अवसर खुलेंगे।

राजस्थान में BSF में 5 साल की उम्र में होती है ऊंटों की भर्ती, 16 साल में हो जाते हैं रिटायर

नए नियम-शर्तों के तहत निर्यात की अनुमति

राष्ट्रीय पशुपालन संघ के अध्यक्ष लालजी राईका ने बताया कि राज्य सरकार ने इस फैसले के बाद नियमों में कुछ संशोधन किए हैं। अब ऊंटों का परिवहन, अन्य राज्यों में निर्यात और पशु मेलों में ऊंटों का इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि इस नए आदेश में कुछ शर्तें भी जोड़ी गई हैं, जिनके तहत ऊंटों की बिक्री और परिवहन के लिए अनुमति ली जाएगी। इन संशोधनों से ऊंट पालकों के लिए व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे और आगामी पुष्कर मेले में ऊंटों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।

पश्चिमी राजस्थान में ऊंटनी का दूध पीने के लिए अलसुबह लगती है लाइन, लोग ले रहे स्वास्थ्य लाभ

ऊंट बचाओ आंदोलन और पशुपालकों की मेहनत

ऊंट पालकों ने लंबे समय से ऊंटों के संरक्षण और उनके व्यापार के लिए कई आंदोलन किए थे। ऊंट बचाओ आंदोलन के तहत करीब 10 बड़े आंदोलनों का आयोजन किया गया, जिसमें जयपुर, उदयपुर और भारतमाला जैसे प्रमुख स्थानों पर सभाएं और प्रदर्शन हुए। इस आंदोलन का उद्देश्य ऊंटों की घटती संख्या को रोकना था और सरकार से उनकी स्थिति को सुधारने की मांग करना था। इस आंदोलन के बाद ही राज्य सरकार को इस मुद्दे पर विचार करना पड़ा और इस निर्णय को लागू किया गया।

जैसलमेर में अधिकारियों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही ऊंटों के संरक्षण की योजना

पुष्कर मेले पर असर और ऊंटों की बढ़ती कीमतें

इस निर्णय का सबसे बड़ा प्रभाव पुष्कर मेले पर पड़ेगा। जहां हर साल बड़ी संख्या में ऊंट आते हैं। वहीं इस फैसले से व्यापार में तेजी आएगी। व्यापारियों को अब ऊंटों को खरीदने में कोई बाधा नहीं आएगी, जिससे ऊंटों की मांग बढ़ेगी और कीमतें भी बढ़ सकती हैं। हालांकि अगर व्यापारियों पर कोई पाबंदी लगी तो कीमतों में गिरावट हो सकती है।

राजस्थान में राजनीतिक रसूख बढ़ा रहे बिजली चोरी, बेढम-खींवसर-पायलट-शेखावत-मेघवाल के गढ़ में जम्पर की भरमार

क्या ऊंट पालकों को परेशानी आएगी?

इस फैसले के बाद यह सवाल उठता है कि क्या ऊंट पालकों को इस फैसले के तहत अनुमति लेने में कोई दिक्कत होगी? अधिकारियों के अनुसार, अब ऊंटों के परिवहन और बिक्री के लिए सक्षम अधिकारी से परमिशन ली जाएगी, लेकिन यह देखना होगा कि यह प्रक्रिया सरल होगी या फिर ऊंट पालकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ेंगे।

FAQ

1. राजस्थान सरकार ने ऊंटों के निर्यात पर प्रतिबंध क्यों हटाया?
ऊंटों की घटती संख्या और उनके संरक्षण को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया, जिससे ऊंट पालकों को राहत मिलेगी और व्यापार बढ़ेगा।
2. क्या इस फैसले से पुष्कर मेले पर कोई असर पड़ेगा?
हां, इस फैसले से पुष्कर मेले में ऊंटों की संख्या बढ़ सकती है और व्यापारियों को कोई परेशानी नहीं होगी, जिससे ऊंटों की कीमत बढ़ सकती है।
3. क्या ऊंट पालकों को ऊंटों के निर्यात के लिए परमिशन प्राप्त करने में कोई समस्या आएगी?
ऊंट पालकों को अब ऊंटों के निर्यात के लिए सक्षम अधिकारी से परमिशन लेनी होगी, लेकिन यह प्रक्रिया सरल होनी चाहिए, हालांकि इसमें कोई दिक्कत हो सकती है।

वसुंधरा सरकार प्रतिबंध निर्यात ऊंट राजस्थान राजस्थान सरकार
Advertisment