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Photograph: (the sootr)
Jaipur. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी के संगठन सृजन अभियान के तहत राजस्थान में जिलाध्यक्षों के चयन के लिए रायशुमारी की प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने अलग-अलग जिलों का दौरा किया और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपी है, जिस पर चर्चा की जा रही है।
केंद्रीय पर्यवेक्षकों की रायशुमारी
राहुल गांधी और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने दीपावली के बाद एक बैठक में पर्यवेक्षकों से मिली रिपोर्ट पर विचार किया। इसमें पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तीन-तीन नामों का पैनल तैयार किया। इसके बाद पार्टी हाईकमान जल्द ही किसी एक नाम को अंतिम रूप देने की योजना बना रहा है।
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राहुल गांधी की टीम द्वारा जांच
राहुल गांधी की टीम ने पर्यवेक्षकों द्वारा की गई रायशुमारी को लेकर आंतरिक जांच शुरू कर दी है। इसके तहत दिल्ली स्थित कांग्रेस वॉर रूम से जुड़े नेताओं को राजस्थान भेजा गया है, जहां वे पर्यवेक्षकों के दौरे और रायशुमारी की जांच कर रहे हैं। यह जांच पूरी तरह गोपनीय तरीके से की जा रही है। इसके बारे में प्रदेश कांग्रेस को भी ज्यादा जानकारी नहीं है।
रायशुमारी की रिपोर्ट का क्रॉस चेक
राहुल गांधी की टीम का कहना है कि रायशुमारी की रिपोर्ट को क्रॉस चेक करने के बाद ही जिलाध्यक्षों की सूची जारी की जाएगी। 11 नवंबर को राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के बीच इस रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है। इसके बाद 15 नवंबर के बाद जिलाध्यक्षों की सूची जारी हो सकती है।
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पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट और गुप्त सर्वे
राज्य कांग्रेस के ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय संयोजक राजेंद्र सेन ने कहा कि पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल को सौंप दी थी। इसके बाद राहुल गांधी अपनी टीम के जरिए इस रिपोर्ट का गुप्त सर्वे भी करवा रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यवेक्षकों की राय सही है। इस सर्वे के आधार पर जिलाध्यक्षों के चयन पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
दूसरे नेताओं का समर्थन
राहुल गांधी की टीम द्वारा किए गए इस क्रॉस चेक और गुप्त सर्वे को लेकर कांग्रेस पार्टी के कई नेता इसे महत्वपूर्ण मान रहे हैं। इस प्रक्रिया के जरिए पार्टी में पारदर्शिता और संगठनात्मक सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। राजस्थान में अगले कुछ महीनों में पार्टी के जिलाध्यक्षों के चयन के बाद बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकता है।
अभियान की टाइमलाइन
1 से 15 अक्टूबर : पर्यवेक्षकों द्वारा कार्यकर्ताओं से रायशुमारी
11 नवंबर : राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल के बीच बैठक
15 नवंबर के बाद : जिलाध्यक्षों की सूची का अंतिम रूप में जारी होना
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