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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान की राजधानी जयपुर में भूमाफिया ज्ञानचंद अग्रवाल और उसके कारोबारी सहयोगियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 150 करोड़ रुपए से अधिक के जमीन घोटाले में कड़ी कार्रवाई की है। इस चार दिन लंबी जांच में ईडी ने कई ठोस सबूत जुटाए हैं, जो इस घोटाले के मामलों को उजागर करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (Money Laundering Act) के तहत कार्रवाई करते हुए बेहिसाब नकदी, डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क और फर्जी दस्तावेज जब्त किए हैं। यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस की ओर से दर्ज की गई कई एफआईआर (FIR) के आधार पर की गई, जिसमें ज्ञानचंद अग्रवाल पर जमीन हड़पने और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप हैं।
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जयपुर में ED की चार दिन तक चली कार्रवाई
ईडी की इस कार्रवाई में पिछले चार दिनों से जयपुर शहर के छह प्रमुख रियल एस्टेट कॉलोनाइजर्स (Real Estate Colonizers) के ठिकानों पर जांच जारी रही। इन कॉलोनाइजर्स पर आरोप हैं कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिए लाखों करोड़ों रुपए की जमीनों की हड़प की और कई निवेशकों को धोखा दिया। ईडी के अधिकारियों ने इन ठिकानों से कई महत्वपूर्ण डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क जब्त किए हैं, जिनमें जमीन के घोटाले से संबंधित जानकारी और दस्तावेज मिले हैं।
ईडी ने एक क्लाउड सर्वर (Cloud Server) भी बरामद किया है, जिसमें करोड़ों रुपए के लेन-देन का विवरण दर्ज है। यह जानकारी अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुराग बन सकती है, क्योंकि इस क्लाउड सर्वर के माध्यम से बड़ी मात्रा में वित्तीय लेन-देन के बारे में पता चल सकता है, जो इस धोखाधड़ी के पीछे बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियों को उजागर कर सकता है।
सूत्रों के अनुसार अब इस मामले में और गहरी जांच की जाएगी। विशेषकर, विदेशों में संपत्तियों के संबंध में जांच की दिशा को और बढ़ाया जाएगा। इस जांच में यह देखा जाएगा कि इन संपत्तियों को कैसे खरीदा गया, इनके संचालन के लिए किन कंपनियों का सहारा लिया गया, और इन संपत्तियों के लेन-देन में किन लोगों का हाथ था। ईडी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति या समूह देश के कानून से बचकर न भाग सके और ऐसे वित्तीय अपराधों की जांच को सही तरीके से किया जा सके।
1250 करोड़ रुपए के कैश लेन-देन का खुलासा
ईडी के जांचकर्ताओं ने इस चार दिन की कार्रवाई के दौरान 1250 करोड़ रुपए के कैश लेन-देन का खुलासा किया है, जो इस घोटाले के आंतरिक वित्तीय नेटवर्क को और अधिक संदिग्ध बना देता है। यह खुलासा यह दर्शाता है कि जमीन घोटाले में शामिल कारोबारी नेटवर्क ने बेहिसाब नकदी का लेन-देन किया है, जिससे यह मामला और जटिल हो गया है। इसके अलावा, आयकर विभाग ने भी 9.5 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की है, जो इस घोटाले के काले धन के और भी मजबूत संकेत देती है।
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जयपुर में ईडी की कार्रवाई, भूमि कारोबारियों और भूमाफिया के दर्जनभर से अधिक ठिकानों पर छापा
जमीन घोटाले की कहानी
जयपुर का भूमाफिया ज्ञानचंद अग्रवाल और उसके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से सरकारी और निजी भूमि की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की। इन कंपनियों ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेज के जरिए बिना उचित वैधता के भूमि पर कब्जा किया और उसे बेच दिया। इस धोखाधड़ी में कई लोग शामिल हो सकते हैं, जो राज्य सरकार की भूमि नीति और रियल एस्टेट नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।
इन आरोपों की जांच के लिए ईडी और राज्य पुलिस दोनों मिलकर काम कर रहे हैं, और यह मामला अब गंभीर रूप धारण कर चुका है। जयपुर के रियल एस्टेट क्षेत्र में घोटाले की यह घटना राज्य सरकार के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आई है, जिसमें सरकारी संपत्तियों और भूमि उपयोग की पारदर्शिता और निगरानी में सुधार की आवश्यकता है।
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राजस्थान में ईडी की जांच और कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी में ईडी ने अपनी जांच में कई अहम दस्तावेज़ और सबूत इकट्ठे किए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि कई रियल एस्टेट कंपनियों ने सरकारी रजिस्ट्रार ऑफिस से संबंधित दस्तावेज़ों में छेड़छाड़ की थी। इसके अलावा, कई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के नाम पर फर्जी कागजात तैयार किए गए, जिनका कोई कानूनी आधार नहीं था। ईडी ने अब इन कंपनियों के वित्तीय लेन-देन को ट्रैक करने के लिए और भी सख्त कदम उठाए हैं, ताकि पूरे घोटाले का पर्दाफाश हो सके।
जयपुर में भूमाफिया पर ईडी की कार्रवाई सरकारी संपत्तियों और भूमि के उपयोग में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए एक आवश्यक कदम है। इसके जरिए यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोकने के लिए सख्त नियमों और निगरानी को लागू किया जाएगा।
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ईडी क्या है?
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ईडी की जांच के बाद की स्थिति
ईडी द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद, इस बात की संभावना है कि राजस्थान में भूमि से जुड़ी धोखाधड़ी की और भी घटनाओं का खुलासा हो। जांच की प्रक्रिया अभी भी जारी है, और नए दस्तावेज और जानकारी के आधार पर अधिक गिरफ्तारियां और कार्रवाई हो सकती हैं। इस मामले के गंभीर पहलू यह हैं कि इसमें सरकारी संपत्ति और नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन किया गया है, जिसके चलते इस मामले में और भी जांच हो सकती है।
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ED के अगले कदम क्या होंगे?
अब जब इस मामले में जांच और कार्रवाई चल रही है, यह उम्मीद की जा रही है कि ईडी और अन्य जांच एजेंसियां समय पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगी। इस केस में पीड़ित निवेशकों और नागरिकों के लिए न्याय की उम्मीद भी बनी हुई है। ईडी की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि सरकार इस प्रकार के घोटालों को लेकर गंभीर है और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
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