कोटा-बूंदी में बाढ़ का कहर, सेना ने संभाला मोर्चा, आज भी इन जिलों में होगी मूसलाधार बारिश, जानें अपडेट

राजस्थान में मानसून ने एकबार फिर अपना कहर दिखाना प्रांरभ कर दिया है। प्रदेश के कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए है। यहां सेना को बुलाना पड़ा है। शनिवार को भी कई जिलों के लिए रेड व ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

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Sanjay Dhiman
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राजस्थान में इस साल मानसून ने एक बार फिर से पूरी रफ्तार पकड़ ली है। शुक्रवार को हुई तेज बारिश ने कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और बारां जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी है। राज्य के 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान कई इलाकों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है और राहत कार्यों के लिए सेना को भी बुलाना पड़ा है।

भारी बारिश का असर

राजस्थान मौसम केंद्र के अनुसार, मानसून ट्रफ की सामान्य स्थिति में आने और मध्यप्रदेश-राजस्थान की सीमा पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन के स्थिर हो जाने के कारण अचानक भारी बारिश शुरू हो गई। इससे राजस्थान के कई हिस्सों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।

  • कोटा और बूंदी: इन क्षेत्रों में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। कोटा में सुल्तानपुर कस्बे में सड़कों पर चार-चार फीट तक पानी भर गया। वहीं बूंदी में 9 घंटे के अंदर 13 इंच तक बारिश हुई।

  • सवाई माधोपुर और बारां: यहां बारिश के कारण कई इलाकों में नदी और बांध ओवरफ्लो हो गए। सवाई माधोपुर में सूरवाल बांध के पास नाव पलटने से हड़कंप मच गया और यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो गया। 

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राहत-बचाव के लिए बुलाना पड़ी सेना

कोटा और बूंदी क्षेत्र में हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने भारतीय सेना और एनडीआरएफ (NDRF) की मदद ली है। बूंदी के नैनवां कस्बे में बारिश के बाद पानी का स्तर बढ़ गया, जिससे लोग फंसे हुए थे। वहीं भीलवाड़ा के बिजौलिया में 24 घंटे में 166 मिमी बारिश हुई, जिससे पंचानपुरा बांध ओवरफ्लो हो गया। प्रशासन ने यहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। 

स्कूल बंद और यातायात प्रभावित

राज्य के कई जिलों में भारी बारिश के कारण स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर और भीलवाड़ा में शनिवार को स्कूलों की छुट्टी की घोषणा की गई है। 

बाढ़-बारिश के कहर को ऐसे समझें IN SHORT में

बारां जिले के किशनगंज क्षेत्र में बाढ़ से घिरे लोगों को बचाते SDRF टीम के जवान। - Dainik Bhaskar

  1. राजस्थान में मानसून के कारण 11 जिलों में भारी बारिश, कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति।
  2. कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और बारां में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र, सड़कों और कॉलोनियों में जलभराव।
  3. 9 जिलों में स्कूलों की छुट्टी, राहत कार्य के लिए सेना और एनडीआरएफ की तैनाती।
  4. सवाई माधोपुर में नाव पलटने से हड़कंप, 10 लोग थे सवार, जिनमें से 3 को बचाया गया।
  5. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की स्थिर स्थिति के कारण तेज बारिश हुई।

सड़कों पर जलभराव ट्रेनें प्रभावित

कोटा में सड़कों पर चार फीट तक पानी भरने से यातायात ठप हो गया। पुलिस की गाड़ी भी पानी में फंस गई, जिसे ट्रैक्टर से बाहर निकाला गया। रेलवे स्टेशन की पटरियां भी जलमग्न हो गईं, जिससे ट्रेनें प्रभावित हुईं। जिससे रेलवे स्टेशनों पर घंटों यात्री परेशान होते दिखाई दिए। कई जगह सड़क यातायात भी घंटों बंद रहा। 

क्या कारण थे इतनी तेज बारिश के?

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून की ट्रफ का सामान्य पोजीशन में आना और मध्यप्रदेश-राजस्थान सीमा पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन का स्थिर होना इस बारिश का प्रमुख कारण है। पिछले दो हफ्तों से मानसून कमजोर था, लेकिन अचानक स्थिति बदल गई और राज्य में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया। 

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आज इन जिलों में हो सकती है मूसलाधार बारिश

मौसम विभाग जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि शनिवार को भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में इस समय मानसून एक्टिव है, लेकिन मध्यप्रदेश से लगे जिलों में शनिवार को तेज बारिश रिकार्ड हो सकती है। इसमें भी भीलवाडा और चित्तौड़गढ़ के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।

इसी प्रकार बूंदी, कोटा,राजसंमद, पाली, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, जालोर के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शेष सभी जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। निदेशक शर्मा के अनुसार आने वाले तीन-चार दिन राजस्थान में बारिश का दाैर इसी प्रकार बना रहने की संभावनाएं है। 

मंत्री नागर और अधिकारियों ने ट्रैक्टर पर बैठ लिया जायजा

कोटा संभाग में भारी बारिश जारी है, जिससे अधिकांश नदियां उफान पर हैं। विभिन्न स्थानों पर 2 से 8 इंच तक बारिश दर्ज की गई है, जिसके कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया है। कोटा जिले के सुल्तानपुर के पास निमोद हरि जी गांव में खाड़ी का पानी घुसने से लोग फंस गए हैं।

इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने सेना, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला जा रहा है। हालात का जायजा लेने के लिए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, जिला कलेक्टर पीयूष समारिया और एसपी सुजीत शंकर ट्रैक्टर पर बैठकर मौके पर पहुंचे।

मंत्री ने प्रभावित बस्तियों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण देने और राहत सामग्री की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। सेना के 80 जवान राहत कार्यों में जुटे हैं, और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर हालात का जायजा लिया जा रहा है।

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