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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए अवमानना (कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट), दुर्व्यवहार और मानहानि जैसे अपराधों के लिए अब 15 प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है। इस सजा प्रणाली को बीएनएस 2023 (BNS-2023) के तहत लागू किया गया है, और इसे राजस्थान हाईकोर्ट से प्राप्त सलाह के बाद गृह विभाग द्वारा अधिसूचित किया गया है। इस अधिसूचना के तहत राजस्थान के सरकारी कर्मचारी को अपराधों के लिए केवल जेल की सजा नहीं दी जाएगी, बल्कि सामुदायिक सेवा, पौधारोपण, दफ्तर की सफाई, पार्कों का रख-रखाव, और लाइब्रेरी में सेवा जैसी अन्य सजा भी दी जा सकेगी। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के सुधार और पुनर्वास के लिए उठाया गया है।
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नई सजा प्रणाली में 15 प्रकार की सजा
राजस्थान सरकार ने अब 15 प्रकार की सजा तय की है, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू की जाएगी। इनमें सामुदायिक सेवा, जेल की सजा, जुर्माना, और विभिन्न सार्वजनिक कार्यों में भागीदारी जैसी सजा शामिल हैं। यह सजा प्रणाली सरकारी कर्मचारियों के लिए तय की गई है, जो किसी भी प्रकार के अपराध जैसे अवमानना, दुर्व्यवहार, या मानहानि में लिप्त होते हैं।
बीएनएस-2023 के तहत सामुदायिक सेवा: एक नई दिशा
सामुदायिक सेवा का प्रावधान बीएनएस-2023 के तहत खास तौर पर रखा गया है। इसके तहत अपराधी को समाज की सेवा करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्य करने होंगे। यह सजा जेल की सजा के विकल्प के रूप में दी जाएगी, जिसका उद्देश्य अपराधियों का सुधार, पुनर्वास, और उन्हें समाज के लिए कुछ योगदान देने का अवसर प्रदान करना है।
सामुदायिक सेवा में 8 से लेकर 244 घंटे तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इस सेवा में शामिल कार्यों में स्कूल और कॉलेजों में सफाई, अस्पतालों और वृद्धाश्रमों में काम करना, सार्वजनिक पार्कों और पुलिस स्टेशन परिसर की सफाई, और ट्रैफिक प्रबंधन में मदद करना शामिल है। इसके अलावा, पेड़ लगाने और पानी पिलाने की सजा भी सामुदायिक सेवा में शामिल की गई है।
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सामुदायिक सेवा में क्या शामिल है?
एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (स्कूल या कॉलेज) में सफाई
लाइब्रेरी, लैबोरेटरी, खेल मैदान की सफाई
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और सरकारी दफ्तरों में किताबों की व्यवस्था, जिल्द चढ़ाना, और अन्य लिपिकीय सहायता
अस्पतालों और वृद्धाश्रमों में सफाई और ट्रॉली मैनेजमेंट
पार्कों और सार्वजनिक भवनों की सफाई
सार्वजनिक पार्कों और पुलिस स्टेशन परिसर की सफाई
पार्कों की सफाई और ट्रैफिक प्रबंधन में मदद
पेड़ लगाने और पानी पिलाने की कार्यवाही
इन कार्यों में अपराधी को समाज के फायदे के लिए बिना किसी वेतन के काम करना पड़ेगा। यह सजा उन सरकारी कर्मचारियों के लिए तय की जाएगी, जो कोर्ट या समाज के खिलाफ किसी प्रकार का अपराध करते हैं।
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बीएनएस 2023 क्या है?
बीएनएस 2023 की मुख्य विशेषताएं
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शराब पीकर उत्पात मचाने पर जुर्माना और साधारण कैद
सामुदायिक सेवा के अलावा, कुछ मामलों में जुर्माना और साधारण कैद की सजा भी दी जाएगी। जैसे कि शराब पीकर उत्पात मचाने और सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्तियों को 24 घंटे तक की साधारण कैद या अधिकतम 1000 रुपये जुर्माना हो सकता है। यह सजा अपराधी के व्यवहार और अपराध की गंभीरता के आधार पर तय की जाएगी।
आत्महत्या की कोशिश पर एक साल की सजा
अगर किसी व्यक्ति के आत्महत्या की कोशिश करने का मामला साबित हो जाता है, तो उसे एक साल की सजा या जुर्माने से दंडित किया जाएगा। यह सजा आत्महत्या की कोशिश करने वालों के लिए एक चेतावनी होगी और उन्हें जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।
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नई सजा प्रणाली का उद्देश्य क्या है?
राजस्थान सरकार द्वारा इस नई सजा प्रणाली को लागू करने का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुधारने और उन्हें समाज के लिए कुछ सकारात्मक कार्य करने का अवसर देना है। सामुदायिक सेवा की सजा के तहत अपराधियों को अपनी गलती स्वीकार करने और उसे सुधारने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, यह सजा प्रणाली उन सरकारी कर्मचारियों के लिए एक चेतावनी के रूप में काम करेगी, जो सरकारी पदों का गलत इस्तेमाल करते हैं और समाज के खिलाफ अपराध करते हैं।
अपराधियों के सुधार की दिशा में एक कदम
सामुदायिक सेवा के तहत अपराधियों को समाज के लिए योगदान देने का अवसर दिया जाएगा, जिससे उन्हें खुद की गलतियों का एहसास होगा और उनका सुधार होगा। यह सजा प्रणाली अपराधियों को सुधारने के लिए जेल की सजा के बजाय एक बेहतर विकल्प हो सकती है। इस प्रकार की सजा अपराधियों के पुनर्वास और सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
राजस्थान हाईकोर्ट से ली सलाह
राजस्थान सरकार ने इस सजा प्रणाली को लागू करने से पहले राजस्थान हाईकोर्ट से सलाह ली थी। इसके बाद यह अधिसूचना जारी की गई और तत्काल प्रभाव से लागू हो गई। इस प्रणाली को लागू करने से पहले विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अपराधियों को उचित सजा मिले और साथ ही समाज के लिए सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।