/sootr/media/media_files/2025/09/22/rajasthan-high-court-2025-09-22-12-56-57.jpg)
Photograph: (the sootr)
राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि किसी कर्मचारी को पिछले सालों की वैकेंसी पर देरी से, लेकिन भूतलक्षी प्रभाव से प्रमोशन दिया जाता है, तो उसे प्रमोशन की तारीख से मिलने वाले वित्तीय लाभ देने से इनकार नहीं किया जा सकता। जस्टिस आनंद शर्मा ने यह आदेश पुष्पेंद्र सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए।
राजस्थान हाई कोर्ट ने दिए जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में 19 अवैध बिल्डिंगों को सीज करने के आदेश
यह है मामला
एडवोकेट सुनील समदड़िया ने बताया कि प्रार्थी अजमेर नगर परिषद में 16 अप्रैल, 1976 को जमादार नियुक्त हुए थे। जमादार से एलडीसी पर प्रमोशन के लिए 28 मई, 1990 को डीपीसी हुई थी, लेकिन प्रार्थी को दरकिनार करते हुए उससे जूनियर के प्रमोशन कर दिए थे। इस भेदभाव के खिलाफ प्रार्थी ने हाई कोर्ट की शरण ली थी। 29 जनवरी, 2001 को हाई कोर्ट ने प्रार्थी को भी उसी तारीख से प्रमोशन देने के आदेश दिए, जिस तारीख से उसके जूनियर को दिया था।
राजस्थान हाई कोर्ट की फटकार : अधिकारी कोर्ट के आदेश को कितने समय तक दबाकर रख सकते हैं?
अवमानना याचिका दायर
इस आदेश की पालना नहीं होने पर प्रार्थी ने अवमानना याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने 6 सितंबर, 2005 को आदेश की पालना नहीं होने पर अफसरों को हाजिर होने को कहा था। 24 सितंबर, 2005 को अजमेर नगर ​परिषद के आयुक्त ने प्रार्थी का 28 मई, 1990 से एडहॉक प्रमोशन कर दिया और 15 अप्रैल, 2008 को नियमित रूप से प्रमोशन दे दिया।
...लेकिन पैसे तो दिए ही नहीं
एडवोकेट सुनील समदड़िया ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थी को एलडीसी के पद पर प्रमोशन 28 मई, 1990 से दिया और 2008 में नियमित भी कर दिया, लेकिन बावजूद इसके कि देरी से डीपीसी करने में उसकी कोई भूमिका नहीं थी, उसे प्रमोशन की तारीख 28 मई, 1990 से वास्तविक तौर पर वित्तीय लाभ देने से इनकार कर दिया और सिर्फ नोशनल लाभ दिया। इससे प्रार्थी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।
राजस्थान हाई कोर्ट ने RPSC का आदेश पलटा, डिबार अभ्यर्थी को परीक्षा में बैठाने के दिए निर्देश
गलती सरकार की, तो कर्मचारी क्यों भुगते?
कोर्ट ने कहा है कि इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रार्थी को दरकिनार करके उससे जूनियर को प्रमोशन दे दिया था। हाई कोर्ट के आदेश से प्रार्थी को भी उसी तारीख से प्रमोशन दिया गया, जिस तारीख से उसके जूनियर को मिला था। सरकार का 2008 से ही वित्तीय लाभ देना गलत है और यह लाभ 28 मई, 1990 से ही मिलना चाहिए।
घर के बाहर डेयरी बूथ लगाना स्वतंत्रता और जीवन जीने के अधिकार के विपरीत : राजस्थान हाई कोर्ट
दो महीने में वित्तीय लाभ देने के आदेश
ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि समय पर प्रमोशन के लिए डीपीसी नहीं होने से पहले ही अन्याय हो चुका है। इसलिए पिछली वैकेंसी के लिए देरी से प्रमोशन होने वाले मामलों में काम नहीं तो वेतन नहीं का सिद्धांत लागू नहीं होता और ऐसे मामलों में प्रमोशन की तारीख से ही वास्तविक वित्तीय लाभ मिलने चाहिए। कोर्ट ने प्रार्थी को दो महीने में एलडीसी पद पर 28 मई, 1990 से ही वित्तीय लाभ देने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट के महत्वपूर्ण आदेश
- प्रमोशन की तारीख से वित्तीय लाभ
- कोर्ट का 2 महीने में लाभ देने का आदेश
- सरकार का माना दोष
- पूर्वी राजस्थान में प्रमोशन विवाद
- वेतन से संबंधित आदेश