राजस्थान हाई कोर्ट की फटकार : अधिकारी कोर्ट के आदेश को कितने समय तक दबाकर रख सकते हैं?

राजस्थान हाई कोर्ट ने पंचायतीराज विभाग को फटकार लगाते हुए राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेशाध्यक्ष जोगेन्द्र अवाना के बेटे हिमांशु अवाना को प्रधान के पद पर बहाल नहीं करने पर जवाब मांगा।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान हाई कोर्ट ने पंचायतीराज विभाग राजस्थान को कड़ी फटकार लगाते हुए राज्य के एसीएस और कमिश्नर से जवाब मांगा है। मामला है राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेशाध्यक्ष जोगेन्द्र अवाना के बेटे हिमांशु अवाना के प्रधान पद पर बहाल न होने का। हाई कोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए यह सवाल उठाया कि उन्होंने कोर्ट के आदेश की पालन में क्या कदम उठाए?

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हिमांशु का निलंबन और कोर्ट का आदेश

हिमांशु अवाना भरतपुर की उच्चैन पंचायत में प्रधान थे। उन्हें राजस्थान सरकार ने 11 फरवरी, 2024 को निलंबित कर दिया था। हिमांशु ने इसे राजनीतिक विद्वेष बताते हुए हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने 19 मार्च, 2024 को उनके निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि इसके बावजूद सरकार ने उन्हें पुनः बहाल नहीं किया।

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हाई कोर्ट का सख्त रुख

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि अधिकारियों को अदालत के आदेशों का पालन समय पर और सख्ती से करना चाहिए। हाई कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में शासन निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के हाथ में होता है और उनका कार्यकाल निश्चित होता है।

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ऐसे मामलों में अदालत के आदेश को दबाकर रखने का कोई कारण नहीं हो सकता। कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि वे कोर्ट के आदेश को कितने समय तक दबाकर रख सकते हैं।

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पारिवारिक और राजनीतिक संदर्भ

इस मामले का एक राजनीतिक संदर्भ भी है। हिमांशु अवाना के पिता जोगेन्द्र अवाना ने विधानसभा चुनाव में नदबई सीट से जिला प्रमुख जगत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था। चुनाव के परिणामों के अगले दिन ही हिमांशु अवाना के खिलाफ जांच कमेटी बनाई गई, जिसके आधार पर जिला प्रमुख द्वारा लिखे गए एक नोट का इस्तेमाल किया गया था। इस मामले की राजनीतिक पृष्ठभूमि को देखते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध से जोड़ा जा रहा है।

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महत्वपूर्ण बिंदु

  • हिमांशु अवाना को प्रधान के पद से निलंबित किया गया था।
  • हाई कोर्ट ने निलंबन पर रोक लगाई, लेकिन बहाली नहीं हुई।
  • कोर्ट आदेश के पालन में देरी पर अधिकारियों को फटकार।
  • राजनीतिक संदर्भ में जोगेंद्र अवाना और जगत सिंह के बीच चुनावी विवाद।

FAQ

1. हिमांशु अवाना का निलंबन क्यों हुआ था?
हिमांशु अवाना (Himanshu Avana) को राज्य सरकार (State Government) ने 11 फरवरी, 2024 को निलंबित कर दिया था, जिसे उन्होंने राजनीतिक विद्वेष (Political Grudge) के रूप में चुनौती दी थी।
2. हाईकोर्ट का इस मामले में क्या फैसला था?
हाई कोर्ट (High Court) ने 19 मार्च 2024 को हिमांशु अवाना के निलंबन आदेश पर रोक लगाई थी, लेकिन उनके पुनः बहाल होने में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
3. इस मामले में अधिकारियों के लिए क्या निर्देश थे?
हाई कोर्ट ने अधिकारियों (Officers) से कोर्ट के आदेश (Court Order) का पालन करने और किसी भी प्रकार की देरी न करने को कहा है।

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