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Jaipur.राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में 936 जर्जर स्कूल बिल्डिगों की मरम्मत के लिए सरकार की ओर से 5-5 लाख रुपए देने पर सवाल उठाया है। जस्टिस महेंद्र गोयल और जस्टिस अशोक कुमार जैन की कोर्ट ने महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद से पूछा आजकल रंग-रोगन में ही लाख-दो लाख लगते हैं तो पांच लाख में स्कूल की मरम्मत कैसे होगी। जस्टिस जैन ने कहा कि यह राशि बिना किसी आकलन केि तय की है। उन्होंने पूछा कि आखिर यह राशि किस आधार पर तय हुई है !
महाधिवक्ता का कहना था कि मार्च 2026 तक अधिक जर्जर स्कूलों की मरम्मत कर देंगे और नवंबर 2026 तक बाकी ​स्कूल बिल्डिंग को सही करवाएंगे और जरुरत हुई तो और बजट दे दिया जाएगा। राजस्थान के जर्जर स्कूलों की मरम्मत लेकर सरकार गंभीर है।
कैसा काम ! स्कूल तो आज भी टीन शेड में चल रहे हैं....
कोर्ट ने सरकारी रवैए से नाराजगी जताते हुए महाधिवक्ता को कहा कि वह काम होने की बातें तो कर रहे हैं लेकिन,वास्तविकता में धरातल पर तो कोई काम होता दिखाई नहीं दे रहा और आज भी स्कूल टीन—शेड में चल रहे हैं।
स्वतंत्र जांच करवाएंगे रिपेयरिंग की.....
कोर्ट ने कहा कि बिल्डिंग​ गिरने की अधिकांश घटनाएं ठेकेदार की गलती से होती हैं। इसलिए मरम्मत के काम की जांच पीडब्ल्यूडी से करवाने के स्थान पर स्वतंत्र ऐजेंसी से करवाना चाहिए। कोर्ट ने एडवोकेट एस.एस.होरा को राज्य के स्कूल बिल्डिगों पर रालसा की ओर से पेश जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने तथा सभी पक्षों को मरम्मत के बाद जांच के लिए स्वतंत्र ऐजेंसी का नाम सुझाने को कहा है।
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प्राथमिकताएं तय करनी होगी....
सुनवाई के दौरान कहा गया कि स्कूल बिल्डिगों में होने वालों की काम की प्राथमिताएं तय करने के लिए स्कूलों की ग्रेडिंग होनी चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि फिलहाल फोकस स्कूल बिल्डिगों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर है और कोर्ट मामले में मॉनिटरिंग कर रहा है। महाधिवक्ता ने कहा कि स्वतंत्र ऐजेंसी से निरीक्षण के लिए सरकार से निर्देश लेने होगें और नवंबर में केंद्र सरकार से भी पैसा जारी करेगी। ऐसे में आगे के लिए एक्शन प्लॉन पेश करने के लिए सरकार को समय दिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने सुनवाई 31 अक्टूबर को तय की है और राजस्थान सरकार से पूछा है कि किस स्कूल को कितनी स्वीकृति दी गई है? जमीनी प्रगति की स्थिति क्या है? कितने स्कूल के पास अधिवास प्रमाण-पत्र हैं ? स्कूलों को एबीसीडी ग्रेड में बांटकर क्या योजनाएं हैं ? मरम्मत के लिए स्वीकृति और ​टेंडर प्रक्रिया की समय सीमा क्या है ? कोर्ट ने सभी पक्षों को मरम्मत की जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी का नाम बताने को कहा है।
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पिपलोदी स्कूल हादसा25 जुलाई, 2025 को झालावाड़ के पिपलोदी गांव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे। इस घटना राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप ढंढ और जस्टिस समीर जैन ने स्व:प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर जनहित याचिका दर्ज करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट इन दो या​चिकाओं के साथ इस संबंध में अन्य याचिकाओं पर भी सुनवाई कर रहा है। | |