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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान के बाड़मेर के शिक्षक जबराराम जाट का नाम हाल ही में एक बड़े पेपर लीक माफिया से जुड़ा पाया गया। 2019 में कांग्रेस सरकार के दौरान जबराराम को सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया गया था। इसके बाद वह पेपर लीक गिरोह का सरगना बन गया और विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक करने में सक्रिय रूप से शामिल हो गया।
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बांसवाड़ा पुलिस का खुलासा
पिछले साल बांसवाड़ा पुलिस ने वनपाल भर्ती परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। इस मामले में बड़ी संख्या में डमी अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षा में बैठने के लिए भेजा गया था और भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था।
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दो दर्जन से अधिक आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में दो दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से कई लोग फर्जी उम्मीदवारों को भर्ती करने और सॉल्वड पेपर बेचने के दोषी पाए गए। जांच के दौरान यह सामने आया कि वनपाल भर्ती परीक्षा का पेपर बाड़मेर के जबराराम जाट ने लीक किया था।
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मुख्य आरोपी जबराराम जाट
पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि जबराराम ने एक प्रिंटिंग प्रेस से 25 लाख रुपए में पेपर खरीदा था। इसके बाद उसने इस पेपर को विभिन्न गैंगों और अभ्यर्थियों को बेचा और डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई की।
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एसओजी की कार्रवाई और गिरफ्तारी
इस मामले की जांच एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) द्वारा की जा रही थी। पुलिस जबराराम की लगातार तलाश कर रही थी और उसके खिलाफ 50,000 रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। कुछ समय बाद जबराराम की गिरफ्तारी गुजरात से हुई, जहां वह छिपा हुआ था। एसओजी की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
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गिरफ्तारी के बाद की जानकारी
एसओजी के डीआईजी परिस देशमुख ने बताया कि जबराराम ने पेपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस से यह पेपर 25 लाख में खरीदा था। इसके बाद उसने विभिन्न गैंग्स और उम्मीदवारों को सॉल्वड पेपर बेचकर अवैध रूप से लगभग 1.5 करोड़ कमाए। जबराराम बालोतरा जिले के पचपदरा का निवासी है। वह पहले बाड़मेर के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय डांगरिया में शिक्षक के पद पर कार्यरत था।
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