आदिवासी मजदूरों को महाराष्ट्र में बनाया बंधक : आपबीती सुनाई-न तो मजदूरी मिली, ना ही खाना दिया

राजस्थान की प्रतापगढ़ पुलिस ने महाराष्ट्र में दबिश देकर 53 आदिवासी मजदूरों को बंधक से मुक्त कराया। पुलिस ने बताया कि इनको दलालों द्वारा बंधक बनाकर मजदूरी करवाई जा रही थी। पीड़ित मजदूरों ने पुलिस को आपबीती सुनाई है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Pratapgarh. राजस्थान के प्रतापगढ़ जिला पुलिस ने महाराष्ट्र में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 53 आदिवासी मजदूरों को बंधक से मुक्त कराया है। इन मजदूरों को 500 रुपए प्रतिदिन मजदूरी का लालच देकर महाराष्ट्र के सोलापुर में भेजा गया था, लेकिन वहां उन्हें काम करने के बावजूद मजदूरी नहीं दी जा रही थी। यह मजदूर दलालों के माध्यम से जमींदारों को बेचे गए थे, जिनसे 27.5 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई थी।

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बंधक मजदूर मुक्त 

प्रतापगढ़ पुलिस को जब इस मामले की जानकारी मिली, तो एसपी बी. आदित्य के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। इस टीम ने महाराष्ट्र में दबिश देकर 53 मजदूरों को छुड़ाया। इन मजदूरों में 13 महिलाएं और 40 पुरुष शामिल हैं। सभी मजदूर आदिवासी समुदाय से हैं और राजस्थान के विभिन्न गांवों के निवासी हैं। मजदूरों ने पुलिस को अपनी पीड़ा सुनाई है।

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मजदूरों को यह दिया झांसा

आदिवासी मजदूरों को 500 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी का झांसा देकर और खाने-पीने की मुफ्त सुविधा का वादा कर महाराष्ट्र भेजा गया था। इन मजदूरों को कहा गया था कि उन्हें मध्यप्रदेश के इंदौर में काम मिलेगा, लेकिन बाद में उन्हें सोलापुर के विभिन्न गांवों में बंधक बना लिया गया और जबरन काम करवाया गया। इन्हें न तो मजदूरी मिली और ना ही खाना दिया गया।

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दलालों ने किया लाखों का फर्जीवाड़ा

जांच में सामने आया कि इन मजदूरों को सोलापुर भेजने के लिए दो दलालों सीताराम पाटिल और खान ने जमींदारों से एडवांस में 27.5 लाख लिए थे। इनमें से 18 लाख सीताराम पाटिल ने और 9.5 लाख खान ने जमींदारों से प्राप्त किए थे। इसके बाद दलालों ने मजदूरों को कोई मेहनताना नहीं दिया और उन्हें जबरन काम करने के लिए मजबूर किया।

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मजदूरों ने किया भागकर पुलिस को सूचित

सोलापुर के जमींदारों के द्वारा गन्ने की खेती में इन मजदूरों से काम करवाया जा रहा था, लेकिन जब मजदूरों ने अपना काम खत्म किया, तो उन्हें कोई मजदूरी नहीं दी गई। इसके साथ ही काम नहीं करने पर उन्हें मारपीट का शिकार भी होना पड़ा। कुछ आदिवासी मजदूर मौके का फायदा उठाकर भाग निकले और उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने विशेष ऑपरेशन चलाकर मजदूरों को मुक्त कराया।

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पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच

प्रतापगढ़ पुलिस ने 53 मजदूरों को सकुशल रेस्क्यू किया और उन्हें उनके गांव वापस भेज दिया। अब पुलिस दलालों की तलाश कर रही है, जो इन मजदूरों की मजदूरी के लाखों रुपए लेकर फरार हो गए हैं। इस पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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आदिवासी मजदूरों को महाराष्ट्र में बनाया बंधक

  • प्रतापगढ़ पुलिस ने 53 आदिवासी मजदूरों को महाराष्ट्र के सोलापुर से रेस्क्यू किया है। इनमें 13 महिला मजदूर और 40 पुरुष मजदूर शामिल हैं।
  • इन मजदूरों को 500 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी का झांसा देकर महाराष्ट्र भेजा गया था, लेकिन उन्हें वहां मजदूरी नहीं दी गई और जबरन काम कराया गया।
  • कुछ मजदूरों ने भागकर पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी दी, जिसके बाद कार्रवाई की गई। पुलिस ने स्पेशल ऑपरेशन चलाकर मजदूरों को मुक्त कराया।
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