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राजस्थान और मध्य प्रदेश को जोड़ने के लिए कोटा रेल मंडल द्वारा तैयार किए गए कोटा-श्योपुर रेलमार्ग के सर्वे और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) का काम अब पूरी तरह से संपन्न हो चुका है। इस रेलमार्ग के निर्माण के बाद कोटा से श्योपुर होते हुए ग्वालियर तक यात्रा करना और भी आसान और तेज हो जाएगा। इस मार्ग पर काम शुरू होने के बाद लाखों लोगों को इसका फायदा मिलेगा और यह क्षेत्र दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण होगा।
कोटा-श्योपुर रेल मार्ग: एक नया बदलाव
कोटा और मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले को जोड़ने के लिए लगभग 103 किलोमीटर लंबी नई रेललाइन बिछाई जाएगी। यह पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिफाइड रेल मार्गइलेक्ट्रिफाइड होगा, जिससे इस पर तेज गति से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। इस परियोजना की लागत लगभग 375 करोड़ रुपए है और इसकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट को रेल मंत्रालय को भेज दिया गया है। एक बार डीपीआर को मंजूरी मिलते ही भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और इसके बाद निर्माण कार्य भी शुरू किया जाएगा।
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नए स्टेशन और कनेक्टिविटी
कोटा से ग्वालियर रेल कनेक्टिविटी कोटा-श्योपुर रेल मार्ग पर कुल 8 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें पीपल्दा, गणेशगंज, दोस्तपुरा, बड़ौद, उम्मेदपुरा, सुल्तानपुर, दीगोद और मोतीपुरा चौकी शामिल हैं। इस मार्ग के बनने से इन क्षेत्रों में रेलवे सेवा का विस्तार होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोग अब रेल यात्रा का लाभ उठा सकेंगे। इस रूट का विस्तार ग्वालियर तक किया जाएगा, जहां से अन्य प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी होगी।
श्योपुर से ग्वालियर ब्रॉडगेज लाइन
इस परियोजना का एक अहम हिस्सा श्योपुर से ग्वालियर तक की ब्रॉडगेज (Broad Gauge) लाइन का निर्माण है। वर्तमान में यह क्षेत्र नैरोगेज (Narrow Gauge) पर आधारित है, लेकिन इस नए काम से 180 किलोमीटर लंबी ब्रॉडगेज लाइन बिछाई जाएगी। इससे न केवल यात्रा की गति बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों को भी आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
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कनेक्टिविटी का विस्तार: लाखों लोगों को मिलेगा लाभ
इस रेलमार्ग के निर्माण से दोनों राज्यों के लोगों के बीच यात्रा करने की सुविधा में वृद्धि होगी। कोटा-श्योपुर-ग्वालियर रूट पर बिछाई जाने वाली रेल लाइन से उन गांवों को भी रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जो पहले इससे वंचित थे। इससे इन गांवों के निवासियों को न केवल रेल यात्रा का लाभ मिलेगा, बल्कि यह उनके लिए रोजगार और अन्य विकास के नए अवसर भी खोलेगा।
रेल मंत्रालय की स्वीकृति और भूमि अवाप्ति
कोटा-श्योपुर रेल लाइन परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को रेल मंत्रालय को भेज दिया गया है। यदि मंत्रालय से मंजूरी मिलती है, तो इसके लिए 584 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की जाएगी। इसमें 103 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन को कोटा से श्योपुर तक बिछाया जाएगा, जबकि श्योपुर से ग्वालियर तक ब्रॉडगेज लाइन के लिए भूमि और संसाधनों का प्रबंध किया जाएगा।
कोटा रेलवे मंडल की तैयारी
कोटा रेलवे मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने बताया कि परियोजना के लिए सभी आवश्यक सर्वे और योजना का काम पूरा हो चुका है। इसके बाद, जब इसे रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल जाएगी, तो निर्माण कार्य का शुभारंभ किया जाएगा। इससे कोटा-श्योपुर-ग्वालियर क्षेत्र में कनेक्टिविटी की स्थिति और बेहतर होगी, जिससे यात्रियों के लिए यात्रा का समय कम होगा और सुरक्षा के मानक भी बेहतर होंगे।