राजस्थान में मिड डे मील खाने से बच्चों की तबीयत बिगड़ी, 16 की हालत गंभीर

राजस्थान के दौसा जिले में मिड डे मील खाने से 100 से ज्यादा बच्चों की तबीयत बिगड़ी, 16 की हालत गंभीर, प्रशासन में हड़कंप मचा। जानिए पूरा विवरण।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान के दौसा जिले में शनिवार को  मिड डे मील खाने के बाद 100 से ज्यादा बच्चों की तबीयत बिगड़ गई, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। यह घटना नांगल राजावतान उपखंड के ग्राम पंचायत चूड़ियावास स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में घटी। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्चों की तबीयत खराब होने की वजह मिड डे मील में शामिल रोटी और आलू की सब्जी में फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) का संदेह जताया जा रहा है।

कैसे बिगड़ी बच्चों की तबीयत

ग्राम पंचायत चूड़ियावास स्थित विद्यालय में बच्चों ने मिड डे मील के रूप में रोटी और आलू की सब्जी खाई थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। बच्चों को अचानक पेट में दर्द हुआ और कई बच्चों को उल्टी आने लगी। स्कूल प्रशासन ने तुरंत इस घटना की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी और आनन-फानन में बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) ले जाया गया।

100 बच्चों का इलाज जारी, 16 की हालत गंभीर

इस घटना के बाद स्कूल परिसर में बच्चों के चिल्लाने और उल्टी करने की आवाजें सुनकर बाकी बच्चे घबराए हुए थे। अस्पताल में लगभग 100 बच्चों का उपचार चल रहा है, जबकि 16 बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। इन गंभीर बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल (District Hospital) रेफर किया गया है। इस घटना से इलाके में दहशत फैल गई, और बच्चों के परिजनों ने अस्पताल की ओर दौड़ लगा दी। अस्पताल के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई थी, क्योंकि सभी अपने बच्चों की सलामती को लेकर चिंतित थे।

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मिड डे मील की गुणवत्ता पर सवाल

यह घटना मिड डे मील योजना की गुणवत्ता और उसके निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े करती है। ऐसे मामलों में जहां बच्चों की सेहत दांव पर हो, वहां स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी और सख्त होनी चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और उसकी सफाई पर उचित ध्यान नहीं दिया गया था, जिसकी वजह से यह घटना घटी।

प्रशासनिक अधिकारियों का अस्पताल दौरा

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा किया। अतिरिक्त जिला कलक्टर रामस्वरूप चौहान, सीबीईओ सत्यनारायण मीणा, नांगल राजावतान थानाधिकारी हुसैन अली और कार्यवाहक तहसीलदार अजय मधुकर सहित कई अधिकारी अस्पताल पहुंचे और बच्चों का हालचाल लिया। अधिकारियों ने चिकित्साकर्मियों को निर्देश दिए कि वे इलाज में कोई लापरवाही न बरतें। प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई करने की बात की।

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ग्रामीणों में आक्रोश, स्कूल प्रशासन पर आरोप

 राजस्थान में मिड डे मील खाने से बच्चों की तबीयत बिगड़ी। इस घटना ने ग्रामीणों को भी आक्रोशित कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि मिड डे मील की गुणवत्ता में कमी और लापरवाही के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ी। उनका आरोप है कि आलू की सब्जी में कुछ गड़बड़ी थी, जिससे बच्चों को फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त जिला कलक्टर ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

FAQ

1. मिड डे मील खाने के बाद बच्चों की तबीयत क्यों बिगड़ी?
बच्चों की तबीयत बिगड़ने का कारण मिड डे मील में शामिल रोटी और आलू की सब्जी में फूड पॉइजनिंग का संदेह जताया जा रहा है। इसके कारण बच्चों को पेट दर्द, उल्टी और अन्य लक्षण दिखाई दिए।
2. कितने बच्चों को उपचार की आवश्यकता पड़ी?
इस घटना के बाद लगभग 100 बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार दिया गया, जिनमें से 16 बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई थी और उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया।
3. प्रशासन ने इस घटना के बारे में क्या कदम उठाए हैं?
घटना के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने तुरंत अस्पताल का दौरा किया और बच्चों का हालचाल लिया। उन्होंने चिकित्साकर्मियों को लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए और मामले की जांच का आश्वासन दिया।
4. ग्रामीणों ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा कि आलू की सब्जी खाने से बच्चों की तबीयत बिगड़ी। उन्होंने खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं।



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