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राजस्थान में इस मानसून में अब तक सामान्य से लगभग 88 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। इससे राज्य के 226 बांध पूरी तरह भर गए हैं या ओवरफ्लो हो गए हैं। वर्षा ने जलाशयों और बांधों को लबालब भर दिया है और कुछ बांधों के गेट भी खोलने पड़े हैं। यह स्थिति जल संग्रहण के लिए एक अच्छी शुरुआत है।
कब आया था मानसून ?
मानसून इस बार 18 जून को आया, जो सामान्य तिथि 25 जून से सात दिन पहले था। यह पिछले 25 वर्षों में तीसरी बार है जब मानसून ने समय से पहले राज्य में दस्तक दी। वर्तमान में, राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा की स्थिति अलग-अलग है, कुछ जगह हल्की तो कुछ जगह भारी बारिश हो रही है।
अब तक राजस्थान में कितनी वर्षा हुई है?
राज्य में 1 जून से 28 जुलाई 2025 तक 369.79 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य वर्षा 196.79 मिमी से 87.91 प्रतिशत अधिक है। इस दौरान, राज्य में औसतन 424.71 मिमी वर्षा होनी चाहिए, जिससे यह वर्ष जल संग्रहण के लिहाज से बेहतर साबित हो रहा है।
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सबसे अधिक वर्षा वाले क्षेत्र कौन - कौन से हैं ?
राजस्थान में सबसे अधिक वर्षा कोटा जिले के रामगंज मंडी क्षेत्र में हुई, जहां 1261 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इस वर्ष यह क्षेत्र वर्षा के लिहाज से सबसे आगे रहा है। मानसून वर्षा मेहरबान है। बांध ओवरफ्लो हो रहे हैं।
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बांधों में कुल जल संग्रहण क्षमता कितनी है ?
राजस्थान में कुल 693 बांधों की पूर्ण भराव क्षमता 13026.511 एमक्यूएम है। वर्तमान में इनमें 9813.162 एमक्यूएम जल संग्रहित है, जो कुल क्षमता का 75.33 प्रतिशत है। पिछले 15 जून से 28 जुलाई 2025 तक बांधों में 4167.89 एमक्यूएम (32 प्रतिशत) जल की आवक हुई है।
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क्या है राजस्थान के बड़े बांधों की स्थिति ?
राज्य के 23 वृहद बांधों में कुल जल संग्रहण क्षमता 8196.754 एमक्यूएम है, जिसमें से 6896.52 एमक्यूएम जल भर चुका है। यह 84.14 प्रतिशत जल संग्रहण को दर्शाता है। वहीं, 670 मध्यम और लघु बांधों में 60.39 प्रतिशत जल भरा हुआ है, जो 2916.64 एमक्यूएम है।
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राजस्थान में कौन - कौन से बांधों के खुले हैं गेट ?
राजस्थान के टोंक जिले स्थित बीसलपुर बांध के 6 गेट 27 जुलाई को खोले गए। यह पहली बार है जब बीसलपुर बांध जुलाई महीने में ओवरफ्लो हुआ है। इसी प्रकार, कोटा स्थित नवनेरा बांध के 13 गेट भी खोलने पड़े हैं। इसके अलावा, ईसरदा बांध के कैचमेंट एरिया में अच्छी वर्षा होने से जल प्रवाह शुरू हो गया है।
जल संग्रहण योजना पर क्या होगा असर ?
राज्य सरकार ने आगामी समय में बीसलपुर से ईसरदा बांध में जल संग्रहण की योजना बनाई है। कई अन्य बांध भी अपनी पूर्ण भराव क्षमता तक पहुंच गए हैं, जिससे जल संग्रहण water-storage की स्थिति में और सुधार होगा।
राजस्थान के प्रमुख बांधों की स्थिति
बांध का नाम | भराव क्षमता (एमक्यूएम) | वर्तमान भराव (एमक्यूएम) | प्रतिशत भराव (%) |
---|---|---|---|
राणाप्रताप सागर | 2905.23 | 2862.54 | 98.54 |
कोटा बैराज | 112.06 | 108.98 | 97.25 |
माही बजाज सागर | 2180.41 | 1792.49 | 82.21 |
बीसलपुर बांध | 1095.84 | 1095.84 | 100 |
मोरेल | 76.65 | 76.65 | 100 |
पार्वती बांध | 120.88 | 108.84 | 90.04 |
गुढ़ा बांध | 95.51 | 95.51 | 100 |
गलवा | 48.73 | 48.73 | 100 |
टोरड़ी सागर | 47.13 | 47.13 | 100 |
छापरवाड़ा | 34.99 | 34.99 | 100 |
सरदारसमंद | 88.22 | 88.22 | 100 |
पांचना | 59.45 | 49.99 | 84.09 |
नवनेरा बैराज | 226.65 | 121.23 | 53.49 |
ईसरदा बांध | 91.74 | 4.42 | 4.82 |
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