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Photograph: (the sootr)
राजस्थान यूनिवर्सिटी में आरएसएस के कार्यक्रम में कथित तोड़फोड़ के मामले में गिरफ्तार करके जेल भेजे गए एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ के मामले को लेकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में सोमवार को पुलिस महानिदेशक राजीव शर्मा से मिला और आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इसके साथ ही एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर गंभीर धाराओं में दर्ज किए गए मुकदमों पर भी सवाल खड़े किए। डीजीपी राजीव शर्मा ने इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने का आश्वासन दिया है।
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जहां पोस्टर फाड़े, वहां कार्यक्रम नहीं
पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी में आरएसएस के कार्यक्रम को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ता प्रशासन से विरोध प्रदर्शन करने की मांग कर रहे थे, जो कि लोकतांत्रिक था, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन इसे टालता रहा और जब ऐन वक्त पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली तो एनएसयूआई के तीन-चार लड़के झंडा लेकर चले गए। उन्होंने केवल सांकेतिक प्रदर्शन किया था।
गंभीर धाराओं में केस बना दिया
डोटासरा ने कहा कि जहां पर एनएसयूआई कार्यकर्ता ने पोस्टर फाड़ा, वहां पर आरएसएस का कार्यक्रम नहीं चल रहा था। उन्होंने अपना कार्यक्रम अलग जगह किया था। पीसीसी चीफ ने कहा कि केवल पोस्टर फाड़ने पर 151 का मामला बनता था, लेकिन एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई अध्यक्ष सहित नौ लोगों को गिरफ्तार कर रखा है, जबकि 16 लोगों पर अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर रखे हैं।
गाड़ियां तोड़ने वाले पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई?
डोटासरा ने कहा कि हमने पुलिस महानिदेशक को कहा है कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की गाड़ियां तोड़ने वाले पुलिसकर्मियों पर प्रशासन ने क्या कार्रवाई की है, जबकि वह वीडियो में गाड़ियां तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि छात्र केवल इस बात का विरोध कर रहे थे कि शिक्षा के मंदिर में शस्त्र पूजन की इजाजत कैसे दी जा सकती है।
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RSS कार्यकर्ताओं पर कब होगी कार्रवाई?
डोटासरा ने कहा कि हमने डीजीपी से कहा है कि एनएसयूआई के जिस कार्यकर्ता को 20-25 संघ कार्यकर्ताओं ने पीटा था, वह अस्पताल में भर्ती है। उसकी ओर से 5 दिन पहले ही एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, लेकिन पुलिस ने अब तक इस मामले में क्या किया। आरएसएस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी कब होगी? उन्होंने कहा कि एनएसयूआई के जिस बच्चे को पीटा गया है, उस पर भाले और त्रिशूल के घाव हैं।
दलित बच्चा है, तो जेल में डाल दो
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान में तानाशाही सरकार चल रही है। हमने डीजीपी से मुलाकात करके अपनी बात रखी है और जो हमारी ओर से एफआईआर करवाई, उस पर कार्रवाई की मांग के साथ ही संघ की ओर से दर्ज कराई गई झूठी एफआईआर की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि राजस्थान पुलिस संघ के इशारे पर काम कर रही है और शिक्षा के मंदिर को राजनीतिक अखाड़ा बनाने का काम किया जा रहा है, जो हम नहीं होने देंगे।
हमारे बच्चे शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे
जूली ने कहा कि अगर दलित और ओबीसी का बच्चा है, तो उसे जेल में डाल दो, यह हम नहीं होने देंगे। जूली ने कहा कि हमारे बच्चे शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। 151 का मामला दर्ज कर सकते थे, लेकिन हमारे एनएसयूआई के अध्यक्ष जिसका अभी एक महीने पहले ही हार्ट में स्टंट डाला है, उसे उठाकर जेल में बंद कर दिया।
हम कार्रवाई से डरने वाले नहीं
पुलिस एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की गाड़ियां तोड़ रही है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हमने इस मामले में पुलिस महानिदेशक से निष्पक्ष जांच की मांग की है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा की सरकारें बहुजन विरोधी हैं, लेकिन हम इन कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं।