राजस्थान: जनता कर रही है इंतजार, भूमि पट्टा जारी करने में स्थानीय निकाय सुस्त

राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद भूमि पट्टों की प्रक्रिया धीमी हो गई है। अब तक 25% आवेदनों का ही निस्तारण हुआ है, जिससे नागरिकों को असुविधा हो रही है।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में सरकार के बदलने के बाद भूमि पट्टों (Land Patta) की प्रक्रिया काफी धीमी हो गई है। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद, राज्यभर के नगर निकायों में अब तक केवल 25 प्रतिशत आवेदनों का निस्तारण किया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 162,682 आवेदन जमा किए गए हैं, जिनमें से केवल 41,038 पट्टों को मंजूरी दी गई है। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि सिर्फ 25 प्रतिशत ही पट्टे बनाए जा सके हैं।

तीन नगर निगमों में नहीं बना एक भी पट्टा

इस प्रक्रिया में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि राजस्थान के तीन प्रमुख नगर निगमों—बीकानेर, उदयपुर और जोधपुर नॉर्थ—में एक भी पट्टा जारी नहीं किया गया है। इन नगर निगमों में 122,544 आवेदन पेंडिंग पड़े हैं, जो पट्टे जारी न होने की स्थिति को दर्शाता है। कुछ अन्य नगर निगमों में काम हुआ है, लेकिन बहुत कम। कुछ जगहों पर केवल एक तो कहीं 6 पट्टे जारी किए गए हैं।

पट्टों की स्थिति

राज्य के 13 नगर निगमों में कुल 38,802 आवेदन जमा हुए थे, जिनमें से केवल 9,065 आवेदनों पर काम हुआ। यानी कि केवल 23 प्रतिशत पट्टे ही जारी हो पाए। नगर परिषदों में 65,186 आवेदन जमा हुए, जिनमें से 17,943 मंजूर किए गए। वहीं, नगर पालिकाओं में 58,694 आवेदन आए, जिनमें से 13,130 पट्टे जारी किए गए। ये आंकडे स्थानीय निकाय निदेशालय की ऑनलाइन ​रिपोर्ट पर आधारित हैं। ऑनलाइन रिकार्ड दर्ज करने में देरी की वजह से पट्टों के विवरण में भिन्नता आ सकती है। 

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इन नगरपालिकाओं में नहीं हुआ कोई कार्य

कुछ नगरपालिकाओं में स्थिति और भी खराब रही। सवाईमाधोपुर, इटावा, पिलानी, रामगढ़, माउंट आबू, फलkदी, सूरतगढ़ और श्रीडूंगरगढ़ जैसी नगरपालिकाओं में एक भी पट्टा जारी नहीं किया गया। यह नगरपालिकाओं की कार्यप्रणाली में गंभीर कमी को दर्शाता है।

जयपुर में पट्टे के लिए शिविरों का इंतजार

जयपुर की स्थिति और भी जटिल हो गई है। जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) में कॉलोनियों के नियमन शिविरों के अभाव में हजारों लोग पट्टे का इंतजार कर रहे हैं।

जेडीए के अधिकारियों का कहना है कि जब तक राजस्थान सरकार  से स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिलते, तब तक शिविर लगाना संभव नहीं है।

दरअसल, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत करीब चार हजार कॉलोनियों के नियमन शिविर लगाए थे, जिससे न केवल जेडीए को राजस्व मिला था, बल्कि नागरिकों को भी अपने भूखंड का पट्टा मिल गया था।

राजस्थान भूमि नियमन भूमि पट्टा प्रक्रिया 

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FAQ

1. राजस्थान में पट्टों की प्रक्रिया इतनी धीमी क्यों हुई है?
भाजपा सरकार के आने के बाद से भूमि पट्टों की प्रक्रिया में रुकावट आ गई है। कई नगर निगमों में आवश्यक दिशा-निर्देशों का अभाव और अन्य प्रशासनिक समस्याएं इस धीमी प्रक्रिया का कारण बनी हैं।
2. राजस्थान में किन नगर निगमों में कोई पट्टा जारी नहीं किया गया?
बीकानेर, उदयपुर और जोधपुर नॉर्थ नगर निगमों में अब तक कोई पट्टा जारी नहीं किया गया है, जबकि अन्य नगर निगमों में भी स्थिति बहुत बेहतर नहीं रही है।
3. जयपुर में पट्टे की प्रक्रिया में देरी क्यों हो रही है?
जयपुर में कॉलोनियों के नियमन शिविरों की कमी और सरकार से स्पष्ट दिशा-निर्देशों की अनुपलब्धता के कारण पट्टे की प्रक्रिया में देरी हो रही है।

 

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