राजस्थान में वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत क्यों हुए एक्टिव ? नेताओं से मुलाकात, दौरे और बयानों पर चर्चा ?

राजस्थान में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ( VASUNDHARA RAJE) और अशोक गहलोत (ASHOK GEHLOT ) बेहद एक्टिव हो गए हैं । इन दोनों नेताओं के दौरे से सियासी पारे में उछाल आ गया।

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Santosh Kumar pandey
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राजस्थान में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ( Vasundhra raje) और अशोक गहलोत (ASHOK GEHLOT )  इन दिनों एक्टिव हो गए हैं । इन दोनों नेताओं के दौरे से यहां  के सियासी पारे में उछाल आ गया है। 

राजस्थान में जहां तेज बारिश होने से मौसम में नमी है ,लेकिन सियासत में गर्माहट महसूस हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत बेहद सक्रिय नजर आ रहे हैं। इन दोनों नेताओं ने राजस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में दौरे शुरू कर दिए हैं। इन नेताओं के समर्थक भी अब खुलकर बोल रहे हैं, जिसे कई घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है। 

इसके साथ ही राजस्थान के कुछ दिग्गज नेताओं ने भी अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे से मुलाकात करना शुरू कर दिया है। अभी तक ज्यादातर नेताओं ने  एक अघोषित दूरी बना रखी थी। मगर, अब अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की सक्रियता ने कई सवालों को जन्म दिया है।

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अशोक गहलोत ने अपनाया नया तरीका ? 

राजस्थान में अशोक गहलोत की राजनीतिक स्टाइल बेहद सरल तरीके से काम करने की रही है । इन दिनोंअशोक गहलोत ने एक नया तरीका अपनाया है । ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं। इस दौरान लोगों की भीड़ दिखाने की पूरी कोशिश रहती है। सोशल मीडिया पर  वीडियो भी डाले जा रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस तरह की सक्रियता से कई नेताओं में खलबली है। हालांकि, कांग्रेस के ही सूत्र बता रहे हैं कि जबसे  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी ही पार्टी के नेताओं को लंगड़ा घोड़ा बता दिया था और कहा था कि उन्हें रेस से बाहर किया जाएगा,  तभी से कई नेताओं ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।

सचिन पायलट के दौसा वाले कार्यक्रम में जाना और खुलकर नेताओं पर हमला बोलना ये सब नई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

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पीएम ने वसुंधरा राजे को बहन कहा !

मई में बीकानेर दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने मंच से वसुंधरा राजे को बहन कह दिया। उसके बाद से यहां पर एक नई राजनीति की चर्चा शुरू हो गई। वसुंधरा राजे ने उसके बाद से लगातार दौरे शुरू कर दिए। पुराने नेताओं ने उनसे मुलाकात भी शुरू कर दी। सीकर के पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने पिछले दिनों राजे से मुलाकात की है। सोशल मीडिया पर लगातार उनकी पोस्ट भी आ रही है। वहीं, भाजपा सूत्रों का कहना है कि अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा होनी है। उस परिप्रेक्ष्य में इसे देखा जा रहा है।  राजस्थान भाजपा के नेताओं में हलचल है।

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दौरे और हलचल   

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की बढ़ती सक्रियता ने हलचल बढ़ा दी है। दोनों ही दलों में कोई खुलकर नहीं बोल रहा है। हालांकि, इशारों में लोग बहुत कुछ कह रहे हैं। अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का जब प्रस्ताव मिला था तब उन्होंने उसे ठुकरा दिया। अब क्या अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष  बनना चाह रहे हैं ? वसुंधरा राजे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। दो बार सीएम रह चुकी हैं। अब उनकी महत्वाकांक्षा क्या है, इस पर सभी की निगाह है। राजे और गहलोत के समर्थक इस समय बेहद उत्साहित हैं। 

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संगठन और सरकार में बढ़े वर्चस्व ? 

वसुंधरा राजे  ने अब संगठन और सरकार में अपना वर्चस्व बनाने और बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। उनके गुट के विधायक मंत्रिमंडल में जगह चाहते हैं। मंत्रिमंडल में बदलाव की सुगबुगाहट है। वसुंधरा गुट के विधायकों की भी इस पर निगाह है। वहीं, अशोक गहलोत का गुट चाहता है कि राजस्थान कांग्रेस का अध्यक्ष उनके फेवर का बने, जिससे संगठन में अशोक गहलोत का वर्चस्व बना रहे। 

FAQ

क्या वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की बढ़ती सक्रियता सियासी रणनीतियों को प्रभावित कर रही है?
हां, वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की बढ़ती सक्रियता ने राजस्थान की सियासत को नए आयाम दिए हैं। दोनों नेताओं की सक्रियता से उनके समर्थकों में उत्साह और विरोधी दलों में घबराहट बढ़ी है।
अशोक गहलोत की ट्रेन यात्रा का राजनीतिक महत्व क्या है?
अशोक गहलोत की ट्रेन यात्रा एक रणनीतिक कदम है, जिससे वह जनता से सीधे जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस कदम से उनकी सादगी को जनता के बीच और लोकप्रियता मिल सकती है, लेकिन पार्टी में इसे लेकर घबराहट भी है।
वसुंधरा राजे के दौरे और बयान क्यों महत्वपूर्ण हैं?
वसुंधरा राजे का प्रधानमंत्री मोदी से बहन कहा जाना और उसके बाद उनके दौरे ने उनकी राजनीतिक सक्रियता को नई दिशा दी है। राजे की राजनीतिक हलचलों को आगामी चुनावों और भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के संदर्भ में देखा जा रहा है।

FAQ

क्या वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की बढ़ती सक्रियता सियासी रणनीतियों को प्रभावित कर रही है?
हां, वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की बढ़ती सक्रियता ने राजस्थान की सियासत को नए आयाम दिए हैं। दोनों नेताओं की सक्रियता से उनके समर्थकों में उत्साह और विरोधी दलों में घबराहट बढ़ी है।
अशोक गहलोत की ट्रेन यात्रा का राजनीतिक महत्व क्या है?
अशोक गहलोत की ट्रेन यात्रा एक रणनीतिक कदम है, जिससे वह जनता से सीधे जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस कदम से उनकी सादगी को जनता के बीच और लोकप्रियता मिल सकती है, लेकिन पार्टी में इसे लेकर घबराहट भी है।
वसुंधरा राजे के दौरे और बयान क्यों महत्वपूर्ण हैं?
प्रधानमंत्री मोदी का वसुंधरा राजे को बहन कहना और उसके बाद वसुंधरा राजे के दौरे ने उनकी राजनीतिक सक्रियता को नई दिशा दी है। राजे की राजनीतिक हलचलों को आगामी चुनावों और भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के संदर्भ में देखा जा रहा है।

 

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