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Photograph: (the sootr)
Jaipur. देवउठनी एकादशी के दिन से वैवाहिक और अन्य मांगलिक कार्यक्रम प्रारंभ होने से ठीक एक दिन पहले राजस्थान में करीब साढ़े सात हजार से ज्यादा स्लीपर बसों का संचालन बंद हो गया है। प्राइवेट ऑपरेटर्स ने यह कदम जैसलमेर बस हादसे के बाद सरकार की सख्ती के विरोध में उठाया है।
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ज्यादा किराया वसूल रहे
प्राइवेट बस संचालकों का दावा है कि एक नवंबर से जयपुर सहित प्रदेशभर में बंद हुई बसों के कारण 3 लाख लोगों को परेशान होना पड़ेगा और हजारों यात्री अलग-अलग शहरों में फंस गए हैं। निजी बस संचालक ऑनलाइन बुकिंग पहले ही बंद कर चुके हैं। हालांकि हड़ताल के बावजूद कुछ बसें चल रही हैं और हालात का फायदा उठाकर यह बस संचालक यात्रियों से पांच से छह गुना ज्यादा किराया वसूल रहे हैं।
टूरिस्ट सेक्टर भी प्रभावित
ऑल इंडिया टूरिस्ट बस एसोसिएशन के आह्रान पर निजी बसों की हड़ताल से टूरिस्ट इंडस्ट्री भी सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है। अधिकांश स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में कमी हो गई है। टूरिस्ट और होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि बजट में घूमने आने वाले सैलानियों की बुकिंग रद्द हो रही हैं।
यह उठाना चाहिए था कदम
इंडस्ट्री का कहना है कि निजी बसों को सीज करने के स्थान पर नियमों के अनुसार मापदंड पूरे करवाने चाहिए। इससे सुरक्षा मापदंड की पालना तो होगी ही। वहीं किसी भी व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव भी नहीं होगा।
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हजारों रोजगार हो रहे हैं प्रभावित
निजी बसों की हड़ताल के कारण हजारों लोगों का रोजगार प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो रहा है। निजी बसों पर काम करने वाले ड्राइवर और कंडक्टर आदि सहित बुकिंग एजेंट व इनके यहां काम करने वाले, सामान ढोने वाले चालक आदि हजारों रोजगार प्रभावित हो रहे हैं। छोटे व्यापारियों का होने वाला आवागमन भी प्रभावित हो रहा है।
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अपने ही काम पर उठा रहा सवाल
ऑल राजस्थान कॉन्टैक्ट कैरिज बस ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा का कहना है कि सभी बसों को परिवहन विभाग ने ही पास किया और परमिट दिए हैं। जैसलमेर बस अग्निकांड के बाद बसों में कमियां ​निकालकर परिवहन विभाग अपने ही काम पर सवाल खड़ा कर रहा है। सभी निजी बस संचालकों को नियम के अनुसार बसों की कमियां दुरस्त करने के लिए समय दिया जाए। इसके बाद कार्रवाई की जाए।
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दो दिन बाद सभी हड़ताल में शामिल
सरकारी सख्ती के विरोध में सभी बस संचालक हड़ताल में शामिल नहीं हैं। प्राइवेट बस ऑपरेटर एसोसिएशन (स्टेज कैरिज) सरकार की कार्रवाई का समर्थन कर रहा है और हड़ताल में शामिल नहीं है। देवउठनी एकादशी पर बारात व विवाह समारोहों के लिए पूर्व से बुक हो चुकी बसों को हड़ताल में शामिल होने से छूट दी हुई है। जैसे ही इन बसों का काम पूरा होगा, वैसे ही ये भी हड़ताल में शामिल होंगे।
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