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Photograph: (The Sootr)
सुनील जैन
राजस्थान सरकार हैल्थ स्कीम (RGHS) में बड़ा घोटाला सामने आया है। यह ऐसा घोटाला है, जिसमें लालची डॉक्टरों ने बिना जांच के फर्जी पर्चियां बनाकर मरीजों को महंगी और अनावश्यक दवाएं दे दी। मेडिकल स्टार मालामाल हो गए। प्रारंभिक जांच में अकेले अलवर जिले में यह घोटाला करीब 100 करोड़ रुपए का आंका गया है। यह घोटाला उजागर होने के बाद राजगढ़ व रामगढ़ सामुदायिक केंद्र और अलवर शहर की पहाड़गंज और शिवाजी पार्क डिस्पेंसरी के 11 डॉक्टरों को नोटिस जारी किए गए हैं। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की इस कैशलेस चिकित्सा योजना में अलवर जिले में सबसे अधिक लूट राजगढ़ में मची है। यहां के सात डॉक्टरों को नोटिस दिए गए हैं। यहां सबसे बड़ी बात तो ये है कि बिना बीमारी दवा दी गई। गर्भवती को बांझपन की गोली दे दी। आंखें ठीक, फिर भी आई ड्रॉप लिख दी गई। गेस्ट्राइटिस, डिप्रेशन व फंगल इंफेक्शन बीमारियों का उपचार बिना एंडोस्कोपी कराए महंगी दवाएं दी गई।
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ऑडिट में उजागर हुआ घोटाला
यह घोटाला चिकित्सा विभाग के ऑडिट सेल की जांच में उजागर हुआ। बिक्री और परचेज बिलों में भारी अंतर के कारण यह घोटाला पकड़ में आया है। डॉक्टरों द्वारा लिखी जेनेरिक दवाओं की अनावश्यक रूप से ब्रांडेड दावों का बिल बनाया गया। आरजीएचएस के इस घोटाले को अलवर में डॉक्टरों और मेडिकल स्टोरों की मिलीभगत से अंजाम दिया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेंद्र शर्मा ने बताया कि जयपुर क्वालिटी सेल से सूचना मिली कि मरीजो को अनावश्यक दवाई लिखी गई है महंगी दवाई लिखी गई है। बिना जांच के ब्रांडेड दवाई लिखी गई है। सभी डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। बिना बीमारी के क्यों दवाई लिखी गई। अगर जवाब सही नहीं मिला तो कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में मेडिकल स्टोर के लाइसेंस सस्पेंड हो सकते हैं और रिकवरी भी की जा सकती है।
बरसों से चल रहा था घोटाला
चिकित्सा विभाग की क्वालिटी कंट्रोल परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि अलवर की शिवाजी पार्क पीएचसी के डॉक्टरों ने तो गर्भवती महिला को बांझपन की दवाएं दे दी। ये फर्जीवाड़ा कई साल से बदस्तूर चलता आ रहा है। पहाड़गंज पीएचसी में जिसकी आंखें पूरी तरह सही हैं उसको आई ड्रॉप लिख दी। जिसका बकायदा बिल भी बनाया गया। सीएचसी रामगढ़ में तो पति-पत्नी को हूबहू दवाएं लिखी। जो मरीज डायबिटिक ही नहीं उसे शुगर की दवाएं दी। जिसका हार्ट पूरी तरह दरुस्त उसे तीन-तीन ब्रांड की महंगी दवाएं थमा कर मोटे बिल बनाए गए।
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RGHS योजना क्या है?आरजीएचएस (RGHS) का मतलब राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना है। यह राजस्थान राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक स्वास्थ्य बीमा योजना है। यह योजना राज्य सरकार के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों को स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों को समान रूप से और एक ही स्थान पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है। आरजीएचएस योजना के तहत, लाभार्थियों को कैशलेस उपचार, OPD सुविधाएं, और गंभीर बीमारियों के लिए अतिरिक्त कवरेज जैसी सुविधाएं मिलती हैं। योजना पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिसमें आवेदन और दावा प्रक्रिया भी ऑनलाइन होती है। आरजीएचएस योजना के मुख्य बिंदु क्या हैं?
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स्टॉक में दवा नहीं, हो गई बिलिंग
नियम ये है कि सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवा ही लिख सकते है। अगर किसी बीमारी की जेनरिक दवा नहीं है तो बाहर की दवा लिखी जा सकती है। लेकिन, इन दवाओं के बाहर के मेडिकल स्टोर से बिल बनवाया गया। ये सारा खेल मेडिकल हॉल पर ही खेला गया। स्टॉक में दवा नहीं। लेकिन बिलिंग कर दी गई। रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के अकेले अलवर जिले में करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक दवाओं में डॉक्टर व मेडिकल स्टोर संचालक मिलकर खा गए। कई जगहों पर डुप्लीकेट पर्चियां मिली हैं।
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इन डॉक्टरों को दिए गए नोटिस
ऑडिट सेल की रिपोर्ट के आधार पर ये नोटिस राजगढ़ के डॉक्टर जितेंद्र मीणा डॉक्टर गोविंद सहाय, डॉक्टर दिनेश जैन,डॉक्टर एमपी मीणा, डॉक्टर मीना गुप्ता ,डॉक्टर सिद्धार्थ, डॉक्टर कमलेश, पहाड़गंज डिस्पेंसरी के डॉक्टर सुधांशु, शिवाजी पार्क डिस्पेंसरी के डॉक्टर रतनलाल बेरवा और रामगढ़ अस्पताल के डॉक्टर विश्वेंद्र व डॉ बाबूलाल को नोटिस दिए गए हैं।
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बांटी गई महंगी आयुर्वेद दवाएं
रिपोर्ट के अनुसार इस योजना में फर्जी तरीके से आयुर्वेद दवाएं चतुर्मुख रस, ब्रह्मी वटी, स्वास्कस चिंतामण रस, यकृत रसायन, अभ्रकमासिक भषम बांट दी गई। इन दवाओं की कीमत अधिक होती है। ये विशेष श्रेणी की दवाएं हैं, जो खास बीमारी में ही दी जाती है। लेकिन जांच में सामने आया कि इन्हें बिना जरूरत के बांट दिया गया।
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